अशोक यादव की हिंदी के अलावा अंगरेजी पर भी अच्छी पकड़ थी. वह फर्राटेदार अंगरेजी तो बोलता ही था, उसे कंप्यूटर का भी अच्छा ज्ञान था. फुरसत में वह सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर नए मित्र बनाता और उन से चैटिंग करता था. जो युवकयुवतियां मन को भाते, उन से वह मोबाइल फोन के नंबर दे ले कर बातें करता रहता था.
चैटिंग के दौरान ही फेसबुक पर अशोक उर्फ जग्गा का परिचय स्वीटी उर्फ प्रतिमा चौहान से हुआ. अशोक ने उस की प्रोफाइल देखी तो पता चला कि उस की उम्र 29 साल है और वह मऊ जिले के थाना सराय लखंसी के गांव अलीनगर की चौहान बस्ती की रहने वाली है.
उस के पिता रामप्यारे चौहान किसान थे. प्रतिमा पहसा स्थित कालेज में बीटीसी की छात्रा थी. स्वीटी पढ़ीलिखी युवती थी. प्रोफाइल देख कर अशोक का रुझान उस की ओर हो गया.
फेसबुक के माध्यम से स्वीटी अशोक के संपर्क में आ गई. दोनों अकसर चैटिंग कर लिया करते थे. दोनों ने आपस में मोबाइल नंबर भी शेयर कर लिए थे. धीरेधीरे दोनों दिल खोल कर बातें करने लगे. स्वीटी अशोक के परिवार के बारे में अधिक जानकारी जुटाने का प्रयत्न करती थी. जाहिर था कि वह अशोक से प्रभावित थी, इसीलिए उस के बारे में खोजबीन करती थी.
एक दिन बातचीत के दौरान स्वीटी ने पूछा, ‘‘अशोक, मैं ने तुम्हारे परिवार के बारे में बहुत कुछ जान लिया है लेकिन यह कभी नहीं पूछा कि तुम करते क्या हो?’’
अशोक फीकी हंसी हंसा, ‘‘मुझे झूठ बोलने की आदत नहीं है, इसलिए सच बताऊंगा. सच यह है कि मैं बेरोजगार हूं.’’
‘‘मैं सीरियस हूं यार.’’
‘‘मैं भी सीरियस हूं, मजाक नहीं कर रहा हूं. सच बता रहा हूं कि मैं बेरोजगार हूं. हां, इतना जरूर है कि मैं सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रयास कर रहा हूं.’’
तब तक दोनों की दोस्ती गहरा गई थी. स्वीटी का मन अशोक को देखने, उस से मिलने और आमनेसामने बैठ कर बातें करने का था. एक दिन उस ने अशोक को पहसा आने को बोल दिया. दिन, तारीख और समय भी निश्चित कर दिया. स्वीटी के इस बुलावे को अशोक ने सहर्ष स्वीकार कर लिया.
नियत दिन और समय पर अशोक पहसा कस्बा पहुंच गया. स्वीटी उसे पहसा इटारा मोड़ पर स्थित दुर्गा मंदिर के पास मिली. दोनों को पता था कि कौन कैसे कपड़े पहन कर आएगा. इसलिए उन्हें एकदूसरे को पहचानने में दिक्कत नहीं हुई.
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अशोक का व्यक्तित्व आकर्षक था तो स्वीटी भी भरपूर जवान थी. अशोक से बातें करतेकरते स्वीटी सोचने लगी कि अगर अशोक जैसे सुंदर, सजीले युवक से उस की शादी हो जाए तो उस का जीवन सुखमय रहेगा.
स्वीटी सोच में डूबी हुई थी. तभी अशोक बोला, ‘‘तुम इतनी सुंदर होगी, मैं ने सोचा भी नहीं था. बुरा न मानो तो एक बात बोलूं?’’
स्वीटी की धड़कनें तेज हो गईं. उसे लगा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि जो मैं सोच रही हूं, अशोक भी वही सोच रहा हो. मन की बात मन में छिपा कर वह बोली, ‘‘जो कहना चाहते हो, बेहिचक कह सकते हो.’’
‘‘तुम्हें देखते ही दिल में प्यार का अहसास जाग उठा है.’’ अशोक ने उस के हाथ पर हाथ रख दिया, ‘‘आई लव यू स्वीटी.’’
प्रेम निवेदन सुनते ही स्वीटी मानो अपने आपे में नहीं रह सकी. उस ने अपना दूसरा हाथ उठा कर अशोक के हाथ पर रख दिया, ‘‘आई लव यू टू.’’
उसी समय दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. स्वीटी घर वालों की आंखों में धूल झोंक कर जब तब अशोक से मिलने लगी. अशोक भी घर वालों को बिना कुछ बताए स्वीटी के प्यार में बंध गया.
जैसेजैसे दिन बीतते गए, दोनों का प्यार दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लगा. दोनों का प्यार परवान चढ़ा तो फिर शारीरिक मिलन भी होने लगा. मऊ में दरजनों ऐसे लौज और होटल थे, जहां इस प्रेमी युगल को आसानी से कमरा उपलब्ध हो जाता था.
लगभग एक साल तक स्वीटी और अशोक का मिलन निर्बाध चलता रहा. उस के बाद अशोक स्वीटी से कन्नी काटने लगा. उस ने स्वीटी से मोबाइल फोन पर बात करना कम कर दिया था. जब कभी बतियाता भी तो वह झुंझला उठता था. शारीरिक मिलन से भी वह कतराने लगा था.
अशोक में आए इस परिवर्तन से स्वीटी उर्फ प्रतिमा चिंतित हो उठी. उसे लगा कि जो सपना उस ने देखा था, वह अधूरा रह जाएगा. स्वीटी ने इस बारे में गुप्तरूप से जानकारी जुटाई तो उस के पैरों तले से जमीन खिसकती नजर आई. उसे पता चला कि अशोक का झुकाव गाजीपुर की एक युवती की ओर है और दोनों छिपछिप कर मिलते हैं.
प्यार का घरौंदा टूटता देख स्वीटी बौखला गई. उस ने युवती के बारे में अशोक से बात की तो उस ने झूठ बोल दिया. साथ ही उस ने झुंझला कर स्वीटी से कहा कि वह उसे फोन न किया करे. वह न तो उस से मिलना चाहता है और न बात करना. इस के बाद स्वीटी और अशोक के बीच दूरियां बढ़ने लगीं. दोनों के प्यार में गहरी दरार आ गई.
इसी बीच अशोक का चयन बिहार वन विभाग में हो गया. चयन के बाद उस ने स्वीटी से और भी दूरियां बढ़ा लीं. दरअसल, अशोक को भय सताने लगा था कि अगर स्वीटी उस के पीछे पड़ी रही तो उस का भविष्य दांव पर लग सकता है. इसलिए वह उस से पीछा छुड़ाना चाहता था. दूसरी ओर उस का परिचय एक सजातीय युवती से भी हो गया था, जिस के कारण वह स्वीटी से दूरियां बनाने लगा था.
प्यार में धोखा खाने के बाद स्वीटी के दिल में अशोक के प्रति नफरत पनपने लगी थी. स्वीटी की एक करीबी सहेली सोनम यादव मऊ में रहती थी. वह भी पहसा स्थित कालेज में बीटीसी की छात्रा थी. प्यार में मात खाने के बाद वह हर बात सोनम से शेयर करती थी. एक रोज बातचीत में सोनम ने स्वीटी को उकसाया कि वह बेवफा प्रेमी को सबक सिखाए ताकि वह किसी अन्य के साथ धोखा न करे.
20 अगस्त को स्वीटी ने काल की तो अशोक ने उसे मऊ के अवधपुरी होटल में मिलने को कहा. होटल में दोनों की बातचीत हुई और शारीरिक मिलन भी हुआ. उसी दिन अशोक ने नौकरी लग जाने और ट्रेनिंग पर जाने की बात कह कर स्वीटी को फोन न करने की हिदायत दी.
इस पर स्वीटी ने कहा कि जब बात नहीं करनी है तो तुम ने जो घड़ी और अपना फोटो गिफ्ट में दिया था, वापस ले लो. इस पर अशोक ने कहा कि वह 2 दिन बाद आ कर ले जाएगा.
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लेकिन जब अशोक नहीं आया तो स्वीटी प्रतिशोध की आग में जल उठी. उस ने अपनी सहेली सोनम यादव से विचारविमर्श किया. दोनों ने बेवफा प्रेमी अशोक को सबक सिखाने की ठान ली. इस के लिए स्वीटी ने एक तेजधार वाला चाकू खरीदा और उसे अपने बैग में सुरक्षित रख लिया.
27 अगस्त, 2019 की दोपहर बाद स्वीटी अपनी सहेली सोनम यादव के साथ अशोक के घर मरूखा मझौली पहुंची. उस समय अशोक घर पर नहीं था. फलस्वरूप वे दोनों लौट गईं. जब दोनों गांव के बाहर पटरी पर पहुंचीं तभी अशोक मोटरसाइकिल से आ गया.
पहले उस की स्वीटी से झड़प हुई, फिर सोनम से. जब अशोक और सोनम में झड़प हो रही थी, तभी स्वीटी ने बैग से चाकू निकाला और अशोक के पेट में घोंप दिया. अशोक खून से लथपथ हो कर नहर की पटरी पर गिर पड़ा.
अशोक को चाकू घोंपने के बाद स्वीटी और सोनम ने तेज कदमों से नहर का पुराना पुल पार किया और मोटरसाइकिल पर मऊ की ओर जा रहे एक युवक से यह कह कर लिफ्ट मांगी कि उन दोनों को कोचिंग के लिए देर हो रही है. उस युवक ने दोनों को लिफ्ट दे दी और इस तरह वे मऊ चली गईं.
इधर पटरी पर तड़प रहे अशोक को राहगीर तथा खेतों पर काम कर रहे लोगों ने देखा तो यह खबर उस के घर वालों को दी. घर वाले उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां उस की मौत हो गई.
घर वालों ने मौत की सूचना थाना हलधरपुर पुलिस को दी तो थानाप्रभारी अखिलेश कुमार अस्पताल पहुंचे. उन्होंने जांच शुरू की तो इश्क में फंसे अशोक की हत्या का परदाफाश हुआ.
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2 सितंबर, 2019 को थाना हलधरपुर पुलिस ने आरोपी स्वीटी उर्फ प्रतिमा चौहान व सोनम यादव को मऊ कोर्ट में रिमांड मजिस्ट्रैट शशिकुमार के सामने पेश किया, जहां से दोनों को जिला जेल भेज दिया गया. पुलिस उस व्यक्ति का पता नहीं लगा पाई, जो हत्यारोपियों को अपनी मोटरसाइकिल पर बिठा कर मऊ तक लाया था.