छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले शख्स को पुलिस ने इस बिना पर धर दबोचा है कि उसने 14 लड़कियों के फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर संप्रदायिकता का विष घोलने का काम लगातार किया. इस शख्स का नाम है रवि पुजार . जैसा कि अक्सर हमारे आस पास होता है फर्जी फेसबुक और सोशल मीडिया के बहकावे में आकर हम उस आभासी दुनिया को सच समझ लेते हैं और फालो करने लगते हैं.
ऐसा अक्सर हम अपने आसपास सुनते हैं मगर यह सच है, यह आप इस तथ्यात्मक रिपोर्ट को पढ़कर दावे के साथ कह सकेंगे-
निशा जिंदल फर्जी फेसबुक अकाउंट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है .पुलिस जांच अभी में 14 फर्जी फेसबुक अकाउंट सामने आए हैं. फर्जी फेसबुक के माध्यम से सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का काम करने वाला यह शख्स लंबे समय से यही काम कर रहा था और बचा हुआ था जिससे सिद्ध होता है कि शासन प्रशासन के काम करने की शैली कितनी कमजोर है.
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हसीन लड़कियों का संजाल
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 14 फर्जी अकाउंट बनाकर सैकड़ों लोगों को बेवकूफ बनाने वाला यह शख्स इंजीनियरिंग की शिक्षा में लगातार फेल होता रहा और कितने मजे की बात है कि लोग उसके आंख बंद करके फॉलोअर्स हुए जा रहे थे. क्योंकि वह परदे के पीछे था और सामने थी एक से बढ़कर एक हसीन लड़कियों के मुसकुराते चेहरे. दरअसल, अकाउंट को महिलाओं की फोटो लगाकर आरोपी चलाता था.जिससे मनोवैज्ञानिक रूप से सैकड़ों की तादात में लोग उसके फॉलोअर्स बन गए. राजधानी पुलिस को आरोपी के 3 बैंक अकाउंट की जानकारी भी मिली है. पुलिस आरोपी के बैंक अकाउंट का डिटेल खंगाल रही है पुलिस के मुताबिक, आरोपी रवि के द्वारा ही महिलाओं की तस्वीर लगाकर इस अकाउंट्स को चलाया जा रहा था. सभी अकाउंट को वह स्वयं नियंत्रित करता था. जांच में यह बात भी सामने आई है कि इसके द्वारा ऐसे पोस्ट किए जाते थे, जिससे इसके फ्रेंड लिस्ट में शामिल लोगों की आपस में विवाद निर्मित हो जाए. फिर पोस्ट के समर्थन को लेकर कई लोग सामने आ जाते थे. मतलब स्पष्ट है कि पढ़ाई में वह भले ही फैल था मगर मनोविज्ञान की दुनिया में पहली पंक्ति में था.उसे पता था किस तरह लोगों को लड़कियों के चेहरे दिखा के अपने संजाल में फंसाया जाता है.