पिछले साल दीवाली के बाद गीता और उस के पति पूरे 2 महीने हौस्पिटल के चक्कर ही काटते रहे. वजह थी गीता की सास, जिन का शुगर लैवल 400 से ऊपर चला गया था. दरअसल, गीता की सास डायबिटीज की मरीज थीं. वैसे तो दवाओं से उन का शुगर लैवल ठीक रहता था, मगर दशहरा और दीवाली के त्योहार के दौरान घर में बने पकवानों, बाहर से आने वाली देशी घी की मिठाइयों और नमकीन का उन्होंने भरपूर लुत्फ उठाया, साथ ही ड्राईफ्रूट्स का भी खूब सेवन किया. इस ओवरईटिंग का नतीजा यह हुआ कि न सिर्फ उन का शुगर लैवल खतरनाक स्थिति में पहुंच गया, बल्कि ब्लडप्रैशर भी काफी हाई हो गया, जिस के चलते उन्हें हौस्पिटल में भरती कराना पड़ा.
त्योहार के मौसम में खानपान बिगड़ने से सेहत पर असर पड़ना स्वाभाविक है, खासतौर पर दीवाली के मौके पर. हम भारतीय यह मानते हैं कि दीवाली मतलब खूब सारा खाना और मौजमस्ती. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादातर लोग इस त्योहार के वक्त करीब 20 प्रतिशत वजन बढ़ा लेते हैं. यह ठीक है कि यह साल का सब से बड़ा त्योहार है, जिस में खूब सारी मिठाइयां और अन्य पकवान बनते हैं, मगर यही मिठाइयां और पकवान सेहत के दुश्मन भी हो जाते हैं.
ऐसे में आप को सावधानी बरतने की भी जरूरत है. खासतौर पर बाजार से खरीदी गई मिठाइयों को ले कर सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि मुनाफाखोर दीवाली की मिठाइयों में मिलावट भी खूब करते हैं जो आप के स्वास्थ्य के लिए न सिर्फ हानिकारक है बल्कि आप को कई बीमारियों का शिकार भी बना देती हैं. इस के अलावा बाजारों में त्योहार से कई दिनों पहले से मिठाइयां बननी शुरू हो जाती हैं और आप के घर पहुंचतेपहुंचते हफ्तों गुजर जाते हैं. वे जल्द खराब और बासी हो जाती हैं. बेहतर होगा कि मिठाइयां हमेशा अच्छी दुकानों से खरीदें.
इन बातों पर गौर करने की जरूरत है ताकि ऐसा न हो कि त्योहार के चक्कर में आप और आप के घर के लोग अपनी सेहत और चैन खो बैठें. यहां हम आप को कुछ ऐसे शानदार तरीके बताएंगे जिन से आप दीवाली को एंजौय भी करेंगे और ओवरईटिंग से भी बच जाएंगे.
शुगर इनटेक कम करें
शुगर में मौजूद फ्रक्टोज शुगर फैट बढ़ाती है. इस से लिवर और किडनी को नुकसान होता है. शुगर के मरीज दीवाली जरूर मनाएं, मगर ध्यान रखें कि कम मात्रा में मिठाइयां खाना ही बेहतर है. बाजार की मिठाई खाने से अच्छा है कि घर में बनी मिठाइयां ही खाई जाएं क्योंकि बाजार की मिठाइयों में शक्कर और खांड की मात्रा बहुत ज्यादा होने के साथ ये मिठाइयां त्योहार से काफी दिन पहले ही बना कर रख दी जाती हैं. फिर इन में डाला गया घी, खोया या मावा कितना शुद्ध है, इस की भी कोई गारंटी नहीं होती है.
अगर आप त्योहार के बाद भी पूरी तरह फिट और फ्रैश दिखना चाहते हैं तो कोशिश करें कि त्योहार आने से एक महीने पहले से ही मीठे का इनटेक कम कर दें और शहद जैसे नैचुरल स्वीट का इस्तेमाल करें. साथ ही, डेयरी प्रोडक्ट्स भी कम करें क्योंकि इन से म्यूकस बनता है, जो डाइजेशन को स्लो कर के शरीर में टौक्सिंस को बढ़ाता है.
चौकलेट मगर कम
आजकल गिफ्ट में चौकलेट्स और ड्राईफ्रूटस देने का रिवाज बढ़ता जा रहा है, जिस के चलते घर में ढेर सारे चौकलेट के डब्बे आ जाते हैं और एक बार जो यह मुंह से लग जाए तो फिर जब तक डब्बा खाली नहीं हो जाता, हम उस के इर्दगिर्द ही मंडराते रहते हैं.
चौकलेट से बचने का अच्छा तरीका है कि उसे फ्रिज में रखने के बजाय किसी जगह पर छिपा दिया जाए, जैसे ड्रौअर या कबर्ड के अंदर. जब वह सामने ही नहीं होगी तो आप और बच्चे ज्यादा चौकलेट नहीं खा पाएंगे.
दीवाली का वक्त है, अपने आसपास नजर दौड़ाएं तो आप को अपनी कामवाली, गार्ड, माली, ड्राइवर, आप का रिकशेवाला, ऐसे बहुत से लोग दिखेंगे जिन के बच्चों को चौकलेट का स्वाद भी नहीं मालूम होगा, तो इस बार आप अपने घर में आने वाली चौकलेट्स से इन के बच्चों का मुंह मीठा करें.
संतुलित आहार लें
अकसर लोग त्योहार में खानेपीने में संतुलन नहीं रखते हैं, इस कारण त्योहार खत्म होते ही बीमार पड़ जाते हैं. अगर कुछ मामूली बातों का आप ध्यान रख लें तो हैल्दी त्योहार मना सकते हैं. दीवाली पर फिट रहने के साथ एंजौय करने के लिए संतुलित आहार लेना बहुत जरूरी है. अकसर देखा जाता है कि लोग त्योहार में स्नैक्स, ड्राईफ्रूट और मिठाइयां ही खाते रहते हैं, ऐसा बिल्कुल न करें. इस से वजन बढ़ जाता है और आप की खूबसूरती छूमंतर हो जाती है. यह आप के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.
भारतीय रसोई में त्योहारों में साधारण खाने के बजाय पकवान ही अधिक बनते हैं, जिस में घी, दूध, मेवे का प्रयोग बहुत होता है. इस के अलावा मैदे का प्रयोग भी काफी पकवानों में होता है. ऐसे में अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए आप पकवान बनाने के लिए आटे का प्रयोग करें और उस में जौ, बाजरे के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिक्स कर लें, यह मिक्सचर हैल्दी भी होगा और आप को फिट भी रखेगा.
दिन में एक बार खाने में सलाद, फू्रट्स इत्यादि लें, इस से आप की डाइट बैलेंस्ड रहेगी और आप की सेहत नहीं बिगड़ेगी. त्योहार के दिनों में फिट रहने के लिए आप एकसाथ भरपेट न खाएं, बल्कि थोड़ीथोड़ी देर के अंतराल में खाएं. हार्ड डिं्रक, कोक इत्यादि की जगह जूस या सूप लें. सब्जियों का सूप हैल्दी और स्वादिष्ठ होता है. तरोताजा रहने के लिए सुबह खाली पेट नीबू पानी लें, इस से आप के शरीर से विषैले तत्त्व आसानी से निकल जाएंगे. कैफीन इनटेक कम करें. ज्यादा कैफीन से लिवर पर लोड बढ़ जाता है. डाइजेशन की प्रौब्लम भी हो सकती है. चायकौफी के बजाय दिनभर में 2-3 कप ग्रीन टी पीना एक बेहतर औप्शन है.
ओवरईटिंग से बचें
पारंपरिक नाश्ता ही करें : थोड़ा मुश्किल जरूर है, पर यदि आप हैल्थ कौंशस हैं तो डाइट चार्ट बना लें और उसी के अनुसार खाएं. एक रिसर्च के मुताबिक, प्रोटीनयुक्त नाश्ता करने से डोपामिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और इस से काफी देर तक भूख का एहसास नहीं होता. इस से ओवरईटिंग से बचा जा सकता है.
बेवजह खाते रहने से बचें : त्योहारों पर कोई भी चीज खाने से पहले सोचें कि अभी मुझे इस से भी स्वादिष्ठ कोई चीज मिल सकती है, जिस के लिए पेट में जगह बचा कर रखी जाए. इस से आप बेवजह खाते रहने से बच जाएंगे.
जब खाएं, कम खाएं : त्योहार पर पकवान, मिठाई और स्नैक्स को पूरी तरह नजरअंदाज करना तो मुश्किल है, इसलिए इन्हें खाएं, लेकिन कम मात्रा में. इस से आप का मन भी भर जाएगा और आप ओवरईटिंग से भी बच जाएंगे.
पानी से मिलेगी हैल्प : पानी पीते रहना भी आप को कुछ हद तक ओवरईटिंग से बचा सकता है. इस से पेट भरा हुआ महसूस होता है और खाने की इच्छा कम होती है. कोल्ड डिं्रक्स से बचना चाहिए क्योंकि इन में हाई कैलोरी होती है.
फलसलाद खाएं : गरिष्ठ भोजन से पेट खराब होने की आशंका होती है. इस से बचने के लिए खाने में सलाद, अंकुरित अनाज, फल और ओट्स शामिल करें. इन में फाइबर होता है जो आप का पेट ठीक रखता है.
खूब चबा कर खाएं : जो खाएं, खूब चबा कर खाएं. इस से आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं. एक रिसर्च में पता चला है कि अच्छे से चबा कर खाने वाले एक बार के खाने में लगभग 70 कैलोरी कम लेते हैं.
औप्शन हैं न : मिठाई और पकवान में कुछ ऐसे विकल्प हैं जिन से आप के शरीर में कम कैलोरी पहुंचेगी और आप ओवरईटिंग से बचेंगे. अगर आप गुलाबजामुन की जगह रसगुल्ला खाएं और खाने से पहले उस का रस निचोड़ लें. इसी तरह इमरती की जगह जलेबी, बिना चाश्नी वाली मिठाइयां. बेसन के नमकीन की जगह मुरमुरा या पोहे से बने नमकीन खाएं.
छोटी प्लेट में खाएं : यदि खाना बड़ी प्लेट में सर्व किया जाएगा तो ज्यादा सर्व किया जाएगा. एक अनुमान के अनुसार, उस में 150 कैलोरीज एक्स्ट्रा ऐड हो जाएंगी. आप की प्लेट में जितना ज्यादा खाना होगा, आप उतना ज्यादा खाएंगे, इसलिए बेहतर होगा कि आप छोटी प्लेट, कटोरी और गिलास का ही इस्तेमाल करें और ओवरईटिंग से बचें. द्य
ऐसा करने से बचें
मुंह चलता ही रहता है : त्योहार के वक्त घर पर बनने वाले स्नैक्स और स्वीट्स सब के सामने ही रखे होते हैं, जिन्हें घर के सारे लोग थोड़ाथोड़ा खाते रहते हैं. बेसन, मैदा, शक्कर, मेवा, घीतेल और खोये से बने ये पकवान डाइजेशन बिगाड़ देते हैं.
बेपरवाह हो जाते हैं : सैलिब्रेशन के मूड में हम अकसर परहेज को दरकिनार कर देते हैं यह सोच कर कि एक दिन मन की कर लेने से सेहत को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता. पर यही हमारी सब से बड़ी भूल साबित होती है. हम हफ्तों पकवान पर हाथ साफ करते रहते हैं और अपनी सेहत का सत्यानाश कर लेते हैं.
मना नहीं कर पाते : त्योहारों पर रिश्तेदारों और परिचितों के घर जाने पर वे हमारे स्वागत में सामने ढेरों पकवान रख देते हैं और हम से बारबार खाने का अनुरोध करते हैं, जिसे हम ठुकरा नहीं पाते. उन का मन रखने के लिए हम काफीकुछ डकार जाते हैं, जो बाद में हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाता है.
सब ट्राई करना है : त्योहार के मौके पर रिश्तेदारों, जानपहचान वालों और खासतौर पर पड़ोसियों के यहां से पकवानों की इतनी वैरायटियां आती हैं कि हमारा सभी को टेस्ट करने का मन करता है. ऐसे में हम जरूरत से ज्यादा खा जाते हैं.
खाना सैकंडरी हो जाता है : त्योहार के दिनों में नाश्ताखाना तो सैकंडरी हो जाता है, मिठाईनमकीन से ही पेट भर जाता है. ये सब चीजें धीमे डाइजैस्ट होती हैं. खाने में ज्यादा गैप न रखने से स्थिति और बिगड़ जाती है.