किसानों की जबानी

हाल ही में ‘वित्त पोषित, विज्ञान एवं प्रौद्यौगिक परिषद लखनऊ’ और ‘आयोजक कीट विज्ञान विभाग सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ’ द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ‘राइस प्रोडक्शन एंड एक्सटेंशन स्ट्रेटेजीस फार सस्टेनेबल मैनेजमेंट आफ राइस पेस्ट्स इन वेस्टर्न प्लेन जोन आफ यूपी’ परियोजना के सौजन्य से प्रदर्शन लगाए गए और प्रशिक्षण दिए गए हैं, जिस में अच्छे नतीजे सामने आए. किसानों की जबानी पेश है इन नतीजों का खुलासा:

* मेरे पास 60 बीघे जमीन है, जिस में से 20 बीघे जमीन में मैं धान लगाता हूं. कीटोंबीमारियों की वजह से धान की उपज कम होती?थी. साल 2013-14 में मैं डा. राजेंद्र सिंह व उन के सहयोगियों के संपर्क में आया था. तब से मेरे व आसपास के सभी किसानों के खेतों पर प्रदर्शन होने व प्रशिक्षण दिए जाने से धान के कीड़ों व बीमारियों की जानकारी हासिल हुई. नतीजतन धान की उपज में 2-3 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से इजाफा हुआ.

-सत्तेंद्र सिंह पुत्र वीर सिंह, गांव सिवाया, दौराला, मेरठ.

* मेरे संपर्क में 20 किसान रहते?हैं. वे सभी धान की खेती करते हैं. हम सभी किसानों के धान की फसल में कीटों द्वारा सब से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता था. डा. राजेंद्र सिंह?द्वारा हमारे खेतों पर किए गए प्रदर्शनों व प्रशिक्षणों के जरीए हमें बहुत सारा ज्ञान प्राप्त हुआ. अभी तक हम बिना सोचविचारे कीटनाशकों का बेतहाशा इस्तेमाल कर रहे थे, जिस वजह से खर्च बढ़ रहा था और लोगों की सेहत खराब होने के साथसाथ जमीन व वातावरण पर भी खराब असर पड़ रहा था. मैं डा. साहब से गुजारिश करता हूं कि वे ऐसे कार्यक्रम हमेशा चलाते रहें.

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