सौजन्य: मनोहर कहानियां
लेखक- शाहनवाज
भाजपा नेत्री सुधारानी की बेटी देवयानी पति को छोड़ कर अपने प्रेमी शिबू के साथ लिवइन रिलेशन में रह रही थी. फिर वह शिबू के दोस्त कार्तिक चौहान के संपर्क में आ गई.
19फरवरी, 2022 की रात के करीब 10 बज रहे थे. दक्षिणपूर्वी दिल्ली के अंबेडकर नगर थाने में हर दिन की तरह सभी पुलिसकर्मी अपनेअपने काम में व्यस्त थे. कुछ पुलिसकर्मी डेली रुटीन की तरह इलाके में गश्त पर निकले थे, कुछ थाने में अपनी पहले की पेंडिंग रिपोर्ट को पूरा कर रहे थे, कुछ रात का डिनर कर के आराम कर रहे थे. लेकिन उसी समय थाने में फोन की घंटी बजी. वेलकम डेस्क पर बैठी महिला पुलिसकर्मी ने फोन रिसीव करते हुए कहा, ‘‘हैलो, अंबेडकर नगर थाना. बताइए.’’
फोन पर दूसरी तरफ से एक लड़की ने हांफते हुए स्वर में कहा, ‘‘मैडम, जल्दी मेरे घर पर आ जाइए. मेरी मदद कीजिए. 2 बदमाश मेरे घर में घुस आए. उन्होंने मेरी मां का गला ब्लेड से चीर मार दिया है. मैडम जल्दी मदद कीजिए.’’
उस लड़की की आवाज में डर और घबराहट को साफ महसूस किया जा सकता था. यह सब बताते हुए वह लगातार रोए जा रही थी. यह सुन कर महिला पुलिसकर्मी ने तुरंत हरकत करते हुए लड़की से जरूरी डिटेल्स मांगी.
वह बोली, ‘‘मुझे अपना नाम और घर का पता बताओ. हम जल्दी से टीम को आप के घर पर भेजते हैं. हौसला रखो. हम जल्द ही आप के घर पर पहुंचेंगे.’’
दूसरी तरफ से लड़की ने फफकफफक कर रोते हुए महिला पुलिसकर्मी को जवाब दिया, ‘‘मेरा नाम देवयानी है. घर का पता, बीएच 82, मदनगीर है. आप जल्दी से घर पर आ जाइए. मुझे बहुत डर लग रहा है.’’
फोन पर देवयानी का हौसला बंधा कर महिला पुलिसकर्मी ने काल डिसकनेक्ट की और तुरंत मामले की जानकारी थानाप्रभारी मुकेश कुमार को दी.
थानाप्रभारी मुकेश कुमार ने तुरंत ही थाने में मौजूद एक टीम जिस में इंसपेक्टर (इनवैस्टीगेशन) बहादुर सिंह गुलिया, एसआई अवधेश दीक्षित और अन्य पुलिसकर्मियों को तुरंत मदनगीर में देवयानी के घर भेज दिया.
पुलिस टीम जब देवयानी के घर के पास पहुंची तो देखा कि मकान के बाहर कुछ लोग इकट्ठे हो गए थे. वे शायद अड़ोसपड़ोस के लोग ही रहे होंगे. भीड़ को छांटते हुए पुलिस टीम देवयानी के घर में पहुंची.
खून से लथपथ मिली लाश
अंदर जाते ही सब से पहले पुलिस ने देखा कि कमरे में मौजूद डबल बैड पर एक महिला की लाश पड़ी थी. उस का गला कटा हुआ था, जिस से चादर खून से सनी हुई थी. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह थी कि खून की एक बूंद भी जमीन पर नहीं थी. यहां तक कि जिस बैड पर महिला पड़ी थी, उस की चादर पर भी सिलवटों के बहुत ही कम निशान थे.
कमरे में मौजूद हर सामान अपनी जगह पर था. पुलिस ने देखा कि एक तरफ बैड पर महिला की लाश थी तो दूसरी ओर देवयानी बैड के सहारे जमीन पर बैठ कर लगातार रो रही थी. उसी समय थानाप्रभारी भी वहां पहुंच गए.
पुलिस को कमरे में आते देख देवयानी रोते हुए अपनी जगह से खड़ी हुई और पुलिस के सामने जा कर बोली, ‘‘सर, 2 बदमाश चोरी करने के लिए आए और देखिए उन्होंने मेरी मां के साथ क्या किया. उन्होंने मेरी मां को क्यों मारा. मेरी मां का भला क्या कुसूर था.’’
थानाप्रभारी मुकेश कुमार ने देवयानी की बात सुन कर उसे हौसला रखने को कहा. वह बोले, ‘‘चिंता मत करो, जिस किसी ने भी यह काम किया है, उस तक हम जल्द ही पहुंच जाएंगे और उसे सजा दिलाएंगे. हौसला मत हारो.’’
यह कहते हुए थानाप्रभारी ने अपने साथ मौजूद महिला पुलिसकर्मी को देवयानी को संभालने का इशारा किया और देवयानी का बयान दर्ज करने को कहा. उस के कमरे से बाहर जाते ही थानाप्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों ने मौकाएवारदात पर सबूत और सुराग ढूंढने शुरू कर दिए.
देवयानी ने दर्ज कराए अपने बयान में बताया कि जब बदमाश चोरी के उद्देश्य से कमरे में घुसे थे, तब उन के हाथों में पिस्तौल थी. उस ने यह भी बताया कि जब वे चोरी कर रहे थे, उस समय उस की मां सुधारानी ने उन्हें रोकने की कोशिश की. जब वह नहीं मानीं तो उन्होंने मां का गला ब्लेड से चीर दिया और घर से जेवरात और जमा कैश ले कर फरार हो गए.
कमरे को देख एक बात तो साफ हो गई थी कि कमरे में किसी तरह के कोई संघर्ष के सुराग नहीं मिले. बैड से अलमारी तक करीब 10 कदमों की दूरी थी. अलमारी के पट खुले हुए थे, जिस में जाहिर है जेवरात और पैसे होंगे.
ऐसे में पुलिस को सब से पहला शक इसी बात पर था कि जब अलमारी और बैड के बीच 10 कदमों की दूरी थी तो सुधारानी की लाश बैड पर क्यों थी? अगर सुधारानी ने चोरी का विरोध किया और उन से संघर्ष किया था तो कमरे में हाथापाई के बिलकुल भी निशान क्यों नहीं मिले?
खून की एक बूंद भी जमीन पर क्यों नहीं मिली और इन सब में सब से बड़ा शक इस बात पर कि जब चोर चोरी के उद्देश्य से आए और उन्होंने अलमारी से जेवरात और कैश चुरा लिया, उस के बाद जब उन्होंने सुधारानी को अपना शिकार बनाया तो सुधारानी के पहने हुए जेवर क्यों नहीं निकाले?
जी हां, बैड पर खून में लथपथ सुधारानी का शव तो पड़ा था लेकिन उन के शरीर पर मौजूद जेवर पुलिस के शक को और भी गहरा बना रहे थे. ऐसे में पुलिस टीम ने देवयानी से फिर से पूछताछ की. पुलिस ने अपने शक को ध्यान में रखते हुए देवयानी से सवालों को घुमाफिरा कर पूछा तो देवयानी का बयान बदल गया.
देवयानी के बयानों से पुलिस को हुआ शक
देवयानी द्वारा पहले दिए गए बयान से जब पुलिस ने दूसरे बयान का मेलमिलाप करने की कोशिश की तो और भी कई सवाल पुलिस के सामने उठ खड़े हुए और देवयानी पुलिस के शक के काले बादलों के बीच घिरी नजर आई.
ऐसे में अगले दिन 20 फरवरी को जब पुलिस ने देवयानी से सख्ती से पूछताछ की तो वह पुलिस पूछताछ के आगे टिक नहीं पाई. उस ने यह कुबूल कर लिया कि उस की मां, सुधारानी की हत्या के पीछे उसी का हाथ है.
यह जान कर पुलिस टीम ने अपना सिर पकड़ लिया. आखिर कोई इंसान अपनी ही मां की हत्या को भला क्यों अंजाम देगा? यह मामला इसलिए भी संगीन हो चला था क्योंकि सुधारानी इलाके में सब से रसूखदार और सम्मानित महिला थी.
सुधारानी दिल्ली में इसी साल नगर निगम चुनावों में अपने इलाके मदनगीर से निगम पार्षद के लिए भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी की दावेदार थी.
सुधारानी का पौलिटिक्स से रिश्ता बहुत पुराना था. उन्होंने साल 2007 में दिल्ली में इसी इलाके से नगर निगम चुनाव के लिए निगम पार्षद के रूप में भाजपा से टिकट हासिल कर चुनाव लड़ा था. हालांकि 2007 के चुनावों में उन्हें कांग्रेस की प्रत्याशी बीना ठाकुरिया के हाथों हार मिली थी, लेकिन उन की अपने क्षेत्र में लोगों के बीच काफी गहरी पैठ थी.
सुधारानी का परिवार भाजपा का हमेशा से समर्थक रहा है. सुधा के पति रामजी लाल भी भाजपा के कट्टर समर्थक और कार्यकर्ता थे. साल 2003 में रामजी लाल को राजनीतिक विरोध के चलते उन्हें उन्हीं के घर के सामने गोलियां मार कर उन की हत्या कर दी गई थी. उस समय सुधारानी के बच्चे, बेटी देवयानी और बेटा विक्रांत उम्र में बहुत छोटे थे.
सुधारानी ने अकेले अपने दोनों बच्चों को खुद के बूते पर पालपोस कर बड़ा किया और उन की शादी करवाई. बेटा विक्रांत शादी के बाद अपने परिवार के साथ मुंबई में रह रहा था. घर में सुधा और देवयानी के साथ सुधा का भाई संजय भी रहता था. जो कभीकभार कुछ दिनों के लिए सुधा के घर रुकने के लिए आ जाया करता था.
देवयानी से पूछताछ में हत्या की वजह आई सामने
देवयानी ने पूछताछ के दौरान मां की हत्या की जो वजह बताई, उसे जान कर हर किसी की आंखें खुली की खुली रह गईं. दरअसल, देवयानी की शादी 5 साल पहले ग्रेटर नोएडा के रहने वाले चेतन से हुई थी. चेतन नोएडा में एक ला फर्म में काम करता है और बहुत ही सम्मानित व्यक्ति है.
चेतन और देवयानी दोनों का 4 साल का एक बेटा भी है. लेकिन करीब 4 साल पहले देवयानी अपने पति चेतन को छोड़ कर शादी से पहले के अपने प्रेमी दक्षिणपुरी निवासी शिबू के साथ लिवइन रिलेशनशिप में रहने लगी थी. वह भी बिना तलाक दिए.
देवयानी और शिबू दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे, इसी वजह से देवयानी अपने पति को छोड़ कर शिबू के साथ रहने लगी थी. देवयानी की शादी उस की मरजी के खिलाफ हुई थी. लेकिन उस समय परिवार की स्थिति को देखते हुए उसे इस शादी का विरोध करना उचित नहीं लगा.
चेतन को छोड़ आने की वजह से सुधा देवयानी से बहुत नाराज थी. सुधा उसे पति के पास लौट जाने के लिए समझाया करती, लेकिन सुधा की हर बात देवयानी एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देती.
चेतन को छोड़ कुछ समय तक देवयानी अपने प्रेमी शिबू के साथ रही तो सुधारानी से देखा नहीं गया. रसूखदार होने की वजह से सुधारानी की घरगृहस्थी की बातें अड़ोसपड़ोस में फैलने में देर नहीं लगी.
लोगों की नजरों में सुधा के लिए इज्जत देवयानी की वजह से घटने लगी थी. गलीमोहल्ले में हर कोई जो भी सुधा को जानता, वह उस की बेटी के किस्से को भी जान गया था.
सुधारानी मोहल्ले में अपनी साख खोने लगी थी, उसे लगने लगा था कि जैसे उस की बेटी की वजह से उस की इज्जत मिट्टी में मिलती जा रही है.
ऐसे में सुधा ने देवयानी और उस के 4 साल के बच्चे को अपने घर पर बुला लिया. उसे लगा कि अगर उस की बेटी इस तरह से बाहर रहेगी तो उस की नाक इसी तरह से कटती रहेगी. देवयानी को भी अपनी मां के पास रहने में कोई समस्या नहीं लगी.
प्रेमी शिबू के दोस्त कार्तिक से हो गए देवयानी के संबंध
वक्त बीतता गया और देवयानी व शिबू के रिश्तों में गहराइयां बढ़ती गईं. देवयानी मदनगीर में अपनी मां के घर पर कम रुकती और दक्षिणपुरी में शिबू के घर पर ज्यादा. यहां तक कि उस का 4 साल का बेटा भी ज्यादातर शिबू के साथ ही रहता था. शिबू के दोस्तों से भी देवयानी की दोस्ती हो गई.
लेकिन इस कहानी में मोड़ तब आया, जब शिबू का एक दोस्त कार्तिक चौहान की दोस्ती देवयानी से बहुत ज्यादा बढ़ गई. शिबू काम पर जाता तो अकसर कार्तिक देवयानी से मिलने शिबू के घर आताजाता रहता.
कार्तिक अपने मन में देवयानी के लिए भावनाएं पैदा कर चुका था. सिर्फ कार्तिक ही नहीं देवयानी का भी कार्तिक के प्रति झुकाव बढ़ने लगा था. इस बात से शिबू बेखबर था, लेकिन यह बात किसी तरह से सुधा को पता लग गई थी.
सुधारानी को जब पता चला कि देवयानी के रिश्ते अब शिबू के दोस्त कार्तिक से बनने लगे हैं तो उस के मन को गहरा झटका लगा.
उस ने सोचा कि एक तो पहले से ही देवयानी ने अपने पति को छोड़ कर अपने प्रेमी के साथ रह कर उस की इज्जत खाक में मिला रखी है तो वहीं अब कार्तिक से रिश्ते की बात जानने के बाद लोगों के मन में उस के प्रति जो इज्जत बची है, वह भी खत्म हो जाएगी.
सुधा को देवयानी के नए रिश्ते के बारे में पता लगने के बाद उस ने यह तय किया कि वह अपनी बेटी को जल्द से जल्द चेतन के पास लौट जाने के लिए दबाव बनाएगी. सुधा को सिर्फ अपनी इज्जत की ही नहीं पड़ी थी, बल्कि वह अपनी बेटी के भविष्य को सुरक्षित हाथों में सौंपना चाहती थी.
क्योंकि शिबू और उस के सभी दोस्त अंबेडकर नगर इलाके में बदमाशी, चोरीचकारी, लूटपाट जैसे कामों में संलिप्त थे. यह सोचते हुए सुधा ने पहले कुछ समय तक देवयानी को लगभग हर दिन ताने मारने शुरू किए.
जब उसे यह महसूस हुआ कि उस की बेटी उस की बातों को अनसुना कर रही है तो उस ने दबाव बनाने के लिए उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर देने की धमकियां दीं.
संपत्ति से बेदखली की बात से देवयानी के मन में मां के प्रति गुस्सा पैदा हो गया. सिर्फ यही नहीं, सुधा ने देवयानी के खर्चों पर भी रोक लगा दी. सुधा ने उसे पैसे देने बंद कर दिए.
कुछ समय तक देवयानी ने अपने खर्चों के लिए शिबू से पैसे मांगे, लेकिन इस से उस को दिक्कत महसूस होने लगी. देवयानी अपनी मां के तानों से परेशान हो गई थी, जिस के ऊपर संपत्ति से बेदखल करने की धमकी उस की दुखती नब्ज पर हाथ रखने जैसी हो गई.
इस तरह से हत्या को दिया अंजाम
देवयानी अपना जीवन अपने तरीके से जीना चाहती थी और इस में उसे किसी की दखलंदाजी बरदाश्त नहीं थी. देवयानी के मन में शिबू के लिए लगाव समय के साथसाथ कम होता जा रहा था और कार्तिक के लिए बढ़ता जा रहा था. ऐसे में इन सब से परेशान हो कर छुटकारा पाने के लिए देवयानी ने अपनी मां की हत्या का प्लान बनाया.
देवयानी ने अपनी मुसीबतों की जड़ यानी अपनी मां को अपने रास्ते से हटाने के लिए शिबू का नहीं बल्कि कार्तिक का इस्तेमाल किया. उस ने अपने इस प्लान की शिबू को भनक तक नहीं लगने दी. क्योंकि वह अब शिबू के साथ नहीं बल्कि कार्तिक के साथ अपना जीवन बिताना चाहती थी. इसलिए उस ने इस हत्या को अंजाम देने के लिए कार्तिक को तैयार कर लिया था.
15 फरवरी, 2022 के दिन जब कार्तिक देवयानी से मिलने के लिए आया तो देवयानी ने उस से कहा, ‘‘कार्तिक, देखो मैं ने हमारे लिए कुछ प्लान किया है. मैं चाहती हूं कि इस प्लान में तुम मेरा साथ दो. मैं ने शिबू को इस बारे में कानोंकान खबर तक नहीं होने दी है.’’
क्योंकि कार्तिक देवयानी को पसंद करने लगा था इसलिए उस ने उस के प्लान को सुनने से पहले ही उसे हामी भर दी.
हालांकि देवयानी का प्लान सुनने के बाद उसे थोड़ा आश्चर्य जरूर हुआ, लेकिन वह अपने वादे का पक्का था और देवयानी ने उसे भरोसा दिया था कि उस की मां की हत्या के बाद वह शिबू के साथ नहीं, बल्कि उस के साथ अपना जीवन बिताएगी.
देवयानी के प्लान के मुताबिक, कार्तिक ने 19 फरवरी, 2022 की शाम को देवयानी को चाय में नींद की गोलियां दीं. रात को खाना खाने के बाद करीब 9 बजे देवयानी ने अपनी मां सुधा से चाय बनाने के लिए पूछा.
सुधा हर रात खाना खाने के बाद चाय पीती थी तो देवयानी ने अपनी मां और मामा संजय के लिए चाय बनाई, जिस में उस ने नींद की गोलियां मिला दीं.
चाय पीने के बाद सुधा और संजय को नींद आ गई. सुधा अपने कमरे में सो गई तो उस के मामा संजय पहली मंजिल पर सोने के लिए चले गए. उन के सोते ही देवयानी ने फोन कर कार्तिक को हत्या के लिए बुला लिया.
कार्तिक सुधा की हत्या के लिए अपने साथ केमिस्ट की दुकान से सर्जिकल ब्लेड ले कर आया था. कार्तिक के कमरे में घुसते ही देवयानी ने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया और कार्तिक ने बैड पर गहरी नींद में सोई सुधारानी का गला उसी सर्जिकल ब्लेड से रेत दिया, जो वह अपने साथ ले कर आया था. सुधा का गला ब्लेड से काटने के बाद कार्तिक ने वह ब्लेड कमरे की खिड़की से बाहर फेंक दिया.
गहरी नींद में होने की वजह से सुधा की आंखें खुलने से पहले ही अत्यधिक खून बह जाने की वजह से उस के दिल की धड़कनें बंद हो गईं.
ज्यादा वक्त न बरबाद करते हुए देवयानी ने अलमारी से जेवरात और कैश निकाल कर कार्तिक के हाथों थमा दिए, जिसे ले कर वह तुरंत फरार हो गया. इस के बाद मामले को लूटपाट में हुई हत्या दर्शाने के लिए देवयानी ने खुद ही पुलिस को फोन कर यह सब कहानी बनाई. लेकिन वह अंत में खुद ही पकड़ी गई.
पुलिस के सामने अपना जुर्म कुबूल करने के बाद देवयानी की निशानदेही पर पुलिस की टीम ने हत्या में इस्तेमाल हुई सर्जिकल ब्लेड को घर के बाहर गली से बरामद कर लिया. यही नहीं मात्र 24 घंटों के भीतर ही पुलिस ने मामले में दूसरे आरोपी कार्तिक चौहान को गिरफ्तार कर लिया.
हत्यारोपी कार्तिक चौहान और देवयानी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया.
सुधारानी हत्याकांड में दोनों मुख्य आरोपी जेल में बंद थे और मामले की तफ्तीश चल रही है. इस मामले में किसी और के शामिल होने के तथ्य पुलिस तलाश रही थी,ताकि कोई और अन्य आरोपी इस मामले में बच न पाए.