पहला भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- लवली का लवली गेम : भाग 1
बरखा इस धंधे में कोर्ड वर्ड का प्रयोग करती थी. एजेंट को वह चार्ली नाम से बुलाती थी और कालगर्ल को चिली नाम देती थी. किसी युवती को भेजने के लिए वाट्सऐप पर भी चार्ली टाइप करती थी. वापस मैसेज में भी वह इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करती थी. चार्ली नाम के उस के दरजनों एजेंट थे, जो युवतियों को सप्लाई करते थे. एजेंट से जब उसे लड़की मंगानी होती तो वह कहती, ‘‘हैलो चार्ली, चिली को पास करो.’’
बरखा मिश्रा एक क्षेत्र में कुछ महीने ही धंधा करती थी. जैसे ही धंधे की सुगबुगाहट दूसरे लोगों को होने लगती तो वह क्षेत्र बदल देती. पहले वह गुमटी क्षेत्र में धंधा करती थी. फिर उस ने क्षेत्र बदल दिया और स्वरूपनगर क्षेत्र में धंधा करने लगी. उस ने स्वरूपनगर स्थित रतन अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट लिया था.
इस के बाद उस ने फीलखाना क्षेत्र के पटकापुर स्थित सूर्या अपार्टमेंट में ग्राउंड फ्लोर पर एक फ्लैट किराए पर लिया. यह फ्लैट किसी वकील का था. उस ने वकील से कहा कि वह पत्रकार है. समाचार पत्र के लिए कार्यालय खोलना है. उस ने यह भी कहा कि वैसे वह वर्तमान में आजादनगर स्थित रतन अपार्टमेंट में किराए के फ्लैट में रहती है.
दरअसल, एक मीडियाकर्मी ने ही बरखाको सुझाव दिया था कि वह समाचार पत्र का कार्यालय खोल ले. इस से पुलिस तथा फ्लैटों में रहने वाले लोग दबाव में रहेंगे. मीडियाकर्मी का सुझाव उसे पसंद आया और इसी बहाने उस ने फ्लैट किराए पर ले लिया और सैक्स रैकेट चलाने लगी. उस ने फ्लैट के बाहर समाचार पत्र का बोर्ड लगा दिया. यही नहीं, उस ने फ्लैट पर धंधा करने आने वाली लड़कियों से कहा कि अगर कोई उन से यहां आने का मकसद पूछे तो बता देना कि वे प्रैस कार्यालय में काम करती हैं.
देह व्यापार के अड्डे से पकड़ी गई 19 वर्षीय सविता उर्फ सबी उर्फ विनीता सक्सेना आर्यनगर में रहती थी. मध्यम परिवार में पलीबढ़ी विनीता बेहद खूबसूरत थी. इंटरमीडिएट पास करने के बाद जब उस ने डिग्री कालेज में प्रवेश लिया तो वह रंगीन सपनों में खोने लगी.
उस की कई सहेलियां ऐसी थीं, जो रईस घरानों की थीं. वे महंगे कपड़े पहनतीं और ठाटबाट से रहतीं. महंगे मोबाइल से बात करतीं. रेस्टोरेंट जातीं और खूब सैरसपाटा करतीं. विनीता
जब उन्हें देखती तो सोचती, ‘काश! ऐसे ठाटबाट उस के नसीब में भी होते.’
एक रोज एक संस्था के मंच पर विनीता की मुलाकात बरखा मिश्रा से हुई. उस ने विनीता को बताया कि वह समाजसेविका है. राजनेताओं, समाजसेवियों, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में उस की अच्छी पैठ है. बरखा मिश्रा की बातों से विनीता प्रभावित हुई, फिर वह उस से मिलने उस के घर जाने लगी.
ये भी पढ़ें- डोर से कटी पतंग : भाग 2
घर आतेजाते बरखा ने विनीता को रिझाना शुरू कर दिया और उस की आर्थिक मदद करने लगी. बरखा समझ गई कि विनीता महत्त्वाकांक्षी है. यदि उसे रंगीन सपने दिखाए जाएं तो वह उस के जाल में फंस सकती है.
इस के बाद विनीता जब भी उस के घर आती, बरखा उस से प्यार भरी बातें करती. उस के अद्वितीय सौंदर्य की तारीफ करती तथा उस की जवानी को जगाने का प्रयास करती. धीरेधीरे बरखा ने विनीता को अपने जाल में फंसा कर देह व्यापार में उतार दिया. विनीता जवान और खूबसूरत थी, सो उस के लिए आसानी से ग्राहक मिल जाते.
सेक्स रैकेट चलते अभी एक महीना ही बीता था कि किसी ने इस की सूचना पुलिस को दे दी. पुलिस ने सैक्स रैकेट का परदाफाश कर लवली उर्फ बरखा मिश्रा को जेल भेज दिया. लवली उर्फ बरखा लगभग 6 महीने जेल में रही, उस के बाद जुलाई, 2018 में उसे जमानत मिल गई.
कानपुर जेल से छूटने के बाद लवली उर्फ बरखा मिश्रा मुंबई चली गई. वहां उस ने अपने दलाल के मार्फत 14बी रोड मधुर मिलन ए-2 खार में एक कमरा किराए पर ले लिया और वहीं रहने लगी. इस बीच उस ने कई कालगर्ल्स संचालिकाओं से संबंध बना लिए. वहां भी वह धंधा करने लगी.
लवली उर्फ बरखा मिश्रा कानपुर शहर में एक बार फिर पैर जमाना चाहती थी, क्योंकि यह उस का जानासमझा शहर था. अनेक सफेदपोश नेताओं, कथित मीडियाकर्मियों व पुलिस से उस के अच्छे संबंध थे.
अगस्त 2019 में लवली उर्फ बरखा मिश्रा वापस कानपुर आ गई. यहां उस ने पौश कालोनी लाजपत नगर में सुजैन सचान नाम की महिला का मकान 20 हजार रुपए प्रतिमाह के किराए पर ले लिया और हाईप्रोफाइल सैक्स रैकेट चलाने लगी.
सेक्स रैकेट चलाते अभी 2 महीने ही बीते थे कि किसी ने इस की सूचना एसपी (साउथ) रवीना त्यागी को दे दी. रवीना त्यागी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एक टीम गठित की. इस टीम ने छापा मारा और लवली को बंदी बना लिया. उस के अड्डे से 4 युवतियां और एक युवक को रंगेहाथों पकड़ लिया.
सेक्स रैकेट में पकड़ी गई 25 वर्षीय नीतू चौधरी मूलरूप से भटिंडा, पंजाब की रहने वाली थी. बीमार मातापिता की मौत के बाद वह एक करीबी रिश्तेदार के माध्यम से अपनी छोटी बहन के साथ दिल्ली आ गई. वह पढ़ीलिखी थी, अत: प्राइवेट नौकरी करने लगी.
नीतू अपनी छोटी बहन को पढ़ालिखा कर योग्य बनाना चाहती थी ताकि वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके. लेकिन दिल्ली जैसे बड़े शहर में प्राइवेट नौकरी से मकान का किराया, घर तथा बहन की पढ़ाई का खर्च जुटाना संभव नहीं था. अत: वह कमाने के लालच में दलाल के मार्फत सैक्स रैकेट से जुड़ गई और देह का धंधा करने लगी.
नीतू चौधरी ने बताया कि दलाल के मार्फत वह कानपुर की देह संचालिका लवली उर्फ बरखा के संपर्क में आई. बरखा ने उसे यह कह कर कानपुर बुलाया था कि एक होटल में बैचलर पार्टी है. एक रात का 20 हजार रुपए मिलेगा. सौदा तय होने पर वह कानपुर आ गई. घटना वाली रात वह सजसंवर कर होटल जाने वाली थी, तभी पुलिस का छापा पड़ा और वह पकड़ी गई.
ये भी पढ़ें- लुटेरी! चिटफंड कंपनियों की छत्तीसगढ़ में बहार
पुलिस द्वारा पकड़ी गई पूजा कर्मकार करनाल (हरियाणा) की रहने वाली थी. 3 भाईबहनों में वह सब से बड़ी थी. बीकौम करने के बाद पूजा ने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया. इस के बाद वह नौकरी करने लगी. पूजा का भाई बीमार रहता था. उस की किडनी खराब हो गई थी. किडनी बदलवाने के लिए पूजा को 10 लाख रुपए चाहिए थे, इतनी बड़ी रकम वह प्राइवेट नौकरी से नहीं जुटा सकती थी.
पूजा परेशान थी, तभी उस की मुलाकात एक दलाल से हो गई. उस दलाल ने पूजा को रकम जुटाने के लिए देह बेचने का रास्ता सुझाया.
पूजा कई दिनों तक पसोपेश में पड़ी रही. फिर उस ने देह का धंधा अपना लिया. दलाल के जरिए वह दिल्ली, मुंबई, बनारस तथा विदेश तक जाने लगी. पूजा शरीर से हृष्टपुष्ट व जवान थी. अत: उस की खूब डिमांड होने लगी.
पूजा कर्मकार ने बताया कि दलाल के मार्फत ही वह कानपुर की देह संचालिका लवली उर्फ बरखा के संपर्क में आई थी. बरखा ने उसे 20 हजार रुपए में बुक किया था.
लाजपत नगर स्थित लवली के अड्डे पर वह 24 नवंबर की दोपहर पहुंची थी. उस समय वहां 3 अन्य युवतियां मौजूद थीं. सभी को किसी होटल की बैचलर पार्टी में जाना था. लेकिन होटल जाने के पहले ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ गई.
पूजा ने बताया कि उस की अगली बुकिंग कनाडा के एक होटल के लिए हो चुकी थी. उस के साथ दिल्ली की 2 अन्य युवतियों को भी जाना था. फ्लाइट पकड़ कर उसे मंगलवार को दिल्ली पहुंचना था. कनाडा में उसे एक हफ्ते के 6 लाख रुपए मिलने वाले थे. कानपुर में वह महज 20 हजार रुपए में आई थी.
जिस्मफरोशी के धंधे में पकड़ी गई 30 वर्षीया युवती प्रीति आचार्य मूलरूप से कोलकाता की रहने वाली थी. उस का पति अभिजीत आचार्य दिल्ली के लक्ष्मीनगर में रहता था, पांडव नगर स्थित मदर डेयरी में कामकरता था.
प्रीति का पति शराबी था. वह जो कमाता, सब शराब में उड़ा देता था. प्रीति रोकती तो उसे मारतापीटता था.
परेशान हो कर आखिर उस ने पति का साथ छोड़ दिया और नौकरी करने लगी. लेकिन जिस्म के भूखे लोगों ने नौकरी के बजाय उस के जिस्म को ज्यादा तवज्जो दी. प्रीति ने सोचा जब जिस्म ही बेचना है तो नौकरी क्यों करे.
प्रीति के साथ काम करने वाली एक युवती जिस्मफरोशी का धंधा करती थी. उस युवती ने प्रीति को देह के दलाल से मिलवा दिया.
दलाल के माध्यम से प्रीति देह का धंधा करने लगी. दलाल के मार्फत ही उस की बुकिंग 10 हजार रुपए में कानपुर के लिए हुई थी. वह शाम 4 बजे लाजपत नगर स्थित लवली के अड्डे पर पहुंची थी.
लवली उसे तथा एक अन्य युवती को गुमटी नंबर- 5 स्थित एक ब्यूटीपार्लर ले गई थी.
उसे बताया गया था कि एक होटल में पार्टी में जाना है. वह सजसंवर कर आई ही थी कि पुलिस का छापा पड़ा और वह भी अन्य युवतियों के साथ पकड़ी गई.
सेक्स रैकेट के अड्डे से पकड़ा गया सलमान आजाद पार्क चकेरी में रहता था. वह चमड़े का व्यवसाय करता था और अय्याश प्रवृत्ति का था. घटना वाले दिन वह दलाल के मार्फत लाजपत नगर स्थित लवली के अड्डे पर पहुंचा था. लवली ने उसे सविता उर्फ विनीता को दिखा कर पूरी रात का 10 हजार रुपए में सौदा किया था. सलमान पूजा के साथ कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में था, तभी पुलिस का छापा पड़ा और कालगर्ल के साथ वह भी पकड़ा गया.
25 नवंबर, 2019 को थाना नजीराबाद पुलिस ने आरोपी लवली उर्फ बरखा मिश्रा, सविता उर्फ विनीता, नीतू चौधरी, पूजा कर्मकार तथा अभियुक्त सलमान को कानपुर कोर्ट में रिमांड मजिस्ट्रैट आर.के. शर्मा की अदालत में पेश किया, जहां से उन सभी को जिला जेल भेज दिया गया.