19 नवंबर की सुबह 10 बजे राजू थाना लहरापुर पहुंचा और थानाप्रभारी धर्मपाल सिंह को बताया कि बीती रात किसी ने उस के भाई वीरेंद्र की गोली मार कर हत्या कर दी है. उस की लाश गांव के बाहर नलकूप वाले कमरे में पड़ी है.

हत्या की खबर पा कर धर्मपाल सिंह ने राजू से कुछ सवाल पूछे और पुलिस टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. रवानगी से पहले उन्होंने सीओ राकेश सिंह को भी घटना से अवगत करा दिया था.

राजू लहरापुर थाने के गांव अनेसों का रहने वाला था, जो थाने से 7 किलोमीटर दूर उत्तरपश्चिम दिशा में था. पुलिस को वहां पहुंचने में आधे घंटे का समय लगा. घटनास्थल पर भीड़ जुटी हुई थी. थानाप्रभारी धर्मपाल सिंह भीड़ को हटा कर उस कमरे के अंदर पहुंचे, जहां वीरेंद्र की लाश पड़ी थी.

लाश के पास मृतक की पत्नी शांति दहाड़ें मार कर रो रही थी. कमरे में पड़ी चारपाई पर वीरेंद्र की रक्तरंजित लाश पड़ी थी. बिस्तर खून से तरबतर था. दीवारों पर भी खून के छींटें पड़े थे. वीरेंद्र के सीने में गोली मारी गई थी, जिस से उस की मौत हो गई थी. मृतक की उम्र 35 साल के आसपास रही होगी.

थानाप्रभारी धर्मपाल सिंह अभी जांचपड़ताल कर ही रहे थे कि सीओ राकेश सिंह भी आ गए. उन्होंने फोरेंसिक टीम को भी घटनास्थल पर बुला लिया था. टीम ने कमरे से साक्ष्य एकत्र कर लिए. राकेश सिंह ने भी घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया, मृतक की पत्नी भाई तथा गांव के मुखिया से पूछताछ की.

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