सुबह शाम

इन दिनों खेती में लगने वाली लागत लगातार बढ़ती चली जा रही है. खेती में सिंचाई पर होने वाला खर्च भी कोई कम नहीं होता?है. नहरों व दूसरे कई साधनों से सिंचाई करने के अलावा लोग निजी नलकूपों से?भी सिंचाई करते?हैं. नलकूपों से सिंचाई करने पर डीजल बहुत खर्च होता?है और प्रदूषण भी फैलता?है.

इसी समस्या का हल है सौरचालित वाटर पंपिंग सेट, जो कि सिर्फ धूप की रोशनी से चलता?है. इस समय बाजार में आ रहे ज्यादातर पंपिंग सेट सीधे सौरपैनल से जुड़े होते?हैं और डीसी मोटर चालित पंप होते?हैं. इन पंपों में यह खराबी होती है कि जब सूर्य की दिशा बदलने लगती है तो रोशनी कम होने पर ये सेट कम पानी देने लगते हैं. यानी दिन भर समान रूप से पानी नहीं निकल पाता?है और सिंचाई करने में दिक्कत हो जाती है.इस समस्या के समाधान के लिए भोपाल (मध्य प्रदेश) स्थिति केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के वैज्ञानिकों ने सनट्रैक्टर के नाम से एक यंत्र ईजाद किया है. यह यंत्र इस समस्या के हल के लिए पूरी तरह से कारगर सिद्ध हो रहा?है. बस जरूरत है इसे  अपनाने की.

क्या है सनट्रैकर : सौरऊर्जा संयत्र की कूवत बढ़ाने के लिए एक सूक्ष्म नियंत्रक आधारित सनट्रैकर विकसित किया गया है, जो 2.4 किलोवाट के सौरपैनल को सूर्य की दिशा में घुमाने क कूवत रखता है. इस से सूर्य की रोशनी दिन भर सामान रूप से सौरऊर्जा संयंत्र को मिलती रहती है, नतीजतन पूरे दिन किसी भी समय सिंचाई का काम तेज गति से किया जा सकता है.

सनट्रैक के अंदर की तकनीक : इस ट्रैकिंग सिस्टम के खास भाग हैं वर्म गियर स्टेपर, मोटर स्टेपर, मोटर ड्राइव व सूक्ष्म नियंत्रक. स्टेपर मोटर और उस के संचालक का संचालन एक प्रोग्राम सूक्ष्म नियंत्रक के साथ नियंत्रित किया जाता है. सौरपैनल को सूर्य की दिशा में घुमाने के लिए इस में खास बंदोबस्त किया गया?है.

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