समस्तीपुर जिले के कई गांव ऐसे हैं, जिन में सरकार की तमाम योजनाएं संचालित होने के बावजूद भी किसान परिवारों को बीमारी, शादीब्याह और उलट हालात में सेठसाहूकारों से मोटे ब्याज पर लिए गए कर्ज के ऊपर निर्भर रहना पड़ता था. ऐसे में कर्ज के तले दबे इन परिवारों को समय से ब्याज और कर्ज न चुकता कर पाने पर अकसर सेठसाहूकारों के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता था. इन साहूकारों के कर्ज के चंगुल में फंसे तमाम परिवार कई बार सपरिवार पलायन करने को मजबूर हुए थे.

4 साल पहले ऐसे तमाम परिवार, जो साहूकारों के कर्ज के चंगुल में फंस कर अकसर परेशानियों का सामना कर रहे थे, उन को इस संकट से उबारने के लिए सामाजिक संस्था आगा खान ग्राम सर्मथन कार्यक्रम भारत ने एक्सिस बैंक फाउंडेशन के साथ मिल कर एक ऐसी पहल शुरू की, जिस से सेठसाहूकारों के चंगुल में फंसे परिवार पूरी तरह से मुक्त हो गए, बल्कि इस पहल के चलते सेठसाहूकारों को भारी ब्याज पर दिया जाने वाला व्यवसाय भी पूरी तरह ठप हो गया.

समस्तीपुर के गांवों में संस्था आगा खान ग्राम सर्मथन कार्यक्रम भारत ने एक्सिस बैंक फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई इस पहल का नाम रखा था, महिला स्वयं सहायता समूह.

एकेआरएसपीआई द्वारा गठित कराए जाने वाले यह स्वयं सहायता समूह सरकार और दूसरी संस्थाओं द्वारा गठित कराए जाने वाले समूहों से अलग पैटर्न पर कराए गए, जिस से कम आय वाले परिवारों की न केवल कम पढ़ीलिखी महिलाएं, बल्कि अनपढ़ महिलाओं को भी बचत करने में आसानी होने लगी. स्वयं सहायता समूह से जुड़ने वाली इन महिलाओं को मुश्किल समय में समूह के बचत के पैसे से बहुत कम ब्याज पर कर्ज भी मिलने लगा.

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