दिल्ली के रहने वाले कुशाल की उम्र 11 वर्ष है लेकिन वह अपने क्लास में सब से छोटा दिखता है. कुशाल की मां को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे? कुशाल की मां ने बताया कि कुशाल जब 1-2 साल का था तब से ही लग रहा था कि इस का विकास नहीं हो रहा है, कुछ भी खाता है तो पेटदर्द की शिकायत बताता है, बारबार दस्त आते हैं. वह कुशाल को ले कर डाक्टर के पास गई. डाक्टर ने उसे चैक किया और दवा दे दी. दवा से 1-2 दिन आराम तो मिल जाता था पर फिर से वही परेशानी. समझ ही नहीं आ रहा था कि वह क्या करे.  दूसरे डाक्टर को दिखाया, फिर तीसरे, इस तरह डाक्टर बदलती रही. 8 साल तक यही सिलसिला चलता रहा. फिर एक डाक्टर ने एंटीटीटीजीआईजीए नामक टैस्ट लिखा. जब इस की रिपोर्ट आई तो पता चला कि कुशाल को गेहूं से एलर्जी है. अब कुशाल ने गेहूं से दूरी बना ली है तो इस परेशानी से दूर है.

यही समस्या 8 वर्षीय राघव निर्माण की भी है. दिल्ली के गांधीनगर में रहने वाले राघव की मां पूनम ने बताया कि पहले 5 वर्ष तक तो हमें पता ही नहीं चला, 5 वर्ष तक तो राघव ठीक रहा. पर उसे दस्त की समस्या शुरू हो गई. फिर उसे डाक्टर के पास ले गई. डाक्टर ने दवा दे दी लेकिन उस से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. उस के बाद राघव ने पेटदर्द की शिकायत की, फिर उस ने खाना छोड़ दिया. बारबार डाक्टर को दिखाने के बाद भी कुछ पता नहीं चल पा रहा था. डाक्टर बदलती रही पर समस्या ज्यों की त्यों. तब एक डाक्टर ने एंटीटीटीजीआईजीए नामक टैस्ट लिखा. जब उस की रिपोर्ट आई तो पता चला कि राघव को गेहूं से एलर्जी है यानी वह सीलियक रोग से ग्रस्त था. अब वे राघव को कोई भी ऐसा पदार्थ नहीं देती जिस में गेहूं हो.

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