07 मार्च मंगलवार की सुबह 10 बजे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 81 किलोमीटर दूर शाजापुर में भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन की जनरल बोगी में बम धमाका हुआ. इसमें करीब 10 लोग घायल हो गये. मध्य प्रदेश पुलिस ने पिपरिया में 3 लोगो को अरेस्ट किया. पिपरिया में पकड़े गये आतंकियों ने पुलिस को बताया कि उनके कुछ साथी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ, कानपुर, उन्नाव और इटावा में मौजूद हैं. लखनऊ में यह आतंकी शहर और देहात की सीमा से लगे काकोरी थानाक्षेत्र की हाजी कालोनी के बादशाह खान के मकान में किरायेदार के रूप मे रह रहा था. इसका नाम सैफुल्लाह बताया गया. सैफुल्लाह के साथ 2 और साथी वहां रहते बताये गये.

पुलिस ने दोपहर करीब ढाई बजे हाजी कालोनी के मकान को घेर लिया. करीब 9 घंटे की मशक्त के बाद पुलिस ने आतंकी सैफुल्लाह को मार गिराया, तब लखनऊ सहित पूरे देश ने राहत की सांस ली. आंतकी को खतरनाक आईएसआईएस से जुड़ा बताया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के एडीजी ला एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि लखनऊ-कानपुर के कुछ युवा ने आईएसआईएस से प्रभावित होकर खोरासन ग्रुप बना लिया है. इसी ग्रुप ने मध्य प्रदेश में ब्लास्ट किया. यूपी एटीएस और पुलिस ने कानपुर के जाजमऊ, तलाक महल और उन्नाव में छापे मारे. इस दौरान दो सगे भाईयों इमरान व फैजल को अरेस्ट किया गया. यह पिपरिया में पकडे गये दानिश के भाई हैं. इटावा के बकेवर से फखरे व तीन अन्य की तलाश जारी है.

लखनऊ के काकोरी में सैफुल्लाह के साथ 2 और अन्य लोग भी थे. काकोरी का नाम स्वंत्रतता संग्राम से जुडा है. देश को आजाद कराने की लड़ाई में पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिये काकोरी में ट्रेन को लूटने के लिये डकैती डाली थी. काकोरी की ट्रेन डकैती का नाम आजादी के इतिहास में दर्ज है. यहां आजादी के दीवानों को अंग्रेज सरकार ने फांसी की सजा दी थी. इसी थाने में अब लखनऊ का ऐसा पहला मुकदमा दर्ज हुआ जिसमें आईएसआईएस का नाम आ रहा है. आईएसआईएस ने पहली बार उत्तर प्रदेश में अपनी आंतकी धमक दिखाई है.

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