छत्तीसगढ़ में फर्जी चिटफंड कंपनियां लोगों को दोनों नहीं, दसों हाथों से लूट रही है. और छत्तीसगढ़ सरकार शासन प्रशासन वर्षों वर्षों से आंख मूंदे हुए हैं.कभी कभार किसी कंपनी पर अंकुश लगाया जाता है. मगर फिर धड़ल्ले से ऊंचे लोगों के वरद-हस्त मिलने पर चिटफंड और लूट का काम शुरू हो जाता है.
छत्तीसगढ़ में 50-60 चिटफंड कंपनियों ने करोड़ों रुपए की ठगी का कारोबार किया है. लोक लुभावने वायदे कर अभिकर्ताओं के माध्यम से आम जन की खून पसीने की कमाई को जमा करा कर लूटा गया. निवेशकों की रकम वापसी की मियाद पूर्ण होते ही कंपनियां अपने दफ्तरों में ताला जड़कर फरार हो जाती है .छत्तीसगढ़ से चिटफंड कंपनियों ने हजारों करोड़ की चपत लगाई है. निवेशक अभिकर्ताओं के घरों में पहुंचकर रकम वापसी के लिए दबाव बना पसीना रहे हैं. पुलिस थानों को चक्कर लगाते हैं और थक हार कर लूट कर घर बैठ जाते है.
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दरवाजे पर लॉक लग जाता है
छत्तीसगढ़ में संचालित सनसाईन इन्फ्राबिल्ड कार्पोरेशन, बीएनपी रियल स्टेट, दिव्यानी प्रापर्टी, एचबीएन डेयरी, गरिमा होम्स, सुविधा इंडिया, महानदी एडवाइजरी, सांई प्रसाद प्रापर्टी, सांई प्रसाद ग्लोबल, सांई किसान, सनसाईन हाईटेक, जीएन गोल्ड एंड जीएन डेयरी, अनमोल इंडिया, जेएसबी फार्मिंग, याल्को क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी, सांई प्रसाद प्रापर्टी, पीएसीएल, व्ही ग्रुप, एनआईसीएल निर्मल इन्फ्रा होम, रोज वेली, माइक्रो फायनेंंस, संजीवनी रियल स्टेट, मिलियन माईल्स, मिलियन माईल्स इन्फ्रा, एडीव्ही डैव्हलपर्स, ओम भू विकास इंश्योरेंस कंपनी, सिल्क इंडिया को छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया जाता है . कुछ कुछ कंपनियां ताला लग गया है कुछ गायब हो गई है और कुछ के कर्ता-धर्ता जेल पहुंच गए हैं. मगर यह सब एक औपचारिकता बनकर रह जाती है पुलिस नोटिस जारी करती है. कुछ चतुर जवाब दे देते हैं और फिर लुका छुपाई चलती रहती है. एक लंबी प्रक्रिया के तहत कुल मिलाकर आम जनता ही लूटी जाती है. ऐसे में आवश्यकता है जागरूकता की लोगों को जागरूक करना शासन प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की प्राथमिकता होनी चाहिए.
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पुलिस का शिकंजा
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निवेशकों की रिपोर्ट पर पुलिस चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करती है. सांई प्रकाश एडवाइजरी के पुष्पेंद्र सिंह बघेल, बीएनपी के संचालक राघवेंद्र सिंह, दयानंद सिंह, दिव्यानी कंपनी के संचालक रमेश चौधरी तथा एचबीएन कंपनी के अमनदीप सिंह की गिरफ्तारी की है. इसी तरह एचबीन के अमनदीप सिंग को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. यह भी सच है कि जब तक राजनीतिक दबाव नहीं पड़ता तब तलक पुलिस सोई रहती है पुलिस की कुंभकरण की नींद जिला प्रशासन की निंद्रा तभी टूटती है जब राजनीतिक आका इशारा करते हैं ऐसे में चिटफंड कंपनियां आम आदमियों को लूटने का काम अबाध गति से थोड़े-थोड़े अंतराल में करती रहती है.
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निवेशकों से करोड़ों रुपए की हेराफेरी कर विगत एक साल से फरार चल रहे चिटफंड कंपनी महानदी एडवायजरी के तीन डायरेक्टरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल सिटी कोतवाली धमतरी और अर्जुनी थाना पुलिस ने मार्च 2019 में चिटफंड कंपनी महानदी एडवाइजरी के 5 डायरेक्टर यशवंत सोनकर, मयंक सोनकर, चित्रसेन साहू, हेमन्त देवांगन और कुलेश्वर के खिलाफ धारा 420, 34 इनामी चिटफंड एवं धन परिचालन स्कीम 1978 की धारा 4, 5, 6 और छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 6, 10 के तहत अपराध दर्ज किया था.
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