कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु देश का तीसरा सब से बड़ा नगर है. बेंगलुरु के राजाजी नगर थाना क्षेत्र में भाष्यम सर्कल के पास वाटल नागराज रोड स्थित पांचवें ब्लौक के 17वें बी क्रौस में जयकुमार जैन अपने परिवार के साथ रहते थे.

जयकुमार जैन का कपड़े का थोक व्यापार था. पत्नी पूजा के अलावा उन के परिवार में 15 वर्षीय बेटी राशि (काल्पनिक नाम) और उस से छोटा एक बेटा था. जयकुमार मूलरूप से राजस्थान के जयपुर जिले के विराटनगर के पास स्थित मेढ़ गांव के निवासी थे. पैसे की कोई कमी नहीं थी, इसलिए परिवार के सभी सदस्य ऐशोआराम की जिंदगी जीने में यकीन करते थे.

जैन परिवार को देख कर कोई भी वैसी ही जिंदगी की तमन्ना कर सकता था. इस परिवार में सब कुछ था. सुख, शांति और समृद्धि के अलावा संपन्नता भी. ये सभी चीजें आमतौर से हर घर में एक साथ नहीं रह पातीं. मातापिता अपनी बेटी व बेटे पर जान छिड़कते थे. 41 वर्षीय जयकुमार जैन चाहते थे कि उन की बेटी राशि जिंदगी में कोई ऊंचा मुकाम हासिल करे.

उन की पत्नी पूजा व बेटे को पुडुचेरी में एक पारिवारिक समारोह में शामिल होना था. जयकुमार जैन शाम 7 बजे पत्नी व बेटे को कार से रेलवे स्टेशन छोड़ने के लिए गए. इस बीच घर पर उन की बेटी राशि अकेली रही. यह बात 17 अगस्त, 2019 शनिवार की है.

पत्नी व बेटे को रेलवे स्टेशन छोड़ने के बाद जयकुमार घर वापस आ गए. घर आने के बाद बापबेटी ने साथसाथ डिनर किया. रात को उन की बेटी राशि पापा के लिए दूध का गिलास ले कर कमरे में आई और उन्हें पकड़ाते हुए बोली, ‘‘पापा, दूध पी लीजिए.’’

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...