यह एक बड़ा कृषि यंत्र है, जो किसानों के बड़े ही काम आता है. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का इस्तेमाल करने से मजदूरों की समस्या तो दूर होती ही है, साथ ही कम समय में ज्यादा काम किया जा सकता है. कम लागत और कम समय में जल्दी काम पूरे हो जाते हैं.

इस यंत्र की मदद से धान, गेहूं, सोयाबीन, सरसों वगैरह की कटाई और सफाई का काम एकसाथ कर सकते हैं. इस में समय और लागत  बहुत कम लगती है.

इस मशीन में लगे खास यंत्र कटर कम स्प्रेडर की मदद से फसल के अवशेष को कटाई के बाद खेत में ही बिखेर देता है. बाद में मिट्टी में सड़ कर यही जैविक खाद बन जाती है.

इस यंत्र की खूबी यह है कि यह तेज हवाओं और वर्षा के चलते गिरी हुई फसल को भी आसानी से काट सकते हैं.

इन कंबाइन हार्वेस्टर मशीनों में सब से आगे लंबे कटरबार यानी दांतेदार फसल काटने के पट्टे लगे होते हैं. यह यंत्र कटर से फसल काटता है. इस के बाद फसल कन्वेयर बैल्ट के जरीए रेसिंग यूनिट में पहुंच जाती है.

यहां पर फसल के दाने ड्रैसिंग ड्रम से रगड़ने पर अलगअलग हो जाते हैं. साथ ही, मशीन में लगे पंखे से अनाज छलनी से साफ हो कर एक टैंक में पहुंचता है.

कंबाइन हार्वेस्टर में एक स्टोन ट्रैप यूनिट लगी होती है, जो फसल के साथ आने वाले कंकड़ और मिट्टी को अलग कर देता है.

इस मशीन के इस्तेमाल से किसान

कुदरती आपदाओं से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं और समय रहते फसलों की कटाई कर सकते हैं.

बढि़या कंपनी का हार्वेस्टर एक घंटे में तकरीबन 4 से 5 एकड़ क्षेत्र में फसलों की कटाई कर सकता है. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से किसान खेत में आड़ीतिरछी पड़ी फसल को भी काट सकते हैं.

सरकार द्वारा भी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी की दर राज्य सरकारों की अलगअलग होती है. आमतौर पर लघु, सीमांत व महिला किसानों को 50 फीसदी व बड़े किसानों को 40 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है.

किसान इस योजना का फायदा उठा सकते हैं. कई प्रदेशों में तो किसान संगठन भी इस का इस्तेमाल करते हैं.

स्वराज का कंबाइन हार्वेस्टर जेन 2-8100 ऐक्स सैल्फ प्रोपेल्ड कंबाइन हार्वेस्टर

महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड की ओर से स्वराज ने नया जेन 2-8100 ऐक्स सैल्फ-प्रोपेल्ड कंबाइन हार्वेस्टर अक्तूबर, 2021 में ही बाजार में उतारा है, जो धान की खेती करने वाले किसानों के लिए बेहतर यंत्र है.

यह चलने में बहुत ही सुविधाजनक है. अच्छी उत्पादकता के साथ ही साथ काम करने वाला यह हार्वेस्टर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों की काफी हद पहुंच में है.

101 एचपी की ताकत वाले इस कंबाइन हार्वेस्टर में अनाज इकट्ठा करने के लिए इस में 2140 लिटर की क्षमता वाला बड़ा सा अनाज टैंक लगा हुआ है. इस के पार्ट्स को आसानी से बदला जा सकता है और साफसफाई भी आसान है.

इस हार्वेस्टर यंत्र को खासतौर से चावल, गेहूं और सोयाबीन जैसी फसलों की कटाई के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इस में नवीनतम जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी लगा हुआ है. रात के अंधरे में भी इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. इस में अच्छी लाइटिंग का भी इंतजाम है.

महिंद्रा हार्वेस्ट मास्टर एच-12 4डब्ल्यूडी ट्रैक्टर माउंटेड कंबाइन हार्वेस्टर

ट्रैक्टर माउंटेड का मतलब है कि ट्रैक्टर पर फिट किए जाने वाला हार्वेस्टर, खासकर ट्रैक्टर्स की महिंद्रा अर्जुन नोवो सीरीज के लिए परफैक्ट मैच के तौर पर महिंद्रा द्वारा डिजाइन किया गया एक बहुफसल हार्वेस्टर है.

यह मशीन मिट्टी में सूखी और नम दोनों ही हालात में बेहतरीन काम करती है. ऐसा कंपनी का कहना है. यह तेजी से ज्यादा क्षेत्रफल को कवर करने वाला, अनाज का कम से कम नुकसान और ईंधन की कम खपत वाला हार्वेस्टर है.

इस ट्रैक्टर माउंटेड कंबाइंड हार्वेस्टर को इस्तेमाल करने के लिए महिंद्र का अर्जुन नोवो डीआई-आई/655 डीआई ट्रैक्टर का साथ जरूरी है.

इस हार्वेस्टर में 49 नाइफ ब्लेड्स और 24 नाइफ गार्ड्स लगे हैं. अनाज को इकट्ठा करने के लिए इस में एक बड़ा सा टैंक लगा है, जिस में धान तकरीबन 750 किलोग्राम तक इकट्ठा किया जा सकता है.

इन के अलावा अनेक कंपनियों के ट्रैक्टर जैसे दशमेश, जॉन डियर, फील्डकिंग, करतार, प्रीत आदि के अनेक मौडल बाजार में मौजूद हैं.

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