लेखक- डा. संजय सिंह, वैज्ञानिक

न कोई खाद, न कोई पैस्टिसाइड, न फफूंदनाशी, सिर्फ डीकंपोजर ‘जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र’ द्वारा बनाया गया अपशिष्ट विघटनकारी है. इस के साथसाथ यह कृषि की एक नई विधि भी है, जो पूरी तरह से जैविक है. यह बायोडीकंपोजर किसानों की लागत को आधा करती है. पैस्टिसाइड पर होने वाले खर्च को भी बहुत कम कर देती है. ‘एग्रोकनैक्ट’ जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र से इस प्रोडक्ट की उपलब्धता बढ़ाने के लिए वैस्ट डीकंपोजर उपलब्ध कराएगा.

डीकंपोजर बनाने की विधि

* एक ड्रम या टंकी में 200 लिटर पानी लें और उस में 2 किलोग्राम पुराना गुड़ अच्छे से मिलाएं.

* अब डीकंपोजर की एक बोतल का मैटेरियल पानी में डालें और पानी को किसी लकड़ी की मदद से चला दें. हाथों से डीकंपोजर को बिलकुल न छुएं.

ये भी पढ़ें- मधुमक्खीपालन-अतिरिक्त आय का साधन

* अब रोजाना सुबहशाम घोल को लकड़ी की मदद से थोड़ा सा तकरीबन 5 मिनट चलाएं. 7 दिनों में आप का घोल कुछकुछ मिट्टी की तरह का रंग लिए हुए तैयार हो जाएगा. कंपोस्ट बनाने की विधि छायादार जगह पर प्लास्टिक शीट बिछा कर उस पर पतली गोबर व कृषि अपशिष्ट की 1 टन की परत बिछा दें और इस पर 20 लिटर तैयार घोल का छिड़काव करें. यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं, जब तक कि 200 लिटर घोल खत्म न हो जाए. तैयार कंपोस्ट में 60 फीसदी नमी बनाए रखें.

डीकंपोजर का छिड़काव हर 7 दिन के अंतर पर करें. इस तरह से 40 से 50 दिनों में आप का कंपोस्ट तैयार हो जाएगा. बायोडीकंपोजर सिर्फ विघटन करने वाला ही नहीं है, बल्कि इस के और भी कई इस्तेमाल हैं. बायोपेस्टिसाइड के रूप में 30 लिटर बायोडीकंपोजर 70 लिटर पानी में मिला कर स्प्रे करने से इस से विभिन्न प्रकार की मृदाजनित, जीवाणुजनित बीमारियों से बचा जा सकता है. इस का छिड़काव 10 दिन के अंतर पर करते रहना चाहिए. कीट प्रबंधन कीटों से बचाव के लिए व कीट लगने की अवस्था में भी बायोडीकंपोजर का स्प्रे करने से सभी तरह के कीटों व माइट्स पर इस के बहुत ही असरकारक नतीजे देखने को मिले हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...