लेखक- राजेश चौरसिया
- बुंदेलखंड में आज़ भी जारी है सामंतवाद और दबंगों का कहर..
- छतरपुर में दलित परिवार की आबरू लूटने का प्रयास कर की मार-पीट..
- शिकायत के बाबजूद नहीं किया गिरफ्तार और अब जान से मारने की धमकी..
- पीड़ित परिवार बच्चों सहित पहुंचा SP आफ़िस डाला डेरा..
आज़ादी के दशकों गुज़र जाने के बाद भी बुंदेलखंड में सामंतवाद और दबंगों कहर अनवरत जारी है. कई सरकारें और जनप्रतिनिधि आए-गए-चले-गए पर हालात ना बदले बल्कि और भी बद से बदतर हो चले हैं. ग्रामीण अंचलों में आज भी दलित और पिछड़े समुदाय सामंतवाद और दबंगों की जूती माने जाते हैं और यहां इन्हें इनके ही हिसाब से रहना-चलना पड़ता है.
ताजा मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का जहां अपने एक दलित महिला को अपनी आबरु बचाना इतना महंगा पड़ गया कि आरोपियों ने उसके पूरे परिवार पर कहर बरसा दिया और लाठी-डंडों से पीट-पीटकर लहूलुहान और घायल कर दिया.
ये भी पढ़ें- संतोष को बच्चे और पति नहीं प्यार चाहिए था
बता दें कि जिले के भगवां थाना क्षेत्र के गोटखपुरा गांव की रहने वाली रजनी अहिरवार के साथ कुछ समय पहले गांव के दबंग (ठाकुरों) ने घर में घुसकर आबरू लूटने का प्रयास किया था. जहां उसने विरोध कर अपने आप को छेड़-छाड से तो नहीं पर लुटने से बचा लिया और मामले की थाने में शिकायत दर्ज करा दी थी. जिसके चलते अब आरोपी दबंग अपनी रिपोर्ट वापस लेने और समझौता करने का लगातार दबाव बना रहे हैं. और नहीं मानने पर अब आरोपियों ने दलित पतिवार के घर में घुसकर बच्चे-बड़े-बूढ़ों-महिलाओं सहित सभी पर हमला बोल दिया और लाठी-डंडों से पीट-पीट कर लहूलुहान/घायल कर दिया. इस हमले में परिवार के बच्चे-महिलाएं-बूढ़े सब घायल हुए हैं.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन