धर्म का अर्थ अंधभक्ति. अंधभक्ति से अगर कू्ररता, आतंक, मारपीट, हिंसा, हत्या, आगजनी, औरतों का बलात्कार होता हो तो धर्म माफ करता है सिवा धर्म के सहीगलत उपदेशों के विरोध के. धर्म के नाम का महल केवल जोरजबरदस्ती पर टिका है जो बहुत चतुराई से लोगों के दिमाग की सफाई कर पैदा किया जाता है, भक्तों के पैदा होने से ले कर मरने तक की दिमाग सफाई. तभी अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक अर्धविक्षिप्त मगर शिक्षित औरत को सरेआम सड़कों पर पीटपीट कर भीड़ द्वारा मार डाला गया कि उस ने कुरान को जला डाला था. वैसे यह घटना अद्भुत नहीं क्योंकि हर धर्म यही करता है और अपने भक्तों में से बाहर जाने वाले या अपने आलोचकों को ज्यादा धमकाता है बजाय विधर्मियों के.

इस बार नया यह हुआ है कि तालिबानियों के साए में पलने वाले अफगानिस्तानी समाज ने इस औरत के पक्ष में आवाज उठाई है और उन लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की जिन्होंने सरेआम पीटपीट कर पुलिस के सामने उस औरत को मारा. उस औरत के जनाजे में सैकड़ों औरतों ने सम्मिलित हो कर संदेश दिया है कि धर्म के खिलाफ भी आवाज उठाई जा सकती है. अफगानिस्तानी सरकार औरतों को मारने वालों पर कोई कार्यवाही करेगी, इस में संदेह है. जब भारत जैसे संविधान से चलने वाले, गैर धार्मिक देश में धर्म की पोल खोलने वालों को सरकारी संरक्षण नहीं, सरकारी आतंक का सामना करना पड़ता है तो अफगानिस्तान तो तालिबानियों का गढ़ है.

धर्मग्रंथ, देवीदेवता, धर्म के उसूलों पर सच बोलने वालों के लिए धर्मचालित शासक अपनी पूरी ताकत लगा देते हैं ताकि इस बहाने शासकों के खिलाफ बोलने वालों को भी डरायाधमकाया जा सके. धर्म के प्रचारकों को संरक्षण देना सरकार, उद्योगपतियों, व्यापारियों, चालबाजों के लिए बहुत लाभदायक रहता है. उस अफगानी औरत की क्या मजाल कि वह धर्म की प्रतीक कुरान का अपमान करे जिस की करोड़ों प्रतियां छप चुकी हैं और करोड़ों ही धूप, पानी, दीमक, सील आदि से स्वत: नष्ट होती रहती हैं. प्रकृति के खिलाफ तो धर्म के ठेकेदार कुछ कर नहीं पाते, सो वे आम आदमी को अकसर लपेटे में ले लेते हैं.

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