भारतवर्ष में बांस तकरीबन 11.4 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र पर अपना दबदबा रखता है. यह विश्व का सब से जल्दी बढ़ने वाला घास कुल का सब से लंबा पौधा है जो कि गे्रमिनी (पोएसी) परिवार का सदस्य है. इस की लंबाई अलगअलग हालात में अलगअलग हो सकती?है और कुछ की लंबाई सिर्फ 30 सैंटीमीटर होती है तो कुछ की 40 मीटर तक भी हो सकती है. इस के तने का व्यास 1 मिलीमीटर से 30 सैंटीमीटर तक होता है.

दुनियाभर में इस की 1,250 प्रजातियां पाई जाती हैं. इन में से 129 प्रजातियां भारत में ही मिलती हैं और इन में से 98 प्रजातियां तो सिर्फ उत्तरपूर्वी क्षेत्रों जैसे मणिपुर, असम, मिजोरम, त्रिपुरा वगैरह राज्यों में पाई जाती?हैं.

बंबू शब्द कन्नड़ शब्द बांबू से ही पैदा हुआ है. चीन में इसे झू नाम से जाना जाता है. वहां सदियों से इस की कटाई चल रही?है, फिर भी वहां बांस के 36 घने जंगल हैं. इन का कुल क्षेत्र 4-7 मिलियन हेक्टेयर में है जोकि चीन के वन क्षेत्र का 3-5 फीसदी है.

चीन के साथसाथ दूसरे देशों में भी इस का इस्तेमाल घर बनाने, फर्नीचर बनाने, बरतन बनाने, सजावटी सामान बनाने, पेपर और रस्सी बनाने और जानवरों को इस के पत्तों को खिलाने में उपयोग में लाया जाता है. बांस की नई कोपलों यानी तनों से झारखंड, बिहार, ओडि़सा और छत्तीसगढ़ राज्यों में बहुत ही लजीज खाना बनाया, खाया और बेचा जाता है. इन के नए तनों को?छीलने से जो श्राव या तरल मिलता है, इस का इस्तेमाल तमाम तरह की बीमारियों के इलाज में होता है. बांस औषधीय गुणों से भरपूर है. यह दवा बनाने के काम भी आता है.

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