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बरखा इस धंधे में कोर्ड वर्ड का प्रयोग करती थी. एजेंट को वह चार्ली नाम से बुलाती थी और कालगर्ल को चिली नाम देती थी. किसी युवती को भेजने के लिए वाट्सऐप पर भी चार्ली टाइप करती थी. वापस मैसेज में भी वह इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करती थी. चार्ली नाम के उस के दरजनों एजेंट थे, जो युवतियों को सप्लाई करते थे. एजेंट से जब उसे लड़की मंगानी होती तो वह कहती, ‘‘हैलो चार्ली, चिली को पास करो.’’

बरखा मिश्रा एक क्षेत्र में कुछ महीने ही धंधा करती थी. जैसे ही धंधे की सुगबुगाहट दूसरे लोगों को होने लगती तो वह क्षेत्र बदल देती. पहले वह गुमटी क्षेत्र में धंधा करती थी. फिर उस ने क्षेत्र बदल दिया और स्वरूपनगर क्षेत्र में धंधा करने लगी. उस ने स्वरूपनगर स्थित रतन अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट लिया था.

इस के बाद उस ने फीलखाना क्षेत्र के पटकापुर स्थित सूर्या अपार्टमेंट में ग्राउंड फ्लोर पर एक फ्लैट किराए पर लिया. यह फ्लैट किसी वकील का था. उस ने वकील से कहा कि वह पत्रकार है. समाचार पत्र के लिए कार्यालय खोलना है. उस ने यह भी कहा कि वैसे वह वर्तमान में आजादनगर स्थित रतन अपार्टमेंट में किराए के फ्लैट में रहती है.

दरअसल, एक मीडियाकर्मी ने ही बरखाको सुझाव दिया था कि वह समाचार पत्र का कार्यालय खोल ले. इस से पुलिस तथा फ्लैटों में रहने वाले लोग दबाव में रहेंगे. मीडियाकर्मी का सुझाव उसे पसंद आया और इसी बहाने उस ने फ्लैट किराए पर ले लिया और सैक्स रैकेट चलाने लगी. उस ने फ्लैट के बाहर समाचार पत्र का बोर्ड लगा दिया. यही नहीं, उस ने फ्लैट पर धंधा करने आने वाली लड़कियों से कहा कि अगर कोई उन से यहां आने का मकसद पूछे तो बता देना कि वे प्रैस कार्यालय में काम करती हैं.

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