इस समय रबी की फसल का समय चल रहा है. इस की प्रमुख फसल गेहूं है. समय से बोई गई गेहूं की फसल में फरवरी में फूल लगने लगते हैं. इस दौरान खेत की सिंचाई हर हाल में कर देना जरूरी है. सिंचाई करते वक्त इस बात का खयाल रखें कि ज्यादा तेज हवाएं न चल रही हों, अगर हवा चल रही हो तो उस के थमने का इंतजार करें और मौसम ठीक होने पर ही खेत की सिंचाई करें. हवा के फर्राटे के बीच सिंचाई करने से पौधों के उखड़ने का पूरा खतरा रहता है.

15 फरवरी के बाद गन्ने की बोआई का सिलसिला शुरू किया जा सकता है. बोआई के लिए गन्ने की ज्यादा पैदावार देने वाली किस्मों का चुनाव करना चाहिए. किस्मों के चयन में अपने जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से मदद ली जा सकती है.

गन्ने का जो बीज इस्तेमाल करें, वह  बीमारी से रहित होना चाहिए. बोआई से पहले बीजों को उपचारित कर लेना चाहिए. बोआई के लिए 3 पोरी व 3 आंख वाले गन्ने के स्वस्थ टुकड़े बेहतर होते हैं.

मटर की फसल की देखभाल भी जरूरी है. मटर की फसल में चूर्णिल आसिता रोग के कारण पत्तियों और फलियों पर सफेद चूर्ण सा फैल जाता है. रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देते ही उस का उचित निदान करें और कृषि माहिरों की राय ले कर दवा का छिड़काव करें.

ये भी पढ़ें- जाड़े की अति वर्षा से खेती को हुए नुकसान और उस की भरपाई

यह  महीना लोबिया, राजमा जैसी फसलों की बोआई के लिए मुफीद होता है. अगर इन चीजों की खेती का इरादा हो, तो इन की बोआई निबटा लेनी चाहिए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...