कुछ सालों से देश पानी के संकट से जूझ रहा है, इस से फसलों की सिंचाई तो दूर, लोग पीने वाले पानी तक के लिए तड़प रहे हैं. ऐसे में हमें बूंदबूंद पानी की कीमत को हर हाल में समझना ही चाहिए. वैसे भी सब से ज्यादा पानी की खपत खेती में ही होती है, इसलिए खेती में हमें जरूरत के मुताबिक सही मात्रा में पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.
गन्ना जैसी फसलों व घर के गमलों में सिंचाई की बहुत जरूरत पड़ती है. सभी तरह की फसलों में सिंचाई के लिए एक निश्चित समय होता है. कई बार किसान इस समय का सही अंदाजा नहीं लगा पाते हैं, जिस से पैदावार कम होने के साथ ही साथ ढेर सारा पानी बरबाद हो जाता है. इन्हीं सब परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए भारतीय अनुसंधान संस्थान के कोयंबटूर स्थित गन्ना प्रजनन संस्थान के वैज्ञानिकों ने खेत में मौजूद नमी के मुताबिक सिंचाई की जानकारी देने वाला एक मिट्टी नमी सूचक (स्वायल मौइस्चर इंडीकेटर) यंत्र बनाया है, जिसे एसएमआई के नाम से जाना जाता है.
इस यंत्र की खास बात है कि यह इलैक्ट्रानिक एलईडी लाइट के जरीए मिट्टी में मौजूद नमी के आधार पर सिंचाई करने की सूचना देता है. यह इस्तेमाल करने में बेहद आसान, मजबूत, कम कीमत वाला, कम रखरखाव व खेत में इस्तेमाल के लिए मुनासिब है. खास बात यह है कि यह यंत्र इस काम के लिए बाजार में मौजूद दूसरे यंत्रों से बेहद सस्ता और ज्यादा खूबियों वाला है.
क्या है अंदर की तकनीक : पौधों के लिए कितने पानी की जरूरत है, ताकि मिट्टी में सही नमी बनी रहे और पेड़ मुरझाए नहीं की गणना इस यंत्र से आसानी से की जा सकती है. मिट्टी की नमी के 2 बिंदु होते हैं. इस मिट्टी नमी सूचक यंत्र में मिट्टी के नमी स्तर को दर्शाने के लिए इन्हीं दोनों बिंदुओं को आधार बनाया गया है. इस के अलावा यह यंत्र मिट्टी की नमी जानने की खास जिप्सम ब्लाक तकनीक के अनुसार काम करता है.
इस यंत्र में धातुओं की बनी 2 सेंसर छड़ें होती हैं, जो मिट्टी में धंसाने व बटन को दबाने पर बिजली की सर्किट सुचालकता या रोधिता को समझती हैं व मिट्टी की नमी के स्तर को एलईडी के एक रंग के चमकने से जाहिर करती है. तमाम मिट्टियों के सही अनुमान के लिए 3 रंगों की एलईडी लाइट लगी रहती है.
कैसे काम करता है : एलईडी बल्बों के अलगअलग रंगों में चमकने से हम खेत में मौजूद नमी के आधार पर सिंचाई के बारे में जानकारी पाते हैं, जो इस प्रकार है :
लाल लाइट : यह सिंचाई की तुरंत जरूरत को दर्शाती है. दरअसल स्थायी मुरझान बिंदु से थोड़ा अधिक नमी स्तर लाल या संतरी एलईडी लाइट की चमक से प्रदर्शित होता है.
हरी लाइट : यह बताती है कि तुरंत सिंचाई की जरूर नहीं है. कुछ दिन इंतजार किया जा सकता है. दरअसल, स्थायी बिंदु से पर्याप्त ऊपर और क्षेत्र धारिता से कम मिट्टी नमी अवस्था, हरी लाइट की चमक से जाहिर होती है.
नीली लाइट : यह पर्याप्त या पर्याप्त से अधिक मिट्टी नमी को दर्शाती है. दरअसल, क्षेत्र धारिता पर मिट्टी की नमी की स्थिति नीली लाइट के जलने से पता चलती है.
फायदे ही फायदे : इस यंत्र को किसान अपने खेतों में पहले से मौजूद सिंचाई निर्धारण यंत्र टेंसियोमीटर की तुलना में रख चुके हैं. किसानों के अनुभव से पाया गया कि यह टेंसियोमीटर से कई मामलों में जैसे खेत के अलगअलग हिस्सों में मल्टीयूनिटों के स्थायी स्थापना, सिंचाई के तुरंत बाद संग्रह नलिका में पानी भर जाने, खालीपन, रिसाव की समस्या समेत दूसरी समस्याओं से पूरी तरह से छुटकारा दिलाता है. इस के अलावा यह टेंसियोमीटर से बहुत ही सस्ता है.
कहां से मिलेगा : पूरी जानकारी के लिए कोयंबटूर, तामिलनाडु को गन्ना प्रजनन संस्थान व उस से संबंधित करनाल, हरियाणा स्थित क्षेत्रीय गन्ना प्रजनन केंद्र से सीधे फोन पर या पत्राचार द्वारा संपर्क किया जा सकता है.
पता और फोन नंबर
* डा. बक्शी राम, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, गन्ना प्रजनन संस्थान कोयंबटूर, तामिलनाडु- 641007
फोन : 0422-2472986
* डा. कुलश्रेष्ठ, विभागाध्यक्ष, क्षेत्रीय गन्ना प्रजनन केंद्र, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, करनाल, हरियाणा
फोन : 0184- 226556, 2268096
संस्थान ने 3 निजी फर्मों को भी इस के निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंस दिया है. संस्थान के निदेशक डा. बक्शी राम के दावों के मुताबिक इन में से एक फर्म ने इस के निर्माण और बिक्री का काम तेजी से शुरू कर दिया है. जिस का पता और फोन नंबर इस प्रकार है:
टेक सोर्स सोल्यूसंस, 163, राजेश्वरी कांप्लेक्स, द्वितीय तल, कर्नाटका बैंक के ऊपर, आरवी रोड, निकट मिनर्वा सर्किल बेंगलूरू-560004. मो.: 9035067427,