महाशिवरात्रि और होली जैसे उत्सवों के लिए मशहूर महीना मार्च खेती के लिहाज से भी रंगारंग ही होता है. इस महीने तमाम किसान होली के खुमार में डूबे रहते हैं, लिहाजा इन के काम का जोश भी बढ़ जाता है. रंगबिरंगे त्योहार की मस्ती किसानों की कूवत में खासा इजाफा कर देती है. इस महीने रबी की तमाम फसलें पकने की दहलीज पर पहुंच चुकी होती हैं, इस से किसानों का जोश ज्यादा ही बढ़ जाता है. एक ओर रबी की फसलें तैयार होने को होती हैं, तो दूसरी तरफ जायद की तमाम फसलों की बोआई का सिलसिला चालू हो जाता है.

एक ओर गेहूं की फसल में दाने बनने लगते हैं, तो दूसरी ओर चीनी की फसल यानी गन्ना कटाई के लिए तैयार हो जाता है. एक ओर त्योहारों का आलम किसानों में नई उमंग भरता है, तो दूसरी तरफ गन्ने व गेहूं की आमदनी की उम्मीद किसानों के परिवारों में खुशी भर देती है. पेश है मार्च के दौरान होने वाले खेती के खास कामों का ब्योरा :

* मार्च में गेहूं की बालियों में दूध बनना शुरू हो जाता है और इसी के साथ गेहूं के दाने बनने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

* गेहूं के दाने बनने के दौरान पौधों को पानी की दरकार रहती है, इसलिए खेत में नमी कायम रखना लाजिम होता है. लिहाजा गेहूं के खेत की सिंचाई का पूरा खयाल रखें.

* अकसर मार्च के दौरान दिन में अंधड़ यानी तेज हवाओं का दौर चलता है, लिहाजा रात के वक्त सिंचाई करना बेहतर रहता है.

* अगर उड़द की बोआई का इरादा हो, तो इस काम को 15 मार्च तक निबटा लें. उड़द बोने से पहले इस बात का खयाल रखें कि बीजों को उपचारित करना जरूरी है. इस के लिए कार्बंडाजिम या राइजोबियम कल्चर का इस्तेमाल करें.

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