दिल्ली के विकासपुरी में डा. पंकज नारंग की भीड़ द्वारा पीटपीट कर हत्या कर देने से कई अनसुलझे सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल, हुआ कुछ यों था कि उधर भारत बांग्लादेश से क्रिकेट मैच क्या जीता डा. नारंग के 8 वर्षीय बेटे ने दूसरे दिन जिद पकड़ ली कि वह भी मैच जीतेगा. डा. नारंग यों तो हर मैच में भारत को जीतना देखना पसंद करते थे पर उन्हें अपने बेटे के साथ खेलते हुए हारना पसंद था. पर बेटे के साथ खेलते हुए वे जिंदगी से ही हार जाएंगे, ऐसा उन्होंने सोचा भी नहीं होगा. घर की बालकनी में खेलते हुए बेटे ने बल्ले से गेंद को मारा तो गेंद घर से बाहर गली में तेज गति से बाइक चला रहे एक नाबालिग लड़के (15-16 वर्ष) को जा लगी. इस पर डा. पंकज ने पहले तो सौरी बोला फिर समझाया कि गली में इतनी तेज बाइक चलाना ठीक नहीं. मामूली कहासुनी बाद में खूनी संघर्ष में बदल गया. बाइक सवार गुंडे थोड़ी ही देर में 15-20 लड़कों को ले कर आया और डाक्टर की डंडे सरिया से पीटपीट कर हत्या कर दी.
तमाशबीन बने रहे पड़ोसी
गुंडे डा. नारंग को पीटते रहे, पर कोई भी पड़ोसी बीच बचाव के लिए नहीं आया. इस दौरान डा. नारंग ने कई बार माफी मांगी पर गुंडों को तरस नहीं आया.
देर से आई पुलिस
वारदात के बाद देर से आने का रिकौर्ड पुलिस भी तोड़ न सकी और 100 नंबर पर काल के बाद देर से पुलिस आई. तब तक अपराधी अपनी करतूत कर चुके थे.
बेखौफ अपराधी