Genetic Muscle Disorder : नेमालाइन मायोपैथी एक दुर्लभ और आनुवंशिक मांसपेशीय विकार है। इसमें व्यक्ति की मांसपेशियों में धीरे-धीरे कमजोरी आने लगती है। इसका सबसे ज्यादा असर गर्दन, धड़ और रीढ़ के निचले हिस्से पर पड़ता है। गंभीर स्थिति में व्यक्ति व्हीलचेयर पर निर्भर हो जाता है। बीमारी बढ़ने पर खाना निगलने, चबाने और दैनिक गतिविधियाँ करने में कठिनाई होने लगती है।

इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर जन्म के समय या बचपन में ही दिखने लगते हैं। प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
मांसपेशियों का पतला होना
गर्दन और चेहरे की मांसपेशियों की कमजोरी
हाथ-पैरों में कमजोरी या सुन्नपन
छाती का अंदर की ओर धँसना
अगर ये लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर नेमालाइन मायोपैथी की जांच करने की सलाह देते हैं।

जांच कैसे होती है?

इस बीमारी की पुष्टि के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं:
मांसपेशियों की बायोप्सी
EMG (Electromyography)
जेनेटिक टेस्टिंग
MRI या CT स्कैन
इन सभी जांचों से बीमारी की गंभीरता और कारणों का पता लगाया जाता है।

इलाज क्या है?

वर्तमान में नेमालाइन मायोपैथी का कोई निश्चित इलाज उपलब्ध नहीं है। लेकिन यदि समय रहते इसका पता चल जाए, तो इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
इलाज में निम्नलिखित उपाय शामिल होते हैं:

नियमित फिजियोथेरेपी
रेस्पिरेटरी (श्वसन) सपोर्ट
आवश्यकतानुसार सर्जरी
सामान्य देखभाल और निगरानी
भावनात्मक सहारा और परिवार का सहयोग

यदि स्थिति अधिक गंभीर हो जाए तो रोगी को व्हीलचेयर की आवश्यकता पड़ सकती है। रोगी का मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत रहना भी उपचार का अहम हिस्सा होता है। Genetic Muscle Disorder

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