5 फरवरी, 2016 को बिहार में पटना जिले के करबिगहिया इलाके में 3 प्रैशर बम, 2 किट, डैटोनेटर और बम बनाने के काम में आने वाले कई सामान को देख कर पुलिस चौंक गई. कारोबारी नंदकिशोर के मकान की पहली मंजिल पर पुलिस ने यह जखीरा बरामद किया था. कारोबारी नंदकिशोर ने पुलिस को बताया कि उस ने राहुल नाम के लड़के को वह फ्लैट किराए पर दे रखा था. पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया और उस के पास से 4 मोबाइल फोन और 12 सिम कार्ड बरामद किए.

पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि राहुल किस के लिए बम बनाता था? क्या वह किसी आतंकी या नक्सली संगठन के लिए तो बम नहीं बना रहा था? बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में आतंकवादियों के पैर पसारने के सुबूत पिछले कुछ सालों में कई बार मिल चुके हैं. इस के पहले खेमनीचक, बहादुरपुर और मीठापुर में हथियारों और बमों का जखीरा बरामद किया था.

राज्य के कई बेरोजगार नौजवानों को पैसों के लालच में फंसा कर आतंकवादी और नक्सली संगठन अपना उल्लू सीधा करते रहे हैं. पिछले साल के आखिर में ही बिहार के एक नौजवान एजाज उर्फ कलाम की मेरठ में हुई गिरफ्तारी के बाद उस की आतंकवादियों से सांठगांठ होने का खुलासा हुआ था. 27 नवंबर, 2015 को उत्तर प्रदेश के मेरठ कैंट से गिरफ्तार जासूस एजाज उर्फ कलाम के पाकिस्तानी जासूस होने और बिहार में आतंकवाद का नैटवर्क तैयार करने के खुलासे के बाद एक बार फिर बिहार में आतंकी जड़ों के पनपने का भी भंडाफोड़ हो गया है. एजाज की ट्रेनिंग के दौरान के फोटो के सामने आने पर पुलिस को पता चला कि वह पाकिस्तानी जासूसी संगठन आईएसआई का बड़ा अफसर भी हो सकता है. फोटो में वह किसी बड़े अफसर की तरह ट्रेनिंग लेता दिख रहा है. पुलिस की जांच टीम के अफसरों को पूरा यकीन है कि एजाज को ट्रेनिंग देने का तरीका आईएसआई के अफसरों की ट्रेनिंग जैसा ही है

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