सौजन्य- मनोहर कहानियां

सीमा, प्रियंका और बबीता सगी बहनें थीं. तीनों की जिंदगी भी मजे से गुजर रही थी, इन की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि भी नहीं थी. लेकिन तीनों बहनों ने जो जघन्य अपराध किया उसे जान कर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाते. और वजह सिर्फ यह थी कि तीनों बहनों में से एक बहन सीमा गौना कर के ससुराल न जा पाए...

इसी 11 अगस्त की बात है. सुबह के करीब 9 बजे थे. सूर्यनगरी के नाम से विख्यात राजस्थान के जोधपुर शहर में नांदड़ी गोशाला के पीछे नगर निगम

की एक टीम सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की हौदी की सफाई कर रही थी. सफाई करते समय टीम को कचरे की एक थैली मिली.

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इस थैली में इंसान के कटे हुए 2 हाथ और 2 पैर थे. कटे हाथपैर मिलने से वहां काम कर रहे सफाई कर्मचारियों में दहशत फैल गई. सफाई कर्मियों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी.

सूचना मिलते ही बनाड़ थाना पुलिस वहां पहुंच गई. वहां प्लांट सुपरवाइजर पूनमचंद बाल्मीकि और औपरेटर पप्पू मंडल ने बताया कि प्लांट में जाने वाली हौदी की सफाई करते समय कपड़े की एक थैली निकली.

थैली में किसी इंसान के कटे हुए 2 हाथ और 2 पैर हैं. सफेदलाल रंग इस थैली पर भाग्य लक्ष्मी टेक्सटाइल, कपड़े के व्यापारी, आनंदपुर कालू, जिला पाली छपा हुआ है.

इंसान के कटे हाथपैर मिलने का मामला गंभीर था. पुलिस टीम ने संबंधित जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी. इस पर जोधपुर के डीसीपी (ईस्ट) धर्मेंद्र सिंह यादव, एडीसीपी (ईस्ट) भागचंद, मंडोर एसीपी राजेंद्र दिवाकर, बनाड़ थानाधिकारी अशोक आंजना मौके पर पहुंच गए.

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