सब्जी की दुकान पर आपने लंबी हरी-हरी सहजन की फलियां तो देखी होंगी, जिसे सुरजने की फली या कुछ क्षेत्रों में मुंगने के फली भी कहा जाता है. सहजन की यह फली केवल बढ़िया स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत और सौंदर्य के बेहतरीन गुणों से भी भरपूर है.

सहजन में एंटी बैक्टीरियल गुण होता है, इसलिए त्वचा पर होने वाली कोई समस्या या त्वचा रोग में यह बेहद लाभदायक है. सहजन का सूप खून की सफाई करने में मददगार है. खून साफ होने की वजह से चेहरे पर भी निखार आता है. इसकी कोमल पत्तियों और फूलों को भी सब्जी के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जो आपको त्वचा की समस्याओं से दूर रखकर जवां बनाये रहने में मददगार है. महिलाओं के लिए तो सहजन का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. यह पीरियड्स सम्बन्धी परेशानियों के अलावा गर्भाशय की समस्याओं से भी बचाये रखता है और उन्हें बेहतर सेक्स लाइफ प्रदान करता है.

आज की जिन्दगी में कौम्पटीशन बहुत बढ़ गया है. हर आदमी काम के बोझ से दबा हुआ है. सुबह और शाम काम ही काम. ऐसे में मैरिज लाइफ पर इफेक्ट पड़ना तो लाजिमी है. थकान की वजह से कई-कई दिन गुजर जाते हैं कि पति-पत्नी को रोमांस का वक्त ही नहीं मिलता है. वक्त मिलता है तो लोग सेक्स से ज्यादा सोना पसन्द करते हैं. मानसिक और शारीरिक थकान वैवाहिक जीवन का सुख नहीं लेने देती. ऐसे में सहजन का सूप वह फाायदा देगा, जो किसी डौक्टर की दवाई नहीं दे सकती. इससे आपकी सेक्सुअल हेल्थ बेहतर हो जाएगी.

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इसमें जरा भी शक नहीं है कि सहजन आपकी सेक्स पावर को बढ़ाने में मदद करता है. इस मामले में यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए फायदेमंद है. पुरुषों में यह शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और वीर्य को गाढ़ा करने में मददगार है. गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है. गर्भावस्था में इसका सेवन करते रहने से शिशु के जन्म के समय आने वाली समस्याओं से भी बचा जा सकता है.

बचपन में नानी-दादी सहजन यानी ड्रमस्टिक की सब्जी, सूप वगैरह कितने चाव से बनाती-खिलाती थीं. हम सहजन के टुकड़ों को दाल में, सांभर में, सब्जी या गोश्त के साथ कैसे मजे ले-लेकर चूस-चूस कर खाते थे. दक्षिण भारतीय लोग तो अपने ज़्यादातर भोज्य पदार्थों में सहजन का इस्तेमाल करते हैं, चाहे साम्भर हो, रस्म हो या मिक्स वेज. दरअसल हमारे बुजुर्ग जानते हैं कि सहजन में कई तरह के रोगों को दूर करने की क्षमता है. सर्दी-खांसी, गले की खराश और छाती में बलगम जम जाने पर सहजन खाना बहुत फायदेमंद होता है. सर्दी लग जाने पर तो मां सहजन का सूप पिलाती थी. सहजन में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, प्रोटीन और कई प्रकार के लवण पाये जाते हैं. ये सभी तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और शरीर के पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी हैं.

सहजन में विटामिन सी का स्तर उच्च होता है जो आपकी रोग प्रतरोधक क्षमता को बढ़ाकर कई बीमारियों से आपकी रक्षा करता है. बहुत ज्यादा सर्दी होने पर सहजन फायदेमंद है. इसे पानी में उबालकर उस पानी की भाप लेना बंद नाक को खोलता है और सीने की जकड़न को कम करने में मदद करता है. अस्थमा की शिकायत होने पर सहजन का सूप पीना फायदेमंद होता है. सहजन का सूप पाचन तन्त्र को मजबूत बनाने का काम करता है और इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं. कब्ज ही बवासीर की जड़ है. सहजन का सेवन करते रहने से बवासीर और कब्जियत की समस्या नहीं होती है. वहीं पेट की अन्य बीमारियों के लिए भी यह फायदेमंद है. डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए भी सहजन के सेवन की सलाह दी जाती है. तो अगर बीमारियों को दूर रखना है तो सहजन से दूरी न बनाएं.

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