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उन्होंने सूचना मेहम थानाप्रभारी प्रह्लाद सिंह को दे दी. थानाप्रभारी एसआई विकास के साथ वहां पहुंचे तो उन्हें भी लगा कि यहां किसी की लाश दबी हो सकती है. लिहाजा उन्होंने सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी. थोड़ी ही देर में वहां पर पुलिस के उच्चाधिकारी भी एफएसएल एक्सपर्ट डा. सरोज दहिया के साथ पहुंच गए.

तहसीलदार मदनलाल के सामने जब वहां खुदाई कराई गई तो वहां एक अर्द्धनग्न युवती की लाश निकली जो केवल अंडरगारमेंट पहने हुए थी. उस के सिर और गले पर चोट के निशान थे. उस समय मृतका की शिनाख्त न होने पर उसे पीजीआई रोहतक की मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया था.

दिल्ली पुलिस को जब मेहम पुलिस द्वारा एक युवती की लाश बरामद होने की जानकारी मिली तो उस ने थाना मेहम के थानाप्रभारी प्रह्लाद सिंह से संपर्क किया. तब प्रह्लाद सिंह ने बता दिया कि उन्होंने जो लाश बरामद की थी, वह रोहतक पीजीआई में रखवा दी है.

यह जानकारी पाने के बाद जाफरपुर कलां पुलिस ने दिव्या के घर वालों को रोहतक पीजीआई बुला लिया. दिव्या के मातापिता और बहन रोहतक पहुंच गए. उन्होंने उस लाश की पहचान संगीता इंदौरिया उर्फ दिव्या के रूप में की.

दिव्या की लाश देख कर घर वालों के तो जैसे होश ही उड़ गए थे. उस के परिजन आक्रोशित हो गए. उन्होंने उस की मौत का जिम्मेदार पुलिस को बताया. साथ ही उस का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया.

वे पूरी रात प्रदर्शन करते हुए दोषियों को सजा देने की मांग करते रहे. इस बीच भीम आर्मी वाले भी उन के सपोर्ट में आ गए.

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