उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चौक सर्राफा बाजार में हुई डकैती का लाइव वीडियो पहली बार दिखा, जिसमें लुटेरे सर्राफा कारोबारियों को बेरहमी से पीटते हुये दिख रहे हैं. राजधानी लखनऊ में 40 किलो सोना और सवा करोड़ की नकदी सहित 16 करोड़ की सबसे बडी डकैती का पर्दाफाश करना पुलिस के लिये चुनौती भरा काम है. 5 मार्च की शाम 9 बजे के करीब चौक के सर्राफा बाजार में जिस तरह से लूट हुई वह पुलिस के लिये शर्म का विषय है. सर्राफा बाजार चौक कोतवाली से 50 मीटर दूर स्थित है. लुटेरे केवल लूट करने में ही सफल नहीं हुये, बल्कि फायरिंग करते भागने में भी सफल हुये. सर्राफा बाजार चौक की पतली गलियों में बना है. वहां यह लूटेरे मोटर साइकिल से आये और लूट कर भाग गये.

सर्राफा कारोबारी प्रवीण स्तोगी ने बताया कि उस समय दुकान बंद करने का समय हो रहा था. उसी समय यह घटना घटी. शनिवार और रविवार को दुकान में कैश ज्यादा होता था, वह कैश दुकान में ही रखते थे. इसके अलावा गहने भी स्ट्रांगरूम में रखे थे. सोमवार को दो दिन का कैश जमा करने बैंक में जाना था. इसलिये सब रखा था. प्रवीण रस्तोगी की मुकुंद ज्वेलर्स के नाम से ज्वेलरी शौप है. पुलिस ने घटना के वक्त मौजूद लोगों से बात की और सीसीटीवी फुटेज के बल पर लुटेरों के स्केच जारी किये है.

वैसे तो लखनऊ पुलिस ने पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाये हैं. पर यह समय पर साथ नहीं देते हैं. इनमें से ज्यादातर कैमरे खराब हैं. पुलिस को कई अलग अलग गिरोहों पर लूट की शंका है. जिस समय लूट की घटना हुई चौक कोतवाली में पुलिस की बेहद कमी थी. पुलिस का ज्यादातर स्टाफ चुनाव ड्यूटी में गया था. अपराध जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि पुलिस लूट की जिन घटनाओं का पर्दाफाश करती है उनमें से ज्यादातर फर्जी होती हैं. जिससे सही लुटेरे पकड़े नहीं जाते. उनके हौसले बढ़ते रहते हैं.

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