इस के बाद सीओ सुमित शुक्ला ने काजल की लाश वाली तसवीर कंप्यूटर में एनलार्ज कर के देखी तो वे हैरत में पड़ गए. तसवीर में काजल के सिर के जिस भाग से खून बह रहा था, वहां उस के सिर में चोट का कोई निशान नजर नहीं आ रहा था.

हैरानी वाली बात तब सामने आई, जब उस के सिर से बहे खून का निरीक्षण किया गया. पड़ताल के दौरान पता चला कि माथे पर खून जैसा दिखने वाला पदार्थ कुछ और था. क्योंकि वह खून होता तो सूख कर काला पड़ जाता, जबकि ऐसा नहीं हुआ था. यह बात पुलिस को शक करने पर मजबूर कर रही थी. इस सब से सीओ सुमित शुक्ला को यह मामला पूरी तरह संदिग्ध लगने लगा.

काजल हत्याकांड संदिग्ध लगते ही सीओ सुमित शुक्ला और थानाप्रभारी नीरज राय ने काजल के घर से दुकान आने वाले रास्ते पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की. उन फुटेज में काजल कहीं भी नहीं दिखी.

पुलिस ने फिर से काजल की काल डिटेल्स की जांच की तो पता चला उस के घर से निकलने के कुछ देर बाद ही यानी साढ़े 9 बजे उस का मोबाइल स्विच्ड औफ हो गया था. तब से उस का फोन लगातार बंद आ रहा था. पुलिस विजय और अनूप से काजल के बारे में फिर से पूछताछ करने जेल पहुंची. पूछताछ के दौरान विजय और अनूप ने पुलिस को बताया कि 10 सितंबर को काजल ड्यूटी पर आई ही नहीं थी. यह सुन कर पुलिस और भी परेशान हो गई.

पुलिस इस सोच में थी कि घर से निकली काजल दुकान नहीं पहुंची तो कहां गई? इस सवाल का जवाब पाने के लिए पुलिस जेल से लौट कर सीधे अनिल पांडेय के घर पहुंची. पुलिस ने इस बार पांडेय परिवार के सभी सदस्यों से अलगअलग पूछताछ की. पूछताछ में किसी के बयान एकदूसरे से जरा भी मेल नहीं खा रहे थे.

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