भैंस के गोबर से ज्यादा गाय का गोबर भले ही बड़े ही काम का है, पर बहुत से पशुपालक गोबर के उपले बनाने से ज्यादा अहमियत नहीं देते. इसी के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

जी हां, ऐसा पहली बार हो रहा है, जब छत्तीसगढ़ सरकार गाय के गोबर को खरीदेगी और वह भी तय कीमत के हिसाब से.

इस बात को ले कर पशुपालकों और किसानों में उत्साह है. उम्मीद है कि यह योजना 21 जुलाई, 2020 यानी हरेली त्योहार के दिन ही शुरू हो जाए.

छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला एक तरफ जहां सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं की रोकथाम करेगा, वहीं इस गोबर से बनने वाली खाद से राज्य में जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, पशुपालकों को भी लाभ होगा और गांवों में रोजगार और अतिरिक्त आय के मौके भी बढ़ेंगे.

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राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि सरकार के इस फैसले से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

जी हां, यह सच है कि छत्तीसगढ़ सरकार गौधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी को अमलीजामा पहनाने में लगी है. इस योजना के तहत सरकार ने गोबर खरीदी के दाम भी तय कर दिए हैं. यह खरीदी डेढ़ रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से तय की गई है.

वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पशुओं के रखने के काम को व्यावसायिक रूप से फायदेमंद बनाने, सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या से निबटने और पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से यह योजना काफी महत्वपूर्ण है.

पिछले दिनों मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक हुई. इस बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया शामिल हुए. यह बैठक बीज भवन, रायपुर में आयोजित हुई.

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