हम में से प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी आयुवर्ग का हो को शरीर के प्रति सजग होना चाहिए. बचपन से ही हमें शारीरिक व्यायाम, सैर करना, टहलना, आउटडोर गेम खेलना, पैदल चलना, अपने काम स्वयं करना जैसी आदतें जीवनशैली का हिस्सा बनानी चाहिए. यदि जीवन के आरंभिक काल से ही शरीर के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए तो स्वास्थ्य बेहतर बन सकता है.
हैल्दी फूड
शारीरिक स्वास्थ्य का दूसरा मुख्य पहलू है हमारा भोजन क्योंकि शरीर को ऊर्जा प्रदान करना इसी का कार्य है. संतुलित भोजन खाने की आदत भी बचपन से ही डाली जानी चाहिए. हमें अपनी थाली में सभी रंगों को शामिल करना चाहिए. उदाहरण के लिए एक पौष्टिक थाली में हरा, सफेद, लाल, पीला सभी रंग होने चाहिए. हरे रंग का मतलब सलाद, हरी सब्जियां, सफेद यानी दही, चावल, चपाती, लाल यानी टमाटर, गाजर, पीला यानी दालें.
इस प्रकार का भोजन हमारे शरीर को वसा, कार्बोज, विटामिन, प्रोटीन और मिनरल सभी संतुलित मात्रा में प्रदान करता है.
आजकल की जीवनशैली में समय की कमी होने के कारण हम लंच में एक बर्गर और कोल्डड्रिंक ले लेते हैं. इस से हमारा पेट तो भर जाता है पर धीरेधीरे शरीर को पोषक तत्त्व मिलने बंद हो जाते हैं और हम मोटापे, शुगर, ब्लडप्रैशर जैसी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.
शरीर को पोषक तत्त्व मिलें, इस के लिए हमें सजग रहने की आवश्यकता है. हम कितने भी व्यस्त क्यों न हों, कुछ हैल्दी आदतों को अपने जीवन में शामिल करें. उदाहरण के लिए किसी भी आयुवर्ग के लोग बिना मेहनत के केला तथा सेब जैसे फल आसानी से बिना काटे खा सकते हैं. अधिक से अधिक पानी पिएं. कोल्डड्रिंक के बजाए नारियल पानी पिएं.
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