सौजन्य- मनोहर कहानियां

लोकेशन- (भुवनेश्वर, उड़ीसा)

मध्य प्रदेश में जबलपुर की रहने वाली 38 वर्षीया अवंतिका को पढ़ाई करतेकरते शादी की उम्र कब फुर्र हो गई थी उसे पता ही नहीं चल पाया. पढ़ाई के दौरान ही 30 साल उम्र में उस ने शादी कर ली. उस का पति एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में था, लेकिन शादी के 2 साल बाद ही एक सड़क हादसे में उस के पति की मृत्यु हो गई थी. तब वह 32 साल की थी. उस के बाद उस ने अपने पैरों पर खड़ा होने की शुरूआत की. अधूरी पढ़ाई पूरी करने में जुट गई.

पति की मौत के बाद अवंतिका का ससुराल से नाता टूट चुका था. उस के मातापिता ने उस की दूसरी शादी के लिए प्रयास शुरू कर दिए. घरवालों को कभी उस के लिए वर पसंद आता था, तब लड़के के घरपरिवार में कोई न कोई खोट नजर आ जाती थी. जब कभी उन्हें घरपरिवार पसंद आता था, तब लड़के के साथ उस की कुंडली नहीं मिल पाती थी.

जन्मकुंडली के मुताबिक अवंतिका मंगल के प्रभाव वाली मांगलिक थी. इस के अलावा उस का विधवा होना भी दूसरी शादी में आड़े आ रहा था.

उस की हमउम्र सहेलियां जब कभी मायके आती थीं तब वे उस की सुंदरता की तारीफ के पुल बांध देती थीं. कारण, उस ने उदासी की जिंदगी से तौबा कर ली थी. वह सुंदर और कम उम्र वाली हसीन लड़की जैसी दिखती थी. बनठन कर जब निकलती थी, तब उस का गोरा रंग और भी निखर उठता था.

हर पहनावे में उस के उभार, लचक और शारीरिक मांसलता का ग्लैमर बरवस किसी को भी अपनी ओर खींच लेता था. चालढाल सेक्सी आदाओं वाली होती थी. फिर भी वह विधवा होने का दंश झेलने को मजबूर थी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...