लखीमपुर खीरी में गोकर्णनाथ बाजार में शाम की भीड़भाड़ थी. लोगों की आवाजाही की परवाह किए बगैर मोनिका अपनी स्कूटी का हौर्न बजाती फर्राटा भरती जा रही थी. तभी सामने एक युवक आ गया. वह टकरातेटकराते बचा. उस युवक ने दोनों हाथों से स्कूटी का हैंडल पकड़ लिया.

नाराजगी दिखाते हुए बोला, ‘‘स्कूटी इतनी तेज क्यों चला रही हो?’’

‘‘तुम कौन हो मुझे रोकनेटोकने वाले?’’ मोनिका भी उसी लहजे में तपाक से बोली.

‘‘मुझे चोट लग जाती तो..? वैसे मैं पुलिस वाला हूं,’’ युवक बोला.

‘‘लगी तो नहीं न…हुंह बगैर वरदी के ड्यूटी कर रहे हैं. चलो, सामने से हटो.’’ मोनिका बोली.

‘‘गलती करती हो फिर भी इतनी ऐंठ रही हो. तुम हो कौन, जो इतने तेवर दिखा रही हो?’’ युवक बोला.

‘‘अगर कहूं कि मैं भी पुलिस वाली हूं तो…’’

‘‘झूठ, तुम पुलिस वाली हो ही नहीं. देखो, तुम्हारा आला नीचे गिरा हुआ है,’’ युवक बोला.

मोनिका ने नीचे देखा, सड़क पर उस का स्टेथेस्कोप (आला) गिरा हुआ था. तब तक सड़क पर उन के आगेपीछे कई गाडि़यां खड़ी हो गई थीं. जाम हटाने के लिए एक सिपाही वहां आया. आते ही उस ने उस युवक को सैल्यूट मारा.

इस के बाद वह युवक वहां से चला गया. तब तक मोनिका अपनी स्कूटी दोबारा स्टार्ट कर चुकी थी. युवक के जाते ही उस ने सिपाही से पूछा, ‘‘तुम ने उसे सैल्यूट क्यों मारा? कौन था वह?’’

‘‘मैडम, आप नहीं जानतीं, वह पुलिस अफसर हैं.’’ यह कहते हुए सिपाही वहां से चला गया.

मोनिका कुछ पल के लिए सिपाही की बात सुन कर स्तब्ध रह गई. गलती उस की थी, भीड़ में स्कूटी तेज नहीं चलानी चाहिए थी. स्कूटी के सामने युवक की जगह कोई बुजुर्ग, बच्चा या महिला होती तो… यह सोच कर वह सिहर गई.

…उसे एक अच्छी डाक्टर बनना है. उस के प्रोफेशन के लिए तेज स्कूटी दौड़ाना या बगैर आगेपीछे सोचेसमझे स्टूडेंट वाला तेवर दिखाना ठीक नहीं है.

मोनिका ऐसा ही कुछ सोचतेसोचते बाजार के भीड़भाड़ वाले इलाके से बाहर निकल आई थी. सड़क पर उसे वही युवक बाइक पर सामने जाता दिखा. उस ने सोचा चल कर अपनी गलती के लिए उसे सौरी बोल दे. और फिर उस ने स्कूटी की रफ्तार बढ़ा दी.

कुछ मिनटों में ही वह उस की बाइक के पीछे थी. हौर्न बजाया. बाइक पर सवार युवक ने साइड मिरर में मोनिका को देख लिया था. उस ने बाइक रोक दी.

उस के साथ मोनिका ने भी अपनी स्कूटी रोक कर बाएं पैर को जमीन पर टिका लिया.

मोनिका सौरी से पहुंची दिल तक

‘‘फिर टक्कर मारने का इरादा है क्या?’’ युवक ने मजाक किया.

‘‘नहीं सर, ऐसा बोल कर आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं. मैं अपनी गलती के लिए सौरी बोलने आई हूं. मैं आप को पहचान नहीं पाई.’’ मोनिका बोली.

‘‘कोई बात नहीं, अनजाने में ऐसी गलतियां हो जाती हैं. तुम्हें अपनी गलती का एहसास हो गया, इस से अच्छी बात और क्या हो सकती है?’’

‘‘सर, आप का नाम क्या है? किस थाने में हैं?’’ मोनिका ने जिज्ञासावश पूछ लिया.

‘‘मैं शिवम मिश्रा हूं. मेरी अभी डिप्टी एसपी की ट्रेनिंग चल रही है. सुलतानपुर जिले की पुलिस लाइन में हूं…और आप किस अस्पताल में डाक्टर हैं?’’ युवक ने पूछा.

‘‘सर, मैं अभी मैडिकल स्टूडेंट हूं. लखनऊ  के प्रबुद्ध मैडिकल कालेज में बीएमएस थर्ड ईयर पूरा होने वाला है. अगले साल अप्रैल से इंटर्नशिप शुरू हो जाएगा, लेकिन कोरोना की वजह से अभी से ही सीनियर को असिस्ट करने के लिए ड्यूटी पर लगा दिया गया है.’’ मोनिका बोली.

‘‘नाम क्या है आप का?’’

‘‘सर, मोनिका पांडेय.’’

‘‘मुझे सर मत बोलो, हम लोग एक ही उम्र के हैं.’’

‘‘क्या हम लोग कहीं चाय या कौफी पी सकते हैं?’’ मोनिका झिझकते हुए बोली.

‘‘क्यों नहीं, इसी के साथ हमारी कड़वाहट मिठास में बदल जाएगी. लेकिन हां, पैसे मैं खर्च करूंगा,’’ शिवम बोले.

‘‘तो फिर चलें, पास में ही एक छोटी सी दुकान है. वहां अच्छी चाय और कौफी मिलती है. बैठने की भी जगह है.’’

मोनिका और शिवम की यह मुलाकात जनवरी 2021 की थी. उस रोज दोनों ने कौफी पीते हुए कुछ मुश्किल से 15-20 मिनट ही गुजारे होंगे, लेकिन इस बीच उन्होंने काफी बातें कीं. उन्होंने अपनेअपने प्रोफेशन से ले कर देशदुनिया तक की बातें कीं. एकदूसरे के प्रति लगाव महसूस किया. विदा होने से पहले एकदूसरे का मोबाइल नंबर भी एक्सचेंज कर लिया.

उस के बाद मोनिका और शिवम कई बार मिले. कभी कौफी पीने के लिए तो कभी लंच और डिनर के टेबल पर. इस बीच वे एकदूसरे के काफी करीब आ चुके थे. क्योंकि उन के विचार मिल गए थे.

संयोग कहें या दोनों का सौभाग्य कि दोनों सजातीय ब्राह्मण परिवार भी थे. एक साल तेजी से निकल गया. दिसंबर 2021 आतेआते मोनिका ने महसूस किया कि शिवम ही उस का जीवनसाथी बनने लायक है. कुछ इसी तरह की भावना शिवम की भी बन गई थी. एक दिन दोनों ने अपनेअपने दिल की बात जाहिर भी कर डाली.

शिवम मिश्रा उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के रहने वाले थे, जबकि मोनिका पांडेय लखीमपुर खीरी, गोला, गोकर्णनाथ की रहने वाली थी. उस के परिवार में मां और भाई हैं. भाई अभिषेक पांडेय शादीशुदा है, जबकि पिता राकेश पांडेय के बारे में कई तरह की संदिग्ध बातें हैं. कोई कहता है कि वे जीवित नहीं है, तो कोई कहता है कि वह किसी दूसरे शहर में रह रहे हैं.

दरअसल, राकेश पांडेय फार्मासिस्ट थे और वे 2016 से रहस्यमय ढंग से लापता हो गए. मोनिका की मां राकेश पांडेय की दूसरी पत्नी हैं. वह एएनएम (सहायक नर्स) हैं. परिवार में 3 बच्चे हैं. 2 बेटियां अंजलि और मोनिका और बेटा अभिषेक. अंजलि राकेश पांडेय की पहली पत्नी की बेटी है, जो बाराबंकी में ब्याही हुई है.

राकेश पांडेय के बारे में पासपड़ोस एवं उन के दोस्तों का कहना है कि वह हद से ज्यादा शराब पीते थे. वर्ष 2016 में अचानक गायब हो गए. 6 साल से उन का कुछ पता नहीं चल पाया है.

वर्ष 2018 में उन के बेटे अभिषेक ने अपने फेसबुक पेज पर पिता की फोटो डाल कर तलाश करने की कोशिश की थी. उस ने एक मैसेज लिखा था..

‘ये मेरे पापा हैं, कुछ टाइम से मिसिंग हैं, प्लीज शेयर इट. जिस को भी पता चले, वह इस नंबर पर काल कर के इनफौर्म कर दें. आप सब की बहुत मेहरबानी होगी. प्लीज, मेरी रिक्वेस्ट है, आप सभी से. मेरे परिवार को पूरा करने में हमारी हेल्प करें…’

इसी के साथ 2 मोबाइल नंबर दिए गए थे.

दोनों ने की थी कोर्टमैरिज

मोनिका और शिवम की चैटिंग, कालिंग और डेटिंग तीनों जोरों पर थीं. इसी के साथ उन के दिलों में अंकुरित हुआ प्रेम का बीज धीरेधीरे पौधा बन चुका था. उस में फूल की कली भी निकल आई थी. उस के फूल खिलने को थे.

मोनिका का पढ़ाई के सिलसिले में लखनऊ आनाजाना लगा रहता था. वह जब भी लखीमपुरखीरी आती, शिवम से जरूर मिलती. दोनों अच्छाखासा समय साथसाथ गुजारते थे. उन का प्रेम परवान चढ़ चुका था और उस की खूशबू भी फैलने लगी थी.

शिवम के दोस्त और रिश्तेदारों ने उस के प्रेम को महत्त्व दिया, जबकि मोनिका के घर परिवार वाले भी उस के प्रेम के बारे में सब कुछ जानने के लिए उत्सुक हो गए.

खासकर उस की मां शिवम से मिलने को उत्साहित थीं. वह यह जान कर खुश हो गई थीं कि उन की बेटी ने अपनी पसंद से बहुत ही अच्छा वर चुन लिया है.

पति के नहीं होने पर वह शायद ही शिवम की तरह दामाद तलाश पातीं. बेहद खूबसूरत मोनिका डाक्टर की पढ़ाई करने वाली एक तेजतर्रार युवती थी. उस का यही स्वभाव शिवम को पसंद आ गया था.

कहने को तो पहली नजर में ही दोनों एकदूसरे को दिल दे बैठे थे, लेकिन सच यह भी था कि शिवम को मोनिका जैसी जीवनसाथी चाहिए थी. उच्चशिक्षा प्राप्त कर रही मोनिका से शादी करने में शिवम मिश्रा ने और देर करनी उचित नहीं समझी.

उन्होंने 7 दिसंबर, 2021 को लखीमपुर खीरी में कोर्टमैरिज कर ली. करीब 30 वर्षीया मोनिका पांडेय और लगभग उसी उम्र के शिवम मिश्रा दंपति बन गए थे. हालांकि इस पर दोनों के परिवार वालों ने कुछ सवाल भी उठाए, किंतु उन्होंने सभी को अपनेअपने तर्क से संतुष्ट कर दिया.

उन्होंने सगेसंबंधियों को यह कह कर चुप करा दिया कि आपस में विचार मिलने चाहिए, दिल मिलना चाहिए. शादी पारंपरिक हो या फिर कानूनी तरीके से कोर्टमैरिज, इस में कोई फर्क नहीं पड़ता है.

शादी के बाद शिवम मिश्रा अपनी पत्नी मोनिका पांडेय को ले कर सुलतानपुर की पुलिस लाइन स्थित अपने सरकारी आवास में आ गए. वहां शिवम अकेले रहते थे.

उन के दिन अच्छे गुजरने लगे. जल्द ही वे अपनीअपनी रोजमर्रा की जिंदगी में आ गए. मोनिका अपनी डाक्टरी की पढ़ाई में जुट गई, जबकि शिवम मिश्रा अपनी ट्रेनिंग पूरी कर रहे थे.

मोनिका अपनी मां और भाई से फोन पर बातें कर लेती थी. मां से वह अकसर वीडियो काल पर बातें करती थी. उन्हें अपनी बदली हुई जिंदगी के बारे में बताती रहती थी. मां भी अपनी बेटी की नई जिंदगी से बेहद खुश थी.

जब कभी मोनिका कोई गहना खरीदती थी, तब अपनी मां को उस बारे में जरूर बताती थी. इतना ही नहीं, वीडियो काल में पहन कर दिखाती थी.

दोनों के परिवार में सब कुछ ठीकठाक था, यदि कुछ खलबली थी तो मोनिका और शिवम के दिमाग में थी. कारण साफ था. दोनों की अपनीअपनी प्रोफेशनल लाइफ थी.

मोनिका के करीबी दोस्तों की मानें तो वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए लखनऊ आने को बेचैन हो गई थी, जबकि शिवम के घर वालों पर शादी के पारंपरिक समारोह के आयोजन का दबाव था.

दोनों इस बात को ले कर आए दिन तनाव में आ जाते थे. कई बार बातबात पर तकरार भी हो जाती थी.

बातें छोटीछोटी होती थीं, लेकिन उन को समझने और समझाने वाला घर में उन के अलावा और कोई नहीं था. नतीजा घरेलू बातों का सकारात्मक पक्ष सामने नहीं आ पाता था. बताते हैं कि उन का दांपत्य जीवन पटरी पर आने को बेचैन था, लेकिन कई तरह की विरोधी बातें सामने आ जाती थीं.

बात 31 मार्च, 2022 की रात साढ़े 9 बजे की है. मोनिका बहुत खुश थी. उस ने अपनी मां को वीडियो काल की थी. हंसहंस कर बातें कर रही थी. जब मां ने पूछा कि क्या बात है जो इतनी खुश नजर आ रही है?

पति का गिफ्ट पा कर बहुत खुश थी मोनिका

जवाब में मोनिका ने सोने का हार दिखा दिया, ‘‘देखो, यह सुंदर लगा रहा है न. शिवम ने भेंट किया है. 75 हजार रुपए का है. पहन कर दिखाती हूं.’’

‘‘बहुत सुंदर है, शिवम तुम को बहुत प्यार करता है बेटी, पति के इस प्यार का मान रखना.’’

मांबेटी के बीच कुछ मिनट तक वीडियो कालिंग चलती रही. उन की बातें तब रुकीं, जब शिवम का काल वेटिंग में आने लगा. मोनिका तुरंत बोली, ‘‘शिवम काल कर रहे हैं, बाद में बात करती हूं.’’

वीडियो काल काटने के बाद उस ने तुरंत पति शिवम की काल रिसीव की, लेकिन तब तक काल कट गई थी. मोनिका ने तुरंत शिवम का नंबर मिला दिया. लेकिन व्यस्त आ रहा था. तब मोनिका दोबारा मां से बातें करने लगी.

मां से मोनिका की 2 बार बात शुरू ही हुई थी कि फिर से वेटिंग में शिवम की काल आने लगी. मोनिका ने देरी किए बगैर मां की काल डिसकनेक्ट कर पति की काल रिसीव की.

‘हैलो’ बोलते ही शिवम ने गुस्से में कहा, ‘‘किस से फोन पर लगी रहती हो, कब से काल कर रहा हूं.’’

उसी लहजे में मोनिका भी बोल पड़ी. उन के बीच काम की बातें होने के बजाय तकरार होने लगी. ऐसा क्यों हुआ, किसी को नहीं मालूम. लेकिन उन की गरमागरम आधीअधूरी बातें कमरे से बाहर भी जाने लगी थीं.

उस पर किसी ने ध्यान दिया या नहीं, पता नहीं चल पाया. उन की आवाजों के साथसाथ कभी गाड़ी की तो कभी बाइक की आवाजें शामिल हो जाती थीं. उन में कुत्तों के भौकने की भी आवाजें थीं.

पिता से बहुत लगाव था मोनिका को

पहली अप्रैल, 2022 की सुबह पुलिस लाइन स्थित आवासीय इलाके के लिए मनहूस खबर के साथ शुरू हुई. जिस ने भी वह खबर सुनी, भागाभागा शिवम मिश्रा के आवास की ओर दौड़ पड़ा.

दरअसल, उन की 4 माह पहले ब्याही पत्नी मोनिका की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वह घर के एक कमरे में पंखे से झूलती नजर आ रही थी. उस वक्त शिवम मिश्रा रात की ड्यूटी से अपने आवास पर आए ही थे.

वह खिड़की का दरवाजा तोड़ कर कमरे में दाखिल हुए और पंखे से लटकी पत्नी की लाश नीचे उतारी. हालांकि मोनिका की मौत और लाश की स्थिति को ले कर भी मीडिया में तरहतरह की बातें सामने आने लगीं कि वहां मीडिया को फटकने तक नहीं दिया गया था.

सूचना पा कर डीआईजी/एसपी डा. विपिन कुमार मिश्रा, एएसपी विपुल श्रीवास्तव, सीओ (कादीपुर) भी मौके पर पहुंच गए.

डीआईजी डा. विपिन मिश्रा ने मोनिका की संदिग्ध मौत से परदा हटाने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि मोनिका संभवत: अवसाद में थी. उस के लिए दवाएं लेती थी. उस के पिता का कुछ साल पहले देहांत हो गया था. पिता से उस का काफी जुड़ाव था. शायद इसलिए उस ने आत्महत्या कर ली.

उस की मौत पर जांच को ले कर किए गए सवाल पर उन्होंने बताया कि मोनिका के परिजनों की तरफ से कोई तहरीर नहीं दी गई है. इसलिए अभी आगे की जांच शुरू नहीं हुई है.

मीडियाकर्मियों ने अपने स्तर से मोनिका और शिवम के प्रेम संबंध और सवा सौ दिनों की विवाहित जिंदगी के बारे पता किया. मालूम हुआ कि शिवम पहले से शादीशुदा हैं.

उन की पहली पत्नी प्रयागराज में उन के पैतृक घर पर रहती है. मोनिका से दूसरी शादी थी, जो घर वालों से छिपा कर की गई थी. इस कारण उन की कोर्टमैरिज हुई थी और उस मौके पर शिवम के परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था.

शायद इसे ले कर ही मोनिका और शिवम के बीच तनाव बना रहता था. मोनिका को भी इस की जानकारी शादी के बाद हुई थी.

हालांकि मोनिका की मां ने बाद में इन तमाम बातों को अफवाह और बेबुनियाद बताया. उन का कहना था कि शिवम मोनिका से बहुत प्यार करते थे और उस की देखभाल और सुरक्षा के लिए हमेशा चिंतित रहते थे. वह लखीमपुर आती थी तो साथ में ड्राइवर को भेजते थे.

मोनिका की मां ने घटना के दिन हुई वीडियो कालिंग की बात भी बताई. उन्होंने कहा कि उस दिन शिवम का दिया हुआ सोने का कीमती हार पा कर मोनिका बहुत खुश थी. घटनास्थल से पोस्टमार्टम हाउस तक और फिर श्मशान तक मोनिका के पति शिवम मिश्रा और अन्य परिजनों के साथ पुलिस की मौजूदगी बनी रही.

बहरहाल, मोनिका ने आत्महत्या से पहले कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा था, यह मीडिया में उठने वाला एक सवाल बन गया. कारण आमतौर पर आत्महत्या करने वाला पढ़ालिखा व्यक्ति यह लिख कर जाता है कि वह किन कारणों से मौत को गले लगा रहा है.

डा. विपिन मिश्रा ने एक वीडियो की बात भी की है, जिस में मोनिका कह रही है कि वह अपने पिता से बहुत अटैच्ड है और अपनी जिंदगी से परेशान है. मगर वह वीडियो मीडियाकर्मियों को नहीं दिखाया गया.

कथा लिखने तक मोनिका के आत्महत्या करने की वजह सामने नहीं आ सकी थी. लोग तरहतरह की चर्चाएं कर रहे थे.

—कथा जनचर्चा और मीडिया की खबरों पर आधारित. कथा का नाटकीय रूपांतरण किया गया है.

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