लेखिका-डा. रुचि शर्मा

जनवरी 2020 में हम ने चीन में आए महामारी की खबर सुनी और हमें लगा अरे, यह तो बहुत बुरा हुआ और हम अपनी जिंदगियां जीते रहे. इस के बाद शुरू हुआ 2020 और हमारा जीवन पूरी तरह बदल गया.

महामारी का भारी असर हमारे काम, जीवनशैली और व्यवहार पर हुआ है. अर्थव्यवस्था का लगभग हर क्षेत्र प्रभावित हुआ. इस बीमारी ने कई बदलावों के लिए मजबूर किया है जबकि इन के लिए हम मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार नहीं हो पा रहे हैं.

अनिश्चितता के माहौल में जो स्थिति है उस से हमारे विश्वास और बोध को चुनौती मिली है. परिणामस्वरूप भय, चिंता, तनाव और अवसाद पैदा हो गया है. कोविड के कारण लाखों लोगों की नौकरी चली गई. उन के प्रियजनों का जीवन भी प्रभावित हुआ है.

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कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ा. हमारी सामाजिक और आर्थिक मुश्किलें बढ़ गई हैं.

आज के वक्त में हर किसी को चाहिए कि वह उत्साहित और प्रेरित रहे, सकारात्मक रहे क्योंकि हर सुरंग के अंत में रोशनी होती है और यह मुश्किल समय भी निकल जाएगा. बदलती परिस्थिति ने  हमारी जीवनशैली और जीवन की वास्तविकता बदल दी है. भविष्य पर मंडराती अनिश्चितता के साथसाथ इस परिस्थिति ने हमारे विश्वास व अनुभूतियों को चुनौती दी है जिस से सर्वव्यापी भय, चिंता और दुख का माहौल है.

मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में बढ़ोतरी की वजह से जो लोग पहले से ही मनोवैज्ञानिक बीमारी के शिकार थे या जिन के परिवार में ऐसी समस्याएं पहले से मौजूद थीं उन्हें बड़ी ही मुश्किल व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की आवृत्ति और तीव्रता में इस बढ़ोतरी के बावजूद हम इन के बारे में बात करने से मुकरते हैं और मदद मांगने की जरूरत को तवज्जुह नहीं देते.

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अफसोस यह है कि मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उठने वाली इन गंभीर चुनौतियों से निबटने के लिए कोई भी टीका या उपचार नहीं तैयार किया जा रहा. समय की मांग है कि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से लड़ने के लिए दिमाग को मजबूत बनाया जाए.

आप के मस्तिष्क की तरह आप का मन भी आप के लिए महत्त्वपूर्ण है. यह यादों को संजोता है, आप के इमोशंस को संचालित करता है और शरीर के हर मूवमैंट को साइकोलौजिकली सपोर्ट भी करता है. हम जो कुछ भी करते हैं उस में हमारा मन जरूर शामिल होता है. नतीजतन, शरीर के किसी अन्य भाग की तरह ही इस की भी देखभाल करने की आवश्यकता होती है.

हैल्दी लाइफ के लिए माइंड का हैल्दी होना बहुत जरूरी है. इस के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत है.

–   शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि दिमाग के लिए भी सही आहार जरूरी है. कई वैज्ञानिक शोधों में पाया गया है कि मानव के दिमाग की स्मृति,  भ्रम और व्याकुलता सीधे उस की खाने की आदतों से जुड़ी होती है.

– शारीरिक व्यायाम का मैंटल हैल्थ पर सीधा प्रभाव पड़ता है. वर्कआउट रक्त प्रवाह और मैमोरी में सुधार करता है. यह मस्तिष्क में रासायनिक परिवर्तनों को उत्तेजित करता है जो सीखने व सोचने की शक्ति को बढ़ाता है.

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– नींद आप को ऊर्जावान बनाती है. यह आप की मनोदशा और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है. इस से हमारी याददाश्त में सकारात्मक परिवर्तन आता है. सोते समय हमारा दिमाग बहुत सी कड़वी व गैरजरूरी यादों को भूल जाता है.

– हैल्दी माइंड के लिए सोशल कनैक्शन जरूरी है. दोस्तों के साथ घूमना, बातचीत करना सिर्फ टाइमपास ही नहीं, इस से ब्रेनहैल्थ  सुधरता भी है.

–  मैंटल वर्कआउट आप के मैंटल फंक्शन में सुधार कर सकता है. पहेलियां सु झाना, सुडोकू खेलना और शतरंज जैसे खेल आप के दिमाग को शेप में रखते हैं. इन से आप की याददाश्त भी बढ़ती है.

–    ब्रेन के फंक्शन में गिरावट न आए, इस के लिए मैडिकली चौकन्ने रहें. बहुत सारी बीमारियां, जैसे कि टाइप 2 मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप आदि मानव के दिमाग पर बहुत बुरा असर डालती हैं. सो, इन बीमारियों पर कंट्रोल रखें. शराब, धूम्रपान आदि नशों से दूर रहें. साथ ही, अपने शरीर को मोटापे से बचाएं.

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– लाइफ एंजौय करें. चिंता और तनाव आप के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर डालते हैं. तनाव में रहने वाला व्यक्ति का शरीर और दिमाग जल्दी थक जाता है व अच्छी तरह से काम नहीं करता.

आज मस्तिष्क स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना बहुत जरूरी है. ब्रेन हैल्थ में सुधार व्यक्ति के ओवरऔल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसलिए दिमाग की मजबूती को बनाए रखें और लाइफ की मुश्किलों को आसानी से टैकल करें.

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