औरत का दिल अगर किसी ऐरे गैरे नत्थू खैरे मर्द पर भी आ जाए तो वह अपना सब कुछ यहां तक कि शरीर भी उसे सौंप देने में लिहाज नहीं करती. लेकिन उलट इस के यह बात भी सौ फीसदी सच है कि अगर वह जिद पर उतारू हो आए तो कोई मर्द लाख मिन्नतों और जबरदस्ती के बाद भी उस का जिस्म हासिल नहीं कर सकता, भले ही उसे अपनी जान क्यों न देनी पड़ जाए.
यही रुखसार के साथ हुआ था लेकिन उसे नशे की झोंक में आखिरी सांस तक इस बात पर हैरत कम अफसोस ज्यादा रहा होगा कि कभी उस के शौहर रहे सादिक ने ही अपने पेशे कसाईगिरी के मुताबिक उस के उस जिस्म जिस के लिए तलाक के बाद भी वह उस के इर्द गिर्द मंडराता रहा था की बेरहमी से बोटी बोटी कर डाली.
हादसा मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के नजदीक महू नाम के कस्बे का है जो सैन्य छावनी और संविधान निर्माता व देश के पहले कानून मंत्री डा. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली होने के चलते देश भर में मशहूर है.
बीती 2 अक्तूबर को पूरे देश की तरह महू में भी समारोह कर के जगहजगह गांधी जयंती मनाई गई थी. उस दिन छुट्टी के चलते इस कस्बे के बच्चे खेलकूद में व्यस्त थे. महू का एक मोहल्ला है पत्तीपुरा जहां खेल रहे कुछ बच्चों की नजर नजदीक की गली के पास से बहते सुरखी नाले पर पड़ी तो वे हैरान हो उठे.
नाले में किसी मानव के बहते कटे पैर पड़े थे. उन्होंने यह बात दौड़ कर बड़ों को बताई तो थोड़ी देर में नाले के पास खासी भीड़ जमा हो गई. जल्द ही पूरे महू में यह बात जंगल की आग की तरह फैली और मौजूद भीड़ में से किसी ने पुलिस को भी इस की खबर कर दी.
खबर पाते ही टीआई योगेश तोमर टीम सहित मौके पर पहुंचे तो उन्होंने नाले से एक जोड़ी कटे पैर बरामद किए जो घुटनों के नीचे का हिस्सा था. पैर बरामद करने के बाद पुलिस ने इस उम्मीद के साथ आसपास के इलाके में खोजबीन की कि शायद दूसरे अंग भी मिल जाएं, जिस से पता चले कि माजरा क्या है, हालांकि यह पहली ही नजर में सभी को समझ आ गया था कि किसी की हत्या कर लाश के टुकड़े कर उसे बहाया गया है, लेकिन केस के लिए जरूरी था कि शरीर के बाकी हिस्से भी मिले.
देर रात तक पुलिस आसपास खाक छानती रही. जब कोई और अंग बरामद नहीं हुआ तो मामला उलझता हुआ नजर आया. कस्बे में फैली सनसनी, आशंकाओं और अफवाहों, चर्चाओं के दौरान इंचार्ज एसपी कृष्णा वेणी देसावत और एएसपी धर्मराज मीणा भी घटना स्थल पर पहुंच गए चूंकि कटे पैरों के नाखून पर नेल पालिश लगा था इसलिए स्वभाविक अंदाजा यह लगाया गया कि पैर किसी महिला के होने चाहिए.
उस दिन तो पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा लेकिन दूसरे दिन की खोजबीन रंग लाई और शरीर के कुछ और हिस्से बरामद हुए. महू की मीटर गेज लाइन कस्बे का बाहरी इलाका है जहां की खान कालोनी में लाश का सिर और एक कटा हाथ मिला. थोड़ी और मशक्कत के बाद दूसरा कीचड़ से सना हाथ भी बरामद हो गया.
इस नृशंस हत्याकांड की चर्चा अब तक प्रदेश भर में होने लगी थी, लिहाजा पुलिस के लिए यह जरूरी हो चला था कि वह जल्द से जल्द इस हत्याकांड से परदा उठाए. इस बाबत एसएसपी रुचिवर्धन मिश्रा खुद इंदौर से महू आईं. उन्होंने मामले की जांच के लिए 5 पुलिस टीमें बनाईं.
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3 जगहों से बरामद अंगों के मिलने के बाद भी पुलिस के लिए लाश की पहचान करना कोई आसान काम नहीं था लेकिन लाश के दाएं हाथ पर एक टैटू बना मिला, जिस में अंग्रेजी के कैपिटल अक्षरों से हरदीप लिखा हुआ था. इस से अंदाजा लगाया गया कि मृतका सिख समुदाय की हो सकती है क्योंकि हरदीप नाम आमतौर पर सिखों में ही होता है.
इस बाबत पुलिस ने सिख समाज के लोगों से पूछताछ की, लेकिन ऐसी कोई जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी जो टुकड़ेटुकड़े लाश की शिनाख्त में कोई मदद कर पाती. अब तक यह जरूर पूरी तरह स्पष्ट हो गया था कि लाश महिला की ही है और उसे बेहद नृशंस तरीके से मारा गया है.
इस दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को उठा कर पूछताछ भी की लेकिन काम की कोई जानकारी नहीं मिली. इस से एक ही बात उसे समझ आई कि वारदात में किसी आदतन या पेशेवर अपराधी का हाथ नहीं है, फिर भी टुकड़ेटुकड़े मिली यह लाश पहेली बन कर के सामने आई थी.
जल्द ही मुखबिरों के जरिए पुलिस को पता चला कि कोई 2 साल पहले पीथमपुरा थाने में एक मामला दर्ज हुआ था जिस में एक महिला पकड़ी गई थी, जिस के हाथ पर अंग्रेजी में हरदीप गुदा हुआ था. तुरंत ही पुलिस की एक टीम पीथमपुरा थाने रवाना हो गई. पुरानी फाइलें खंगालने पर 2017 के एक मामले से पता चला कि पकड़ी गई महिला का असली नाम रुखसार था.
पुलिस के लिए इतना काफी था. जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि 29 वर्षीय रुखसार के और भी कई नाम हैं मसलन जेबा, पूजा और सोनू, इतनी कामयाबी मिलते ही पुलिस ने इंदौर से रुखसार की बहनों और मां को बुला भेजा, जिन्होंने लाश देखते ही उस की शिनाख्त रुखसार के रूप में कर दी.
इसी पूछताछ में पता चला कि मूलत: इंदौर के चंदू वाला रोड के चंदन नगर इलाके में रहने वाली रुखसार की शादी कोई 8 साल पहले महू के सादिक से हुई थी. उस के पिता का नाम मोहम्मद आमीन है.
भरेपूरे बदन की रुखसार बेइंतहा खूबसूरत थी, उस के तीखे नैननक्श और मासूमियत की चर्चा उस के जवान होते ही शुरु हो गई थी. खूबसूरत बेटी किसी गरीब के घर पैदा हो तो किसी मुसीबत से कम नहीं होती. यही मोहम्मद आमीन के साथ हो रहा था जिन की आमदनी से खींचतान कर घरबार चल पाता था.
पिता को उम्मीद थी कि खूबसूरत रुखसार को किसी खाते पीते घरपरिवार का लडक़ा ब्याह ले जाएगा. लेकिन रुखसार जितनी खूबसूरत थी उस की तकदीर उतनी ही बदसूरत निकली. जब किसी मनपसंद और अच्छी जगह उस का रिश्ता तय नहीं हो पाया तो अब्बा ने बेटी का हाथ सादिक के हाथों में सौंप दिया जो पेशे से कसाई था.
सादिक का एक पैर खराब था, जिस की वजह से वह लंगड़ाकर चलता था लिहाजा लोग उसे सादिक लंगड़ा के नाम से पुकारते थे. रुखसार जब उस की शरीक ए हयात बनकर आई तो वह अपनी इस कमजोरी को भूलने लगा.
इतनी खूबसूरत बीवी पा कर किसी का भी इतराना कुदरती बात होती है लेकिन शायद पैर की कमजोरी के चलते रुखसार उसे मन से नहीं अपना पाई. हालांकि सादिक शारीरिक तौर पर किसी सामान्य पुरुष से उन्नीस नहीं था.
रुखसार की जवानी के समंदर में सादिक ऐसा डूबा कि उस ने अपने काम धाम पर ध्यान देना छोड़ दिया और दिन रात बीवी के साथ बिस्तर में पड़ा जवानी और जिंदगी का लुत्फ उठाते भूल गया कि घर चलाने के लिए पैसा भी उतना ही जरूरी है जितना कि सेक्स.
जब जवानी की खुमारी पर भूख और जरूरतें भारी पड़ने लगीं तो सादिक जल्द और ज्यादा पैसे कमाने की गरज से गलत राह पर चल पड़ा. वह नशे का कारोबार करने लगा. जो लोग नशे के आइटम यानि ड्रग्स का धंधा और स्मगलिंग करते हैं आमतौर पर उन्हें भी इस की लत लग जाती है यही सादिक के साथ हुआ. वह ड्रग्स बेचतेबेचते उस का नशा भी करने लगा था.
पति की हरकतों से परेशान रुखसार को भी नशे की लत लग गई. वह खुद तो नशा करने ही लगी शौहर के साथ नशे का कारोबार भी मिल कर करने लगी. उस के दिल में एक कसक हमेशा बनी रही कि उसे वैसा शौहर नहीं मिला, जैसा मिलना चाहिए था.
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यह कसक कुंठा में बदलने लगी जिस का अहसास कम पढ़ीलिखी रुखसार को था या नहीं, यह तो वही जाने पर बाहर की हवा लग जाने से उसे महसूस हुआ कि सादिक और घर के अलावा भी एक जिंदगी और है, जिस में कुछ और हो न हो लेकिन पैसा ठीकठाक है.
सादिक को भी इस बात का अहसास था कि वह अपनी बीवी की दिली पसंद और चाहत नहीं बल्कि मजबूरी है इसलिए धीरेधीरे वह आक्रामक होने लगा. इस दौरान दोनों का एक बेटा भी हुआ.
अब पैसा तो ठीकठाक आ रहा था लेकिन रुखसार की सादिक के लंगड़ेपन को ले कर असंतुष्टि सर उठाने लगी थी. वह सीधे तो सादिक से कुछ नहीं कहती थी लेकिन जब भी सादिक नशे में बिस्तर पर आता तो उसे उस की हरकतें नागवार गुजरने लगी. एक पुरानी कहावत है जिस का सार यह है कि औरत पति से 2 चीजें ही चाहती है पहली यह कि वह खाने पीने की कमी न होने दे और दूसरी यह कि सैक्स में संतुष्टि देता रहे.