डिप्रैशन की पकड़ में व्यक्ति कभी न कभी आता ही है और व्यक्ति का मन उदास व बुझाबुझा हो जाता है. कई बार डिप्रैशन इतना हावी हो जाता है कि अस्तित्व शून्य लगने लगता है और तब व्यक्ति खुद को कमतर स्वीकारते हुए दया का पात्र मानने लगता है. संसार के दोतिहाई लोग डिप्रैशन की गिरफ्त में हैं. कारण कुछ भी हो सकते हैं, जैसे आज की प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाना, परिवार की बेरुखी या साथ छूटना, आधुनिक जीवनशैली के पीछे दौड़तेदौड़ते थक जाना आदि.

डिप्रैशन से बचें ऐसे

  1. ऐसे लोगों से मित्रता न करें जो आप को कमतर दिखाते हैं या आप में हीनता की भावना उड़ेलते हैं.
  2. उदासी, निराशा की भावना पैदा होने की आशंका होते ही आप किसी अच्छे मित्र, पड़ोसी से बातें करिए.
  3. फोन पर बातें करिए, मनपसंद म्यूजिक सुनिए, कोई वाद्ययंत्र बजाइए या बाहर घूमने निकल जाइए. यानी अपने मन और विचारों को दूसरी राह पर ले जाइए ताकि तनाव की स्थिति दूर हो जाए.
  4. खुद को किसी रचनात्मक कार्य में व्यस्त कीजिए. किसी की सहायता कीजिए. ऐसे कार्यों से आत्मविश्वास बढ़ता है व आत्मसंतुष्टि मिलती है और ऐसी भावनाएं, तनाव को छूमंतर कर देती हैं.
  5. खुद पर तरस खा कर दुखी न हों. अगर कोई कार्य गलत हो गया है तो पछताएं नहीं. उसे भूल जाएं. घुड़सवारी करने वाला ही घोड़े से गिरता है लेकिन फिर उठ कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ जाता है. आप जीवन को एक सीढ़ी मानें. इस सीढ़ी पर चढ़तेचढ़ते कभी फिसल भी जाएं तो दोबारा संभल कर, आंखें खोल कर पूरी ताकत के साथ फिर चढि़ए.
  6. जिंदगी में सबकुछ नहीं मिलता. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि जीवन की छोटीछोटी उपलब्धियों पर खुश होना, आगे बढ़ने का उत्साह देता है. आप खाली आधा गिलास न देख कर आधा भरा हुआ गिलास देखें.
  7. असंतुष्टि की भावना कुछ समय तक घेरती है. यह स्थायी तभी होती है जब असफलता पर बारबार रोया जाए. इस स्थिति से बचिए. इस के लिए कार्यप्रणाली में, विचारों में परिवर्तन लाइए, नए तरीके, नई तकनीक अपनाइए. हर हाल में डिप्रैशन से दूर रहने के मार्ग ढूंढ़ते रहिए.
  8. अपने भूतकाल की असफलताओं तथा दुखद अनुभवों को मन या विचारों पर दस्तक न देने दें. भविष्य की ओर दृष्टि रख, वर्तमान पर जमा कर कदम रखें. लक्ष्य तक पहुंचने की इच्छा ही उत्साह जागृत करेगी. ऐसे में नकारात्मक विचारों को आने का न तो वक्त मिलेगा और न स्थान.
  9. हर दिन हंसने के लिए बच्चों के साथ कुछ समय व्यतीत करें. हंसी के प्रोग्राम जैसे लाफ्टर चैनल देखें, चुटकुले पढ़ें व बच्चों को सुनाएं, बच्चों का खुश होना आप की खुशी को दोगुना कर देगा.
  10. हर दिन ऐक्सरसाइज करें. इस से खुशी देने वाले हार्मोंस उत्पन्न होते हैं जैसे सेरोटोनिन आदि. इस के द्वारा गुडफीलिंग तथा विचारों को सकारात्मकता मिलती है. ऐक्सरसाइज में आप 15-20 मिनट की ब्रिस्क वाक द्वारा इस हार्मोंस की उत्पत्ति पा सकते हैं.
  11. बैलेंस्ड डाइट लें, जंक फूड से बचें ताकि एनर्जी लेवल ऊंचा रहे.
  12. अपने खास मित्रों व परिवारजनों से तनाव को बांटिए ताकि कोई नई राह निकले और डिप्रैशन से बाहर आ सकें.
  13. फालतू की भावनाओं की गठरी को सिर पर न लादिए. माफ करना शुरू कर दीजिए. नकारात्मक घटनाओं व विचारों को भूलना सीखिए.
  14. नजरिया बदलिए, पुरानी बातों पर ही मत चिपके रहिए. रुका पानी सड़ने लगता है इसलिए चलिए और सोचिए कि कुछ भी खराब नहीं है.

खुश रहने के लिए कुछ मजेदार बातें कीजिए. मजेदार काम कीजिए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...