पंजाब ने आज से नहीं. जब से कृषि क्रांति हुई है बिहार और उत्तर प्रदेश के बेरोजगारों को अपने यहां भरपूर काम दिया है. इस बार इन मजदूरों का नाम लेकर मुख्यमंत्री के एक बयान को ले कर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और पूरी भाजपा उत्तर प्रदेश व बिहार के पंजाब में बसे मजदूरों को बहकाने में जुट गई. इन्हीं मजदूरों को वोटों पर अरङ्क्षवद केजरीवाल की नजर है और चरणजीत ङ्क्षसह चन्नी ने भैय्यों को पंजाब न आनें दें का जो कसा था वह केजरीवाल और योगी जैसों को पंजाब पर राज करने की कोशिश से रोकने का था.

बड़ा सवाल तो यह है कि पंजाब दिल्ली या देश व दूसरे हिस्सों में उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग भरभर कर जाते क्यों हैं? इसलिए रामचरित मानस से प्रभावित इन इलाकों को पिछड़ी जातियों की जनता को धर्म के नाम पर जान कर लूटा है. यहां आज भी एक तरह की छिपी हुई जमींदारी चल रही है जिस में हर ओहदेदार अपने को छोटामोटा राजा या महा पुरोहित मानता है जिस का आदेश पिछड़ी जातियों के लोगों को मानना ही होगा चाहे वे पढ़लिख भी गए हों.

इस इलाके में, जिसे गौपट्टी कहां जाता है मंदिर बनाए जा रहे है, कारखाने नहीं. यहां से गुजर कर चले जाने लायक सडक़ें बनी हैं, यहां के रहने वालों की बस्तियों में नहीं. यहां स्कूल खुले हैं पर हर जाति, उपजाति के लिए अलग. यहां मंदिर बेशुमार हैं पर हर जाति के लिए अलग, पिछड़ों को ऊंचों के देवीदेवता छूने तक नहीं दिया जाता. इन पिछड़ी जातियों को तो ऊंचों के  धर्म के नाम पर दूसरों का सिर फोडऩे के लिए इस्तेमाल किया गया है.

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