फेसबुक के जरीये ना केवल ठगी हो रही है बल्कि इससे हमें भ्रामक तथ्य और जानकारियो मिलती है. ऐसे में फेसबुक कभी किताबों का विकल्प नहीं हो सकती है. ठगी से बचने के लिये जनता को ‘फेसबुक बैन के अभियान’ की तरफ जाना होगा.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिला समाजसेवी अपने कामों की फोटो फेसबुक पर पोस्ट करती थी. समाजसेवी के पति डाक्टर है. ऐसे में वह खुद लोगों की मदद के लिये मेडिकल हेल्थ कैंप लगाती थी. फेसबुक के जरीये महिला समाजसेवी की जान पहचान इंग्लैंड में रहने वाले डाक्टर स्टीव से हुई. डाक्टर स्टीव ने महिला समाजसेवी से बातचीत और जानपहचान बनानी शुरू की. डाक्टर स्टीव ने खुद को कोर्डियोलौजिस्ट बताया. समाज सेवा के कामों की तारीफ करते डाक्टर स्टीव ने खुद भी समाजसेवा में जनसहयोग देने की बात कही. इसके लिये डाक्टर स्टीव ने ग्रेट ब्रिटेन की मुद्रा पाउंड और काफी कुछ विदेशी सामान दिल्ली भेजने की बात महिला समाजसेवी को बताई. इसके बाद कहा कि सामान दिल्ली कस्टम में फंस गया है.

ये भी पढ़ें- Crime Story: अनचाहा पति

इसको छुड़ाने के नाम पर ढाई लाख रूपये ठग लिये. महिला समाजसेवी इसके बाद भी ठगी की बात को समझ नहीं पाई और वह डाक्टर स्टीव के जाल में फंसती चली गई. ठगो ने 4 माह में 26 अलगअलग बैंक खातों में लाखो रूपये जमा कराये. इस चक्कर में महिला समाजसेवी ने 87 लाख रूपये बैंक से लोन भी ले लिया. ठग उनको बडी रकम भेजने का झांसा देकर पैसे वसूलते गये. जब तक महिला समाजसेवी को बात समझ आई वह बहुत सारा पैसा गंवा चुकी थी. अंत में मामला एसएसपी एसटीएफ तक पहुंचा तो छानबीन शुरू की गई. छानबीन में पता चला कि नाइजीरिया के ईमो स्टेट उरू वेस्ट निवासी अमरा चुकबू रोलैंड नामक व्यक्ति का नाम सामने आया. घटना के बाद एसटीएफ की लखनऊ और नोएडा टीम ने नई दिल्ली के मोहन गार्डन रमा पार्क टी प्वाइंट आर 50 ग्राउंड से दबोच लिया. अमरा चुकबू रोलैंड ने बताया कि डाक्टर स्टीव कई नाम से लोगों के ठगी करता है. वह वाट्सएप, फेसबुक और सोशल मीडिया के बहुत सारे माध्यमों से लोगों को ठगी करता था. उसने महिला समाजसेवी के साथ ही साथ अन्य लोगों से करीब 70 करोड रूपये ठगे. ठगी की रकम को वह अपने नातेरिश्तेदारों के बैंक खातों में भेज देता था. नाइजीरिया ठग गिरोह देश की राज्यों में भी फैला हुआ है. एसटीएफ ने लखनऊ नाइजीरिया के इस गिरोह की पैरवी करने आये मणिपुर निवासी हांगवीग को पकड लिया. उसके कुछ साथी भगाने में सफल रहे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...