दूसरे अंक में आप ने पढ़ा था : बछिया के जन्म से 26 हफ्ते तक के उस के फीडिंग शैड्यूल में दूध, काफ स्टार्टर, सूखी और हरी घास की मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. काफ स्टार्टर को घर पर ही बनाया जा सकता है, जो ज्यादा पौष्टिक व सस्ता पड़ता है. बछिया के 9वें महीने से 24वें महीने तक के उस के खाने में रातिब भी बहुत अहम होता, ताकि वजन सही रहे. अब पढि़ए आगे...

आप की औसर अब 2 साल की हो चुकी है. उस का वजन 260 किलोग्राम हो चुका है और उस के जननांग भी पूर्ण विकसित हो चुके हैं. वह पहली हीट के लक्षण भी दिखा रही है, मगर आप को यह हीट छोड़ देनी है.

1.गाय ऋतुचक्र : यह 21 दिन का होता है, मगर इस की रेंज 18 से 24 दिन होती है. नियत समय पर गाय फिर से हीट में आती है तो आप को दूसरी हीट भी छोड़ देनी है और तीसरी हीट का इंतजार करना है.

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इस दौरान उसे 16 किलोग्राम हरा चारा,1 किलोग्राम भूसा और ढाई किलोग्राम रातिब मिश्रण देते रहना है. मगर अब रातिब मिश्रण में क्रूड प्रोटीन की मात्रा 16 फीसदी भी सही होगी.

2.ऐसा मान लीजिए कि 2 साल पौने 3 महीने की उम्र होने पर उस ने तीसरी हीट के लक्षण दिखाए, तो अब उसे गाभिन कराने का सही समय आ गया है.

3.किसी अच्छे कृत्रिम गर्भाधानकर्ता की मदद से उसे अच्छी पेडिग्री वाले सांड़ के वीर्य से ही गाभिन करवाना है. कृत्रिम गर्भाधान होने के बाद औसर को किसी भी तरह के तनाव में नहीं आने देना है.

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