एक दिन सीमा अपनी गाड़ी चलाते हुए औफिस से घर जा रही थी. अचानक किसी बाइक वाले ने गलती से सीमा की गाड़ी में टक्कर मार दी. हमेशा शांत रहने वाली सीमा अचानक भरी सड़क पर बाइक वाले से लड़ने लगी. बाइक वाले द्वारा बारबार माफी मांगने पर भी वह अपना आपा खो बैठी और आधे घंटे तक लड़ती रही. दरअसल, उसे पैनिक अटैक आ गया था और उसे कुछ समय बाद एहसास हुआ, जिस से उसे बहुत शर्मिंदगी हुई, उस घटना के बाद वह हमेशा ड्राइविंग से कतराने लगी. हालांकि सिर्फ ड्राइविंग कम करने से भी यह परेशानी दूर नहीं हुई बल्कि समय के साथ उस की बेचैनी बढ़ने लगी. छोटीछोटी बातों पर वह अपना आपा खो बैठती.

यह देख कर सीमा के पति पंकज ने सीमा को बिना बताए डाक्टर से सलाह लेने की सोची और डाक्टर ने उन्हें सीमा को ठीक करने के तरीके बताए, जिस से सीमा स्वस्थ और पहले जैसी शांत महसूस करने लगी.

पैनिक डिसऔर्डर एक ऐसा मनोरोग है जिस में किसी बाहरी खतरे के बावजूद विभिन्न शारीरिक लक्षणों, मसलन, दिल की धड़कन का असामान्य हो जाना तथा चक्कर आना आदि के साथ लगातार और आकस्मिक रूप से रोगी आतंकित हो जाता है. ये आतंकित कर देने वाले दौरे, जो कि पैनिक डिसऔर्डर की पहचान हैं, तब आते हैं जब किसी खतरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने की सामान्य मानसिक प्रक्रिया तथा कथित संघर्ष अनुपयुक्त रूप से जाग जाता है.

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पैनिक डिसऔर्डर से ग्रस्त अधिकतर लोग अगले अटैक की संभावना को ले कर चिंतित रहते हैं और उन स्थितियों से बचने की कोशिश करते हैं जिन में उन के अनुसार यह भय का दौरा पड़ सकता है.

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