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रमन की शादी हुए 6 साल हो गए, मगर अभी तक कोई औलाद नहीं हुई. चूंकि दोनों पतिपत्नी धार्मिक स्वभाव के थे, इसलिए वे देवीदेवता से मन्नतें मांगते रहते थे, लेकिन तब भी बच्चा न हुआ. तभी उन्हें पता चला कि एक चमत्कारी बाबा आए हैं. अगर उन का आशीर्वाद मिल जाए, तो बच्चा हो सकता है. यह जान कर रमन और उस की बीवी सीमा उस बाबा के पास पहुंचे. सीमा बाबा के पैरों पर गिर पड़ी और कहने लगी, ‘‘बाबा, मेरा दुख दूर करें. मैं 6 साल से बच्चे का मुंह देखने के लिए तड़प रही हूं.’’

‘‘उठो, निराश मत हो. तुम्हें औलाद का सुख जरूर मिलेगा...’’ बाबा ने कहा, ‘‘अच्छा, कल आना.’’

अगले दिन सीमा ठीक समय पर बाबा के पास पहुंच गई. बाबा ने कहा, ‘‘बेटी, औलाद के सुख के लिए तुम्हें यज्ञ कराना पड़ेगा.’’

‘‘जी बाबा, मैं सबकुछ करने को तैयार हूं. बस, मुझे औलाद हो जानी चाहिए,’’ सीमा ने कहा, तो बाबा ने जवाब दिया, ‘‘यह ध्यान रहे कि इस यज्ञ में कोई भी देवीदेवता किसी भी रूप में आ कर तुझे औलाद दे सकते हैं, इसलिए किसी भी हालत में यज्ञ भंग नहीं होना चाहिए, नहीं तो तेरे पति की मौत हो जाएगी.’’

‘‘जी बाबा,’’ सीमा ने कहा और बाबा के साथ एकांत में बने कमरे में चली गई. वहां बाबा खुद को भगवान बता कर उस के अंगों के साथ खेलने लगा. सीमा कुछ नहीं बोली. वह समझी कि बाबाजी उसे औलाद का सुख देना चाहते हैं, इसलिए वह चुपचाप सबकुछ सहती रही. लेकिन शरद ऐसे बाबाओं के चोंचलों को अच्छी तरह जानता था, इसलिए जब उस की बीवी टीना ने कहा, ‘‘हमें भी बच्चे के लिए किसी साधुसंत से औलाद का आशीर्वाद ले लेना चाहिए,’’ तब शरद बोला, ‘‘औलाद केवल साधुसंत के आशीर्वाद से नहीं होती है. इस के लिए जब तक पतिपत्नी दोनों कोशिश न करें, तब तक कोई बच्चा नहीं दे सकता.’’

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