सौजन्य: मनोहर कहानियां

रिमझिम चतुर्वेदी पटना के जानेमाने दंत चिकित्सक विश्वजीत चतुर्वेदी की पत्नी थी. धनाढ्य और उच्चशिक्षित होते हुए भी वह तंत्र विद्या का धंधा करती थी. डा. विश्वजीत चतुर्वेदी के चेहरे पर परेशानियों की लकीरें साफ झलक रही थीं. वह कमरे में चहलकदमी कर रहे थे, वहीं से वह बारबार मुख्यद्वार की ओर झांक रहे थे. जैसे किसी के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हों.

इस की वजह यह थी कि रात के करीब 10 बज रहे थे और उन की पत्नी रिमझिम चतुर्वेदी अब तक घर लौटी नहीं थी. उन का मोबाइल फोन भी नहीं लग रहा था. बारबार वह स्विच्ड औफ बताया जा रहा था. इस से विश्वजीत चतुर्वेदी परेशान हो गए थे. ऐसा उन के साथ पहली बार हुआ था, जब पत्नी का मोबाइल फोन स्विच्ड औफ आ रहा हो.

रात काफी गहरा चुकी थी. ऐसे में उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करे. जबकि सभी परिचितों और रिश्तेदारों के पास फोन कर के पत्नी के वहां आने के बारे में पूछ रहे थे. वहां से उन्हें पता चला कि रिमझिम उन में से किसी के भी घर नहीं पहुंची थी. इस से उन का दिल और बैठा जा रहा था. यह 23 नवंबर, 2021 की घटना है.

बहरहाल, डा. विश्वजीत ने पूरी रात आंखों में काटी और सुबह होते ही श्रीकृष्णपुरी थाने पहुंचे. उन के साथ बहनोई संजय पाठक भी थे. थानाप्रभारी एस.के. सिंह ने संजय से तहरीर ले ली और रिमझिम चतुर्वेदी की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कर आगे की काररवाई शुरू कर दी थी.

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