एक दिन उस ने अपने दिल की बात दोस्त अनिल को बताई. उस से अपनी योजना में शामिल होने के लिए मदद मांगी. अनिल भी रवि के साथ ही फाइनैंस कंपनी में काम करता था. फिर क्या था रवि ने सिरे से वीडियो शूट करने की योजना बनाई. अनिल के जरिए दिव्या को फोन करवाया. दिव्या भी काफी समय से काम की कमी होने से परेशान चल रही थी.
वह काम की तलाश में कई बार दूरदूर तक जाने लगी थी. स्टेज शो भी करने लगी थी. ऐसे में जब अनिल ने उस को फोन कर एक एलबम रिकौर्ड करने की बात बताई तो वह तुरंत तैयार हो गई. अनिल ने बदले में उसे एक गाने के 5 हजार रुपए मिलने का आश्वासन भी दिया.
अनिल ने उसे घर से ही रिसीव करने और हरियाणा के एक स्टूडियो में गाने की रिकौर्डिंग की बता कही. दिव्या पहले भी अनिल से मिल चुकी थी, इसलिए बगैर कोई सवाल किए उस के साथ जाने के लिए तैयार हो गई. इस सिलसिले में वह पहले भी दिल्ली से हरियाणा जा चुकी थी.
यही कारण था कि 11 मई, 2022 की सुबह जब अनिल कार से उसे लेने घर पहुंचा तब उस के मन कोई आशंका नहीं थी, बल्कि नया काम मिलने की खुशी थी. परिवार के सभी सदस्य खुश थे कि वह काम पर जा रही थी. उन्होंने खुशीखुशी उसे विदा किया था.
गन्ने के जूस में मिला दी नशे की दवा
घर से निकलने से पहले उस ने अनिल का फोन नंबर अपनी छोटी बहन को दिया और कहा कि वह एक गाने की रिकौर्डिंग करने भिवानी जा रही है. शाम तक गाना रिकौर्ड कर के वापस आ जाएगी. उस के गाने की रिकौर्डिंग अनिल के गाने के साथ होनी है.
अनिल दिव्या को ले कर हरियाणा की तरफ निकल गया था. रोहतक के मेहम में पहुंच कर उस ने दिव्या के साथ कलानौर गांव में स्थित गुलाटी ढाबे पर खाना खाया. ढाबे पर ही दोनों ने गन्ने का जूस पिया. उस के बाद जब वे दोनों वहां से निकले, तब रास्ते में खड़ा रवि भी उस गाड़ी में सवार हो गया.
रवि के साथ दिव्या की सुलह हो चुकी थी. रवि ने दिव्या को पुरानी रंजिश भूलने और नई जिंदगी जीने का आश्वासन दिया. रवि कार में बैठने पर कुछ समय तक चुपचाप रहा. कार में चुप्पी छाई हुई थी. अनिल ने दिव्या का गाना चला कर उसे छेड़ा. फिर वे इधरउधर की बातें करने लगे और गाने गुनगुनाने लगे.
थोड़े समय बाद दिव्या की आंखें बंद होने लगी थीं. असल में अनिल ने उस के गन्ने के जूस के गिलास में नींद की 10 गोलियों का पाउडर मिला दिया था.
दिव्या ने नींद में सीट से अपना सिर टिका दिया था. थोड़ी देर में अनिल और रवि जब एकांत इलाके में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि दिव्या पूरी तरह से बेहोशी की हालत में है.
अर्द्धनग्न अवस्था में दफना दिया दिव्या को
रवि ने एक नजर अनिल पर डाली और दूसरी निगाह बेहोश दिव्या पर. अनिल ने भी दिव्या की हालत को देखा और रवि को इशारा कर दिया. सब कुछ उन की योजना के मुताबिक हो रहा था. रवि ने बेहोश दिव्या के सिर पर कार में रखे छोटे डंडे से जोरदार वार कर उसे एक झटके में निढाल कर दिया. फिर उस का गला दबा कर हत्या कर दी.
दिव्या को दोनों ने बड़ी आसानी से मौत की नींद सुला दिया था. आगे की योजना के अनुसार उस की लाश को इस तरह से ठिकाने लगाना था, जिस से उस की पहचान न हो सके और वे कभी पकड़ में न आएं.
उन्होंने कार में ही मृत दिव्या के सारे कपड़े उतार लिए. उसे सिर्फ अंडरगारमेंट में छोड़ा. उस का मोबाइल, पर्स, बैग और दूसरे सामान अपने कब्जे में ले लिए. फिर भैरो भैणी गांव में बरसाती नाले के पास हाईवे के फ्लाईओवर के पास सुनसान स्थान पर गाड़ी रोकी और झाडि़यों के बीच दिव्या की लाश को जमीन में दफना दिया.
पुलिस को अब लाश बरामद करनी थी, इसलिए पुलिस दोनों की निशानदेही पर उस जगह गई, जहां दिव्या की लाश को जमीन में दफनाया गया था. लेकिन वहां पुलिस को लाश नहीं मिली. वह लाश मेहम पुलिस पहले ही बरामद कर चुकी थी.
दरअसल, फ्लाईओवर के पास लघुशंका करने गए एक व्यक्ति को जमीन से निकला हुआ हाथ दिखाई दिया था. उस ने यह जानकारी नजदीक के चौकी इंचार्ज नफे सिंह को दी. नफे सिंह इस के बाद मौके पर पहुंचे तो हाथ देख कर उन्हें भी मामला संदिग्ध लगा.