सरकार की नई एविएशन नीति के अनुसार अब छोटे छोटे शहरों को भी हवाई सेवाएं मिल सकेंगी और बड़े शहरों तक पहुंचने के लिए युवाओं को घंटों की उबाऊ और थकाऊ रेल व बस यात्रा करने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा. 500 किलोमीटर की यात्रा अब हवाईजहाज से 2,500 रुपए में की जा सकेगी यानी जिस ट्रैवल के लिए पहले 12-14 घंटे लगते थे अब सिर्फ 5-6 घंटे में वह सफर पूरा हो जाएगा.
सरकार ने नीति तो बना दी है पर एयरलाइंस इस का फायदा उठाएंगी इस में शक है. छोटे शहरों में एयरपोर्ट्स की कमी है और हैं भी तो शहरों के बाहर, जहां तक आनेजाने में ही मोटा खर्च हो जाएगा. छोटे शहरों से बस और ट्रेन हर 2-3 घंटे में मिल जाती है पर हवाई सेवा ज्यादा से ज्यादा दिन में 2 बार होगी, क्योंकि इतने पैसेंजर जुटाने मुश्किल होंगे. यह भी पक्का रेल के डब्बों और खटारा बसों की तरह हवाई कंपनियां भी कंडम हवाईजहाज लगाएंगी, जो कब खराब हो जाएं पता नहीं और जिन की सीटें फटी होंगी और उन में रिटायर्ड एयर होस्टेस होंगी.
दिक्कत यह है कि सरकार आज भी इतनी ज्यादा नीतियों के ढेर पर बैठी है कि उस की ढेरों अनुमतियों के बिना निजी सेवाएं देने वाले चाहें तो भी मर्जी की सेवाएं नहीं दे सकते. यही नहीं, देश में हर तरफ अफरातफरी का माहौल है, जिसे न नगर निकाय ठीक करते हैं, न राज्य सरकार व न केंद्र सरकार. नतीजा यह है कि एयरलाइंस को सैकड़ों बाधाएं पार कर सेवा करने का मौका मिलेगा और बहुत बार वे थकहार कर बैठ जाएंगे.