अमन ने एक महिने पहले नई नौकरी जॉइन की जिसमें उसे शिफ्ट में काम करना पड़ता। नौकरी से तो वह खुश था लेकिन जाने क्यों कुछ दिनों से बड़ी ही बेचैनी महसूस कर रहा था कभी एक दम से पसीने मे तर हो जाता तो कभी नींद नहीं आती और अजीब अजीब से ख्याल आने लगते जिस की वजह से वह बहुत परेशान रहने लगा तब वह डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने बताया कि इसका कारण शिफ्ट मे काम करना है जिसको ठीक करने के लिए उसे अपनी दिनचर्या मे कुछ बदलाव करने होंगे क्योंकि हमारे शरीर के काम करने की एक प्रक्रिया होती है जो बॉडी साइकिल की तरह काम करती है जैसे हमारे खान पान, शरीरिक गतिविधियों ,नींद का समय सब हमारे शरीर की गतविधियों पर आधारित होता है। यदि यह साइकिल बिगड़ जाए तो हम कई रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं इसीलिए जो लोग शिफ्ट में काम करते हैं उन्हे अक्सर स्वास्थ्य संबंधित चिंताएं होने लगती हैं। ऐसे में अगर आपको एक हेल्दी लाइफ जीनी है, तो इससे बचाव के लिए अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव अवश्य करें । जिससे आप समय रहते ही अपनी सेहत का ख्याल रख सकें।

बिगड़ती सेहत
नींद का रूटीन : अगर आप नाईट शिफ्ट में काम करते हैं तो अपनी नींद का रूटीन बनाए जैसे सुबह में 7से 11 के बीच में अपनी नींद ले व दोपहर मे 2 से 4 के बीच अवश्य सोएं ऐसा करने से आप रात में काम सही ढंग से कर सकेंगे। एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग शिफ्ट में काम करते है उनमें अवसाद और चिंता की समस्या 9 से 5 बजे वाली शिफ्ट करने वालों की तुलना में अधिक होती है।क्योंकि डीएनए की मरम्मत करने वाला नींद का हार्मोन मेलाटोनिन के रात में उत्पादन की अपेक्षा दिन में कम उत्पादन होना है। जिससे इन्सोमेनिया, शारीरिक व मानसिक बीमारी की समस्या हो सकती है।
पाचन तंत्र में गड़बड़ी :शिफ्ट में काम करने से बॉडी क्लॉक और ब्रेन क्लॉक के बीच का संतुलन बिगड़ जाता है। जिससे मेटाबोलिज्म बिगड़ता है और दिनभर सिरदर्द,कब्ज,बदहजमी, मोटापा आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।साथ ही प्रतिरोधक क्षमता कम होने से डायबिटीज, कैंसर, दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।

स्किन प्रॉब्लम :नाईट शिफ्ट करने वालो को त्वचा की समस्या आम बात है ऐसे लोगो को ।रात में काम करने वाले लोग दिन में गहरी नींद ने लेने के कारण शरीर मे इस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन की कमी हो जाती है जिस की वजह से मुहासे, काले घेरे व झुर्रियां की समस्या होती है।

तनाव में बढ़ोतरी – शिफ्ट में काम करने वालों में स्ट्रेस हार्मोन्स बढ़ जाते हैं और अक्सर चिड़चिड़ापन, गुस्सा और तनाव जैसी समस्या देखी जाती है।जिससे ब्लड प्रेशर की समस्या, मूड स्विंग, सामाजिक अलगाव होना स्वाभाविक है ।

अपनाएं ये हेल्थी आदतें
शिफ्ट का रोटेशन हर हफ्ते बदलने के बजाए कुछ महीनों के बाद ही बदले।
एनर्जी ड्रिंक से परहेज करें।
बीच में ब्रेक अवश्य लें।
पानी ज्यादा पीएं।
हल्का, व पौष्टिक खाना खाएं । उच्च प्रोटीनयुक्त फूड को भी डाइट में शामिल करें व बीच में फल व नट्स का सेवन करें ।

रोजाना व्यायाम अवश्य करें इससे आप मोटापे ,चिड़चिड़ेपन से दूर रहेंगे और एकाग्रता बढ़ेगी

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