जहां एक ओर कांग्रेस की लोकप्रियता बुरी तरह घटती जा रही है वहीं अन्ना आंदोलन के भ्रष्टाचार के मुद्दे से निकली आम आदमी पार्टी अब हर ऐसे राज्य में पैर फैला रही है जहां पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का मुकाबला होना था. आम आदमी पार्टी की पंजाब में बहुत ही अच्छी विजय ने उस का आत्मविश्वास बढ़ा दिया है और चाहे कांग्रेस का समाप्त होना खले, लोकतंत्र जिंदा है और एकपार्टीराज नहीं बन रहा, इस का भरोसा मिल रहा है.

आमतौर पर युवाओं और राजनीति में नए आए लोगों की आप पार्टी में वोटरों ने भरोसा जताया है कि अब जनता बुरी तरह से विरासत और धर्म की राजनीति करने वाली व बहकाने व लूटने वाली नीतियों की पार्टियों से थक चुकी है और जहां जरा सा मौका मिलता है वह नया प्रयोग करने को तैयार है. पश्चिम बंगाल में यह प्रयोग तृणमूल कांग्रेस के रूप में हुआ और आंध्र में जगन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के रूप में. तेलंगाना, तमिलनाडू, केरल भी इसी तरह के राज्य हैं जहां न कांग्रेस है और न भारतीय जनता पार्टी.

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भारतीय जनता पार्टी ने जो राममंदिर और हिंदू पौराणिकवादी खेल खेला है उस ने जनता की भावनाओं व सदियों के अंधविश्वासों को भुनाया है जो उस की रोजीरोटी को सुलभ नहीं बनाता. भाजपा को लोगों के अगले जन्म को सुधारने का झूठा वादा दिलाने के नाम पर वोट मिल जाते हैं, जबकि इन पार्टियों को जनता के आज को सुधारने का काम करना पड़ रहा है और ये जनता के ज्यादा नजदीक हैं. इसीलिए वोटर अपनेअपने राज्य में इन पार्टियों का ज्यादा समर्थन कर रहे हैं और कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी बरबाद होती दिख रही हैं.

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