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सौजन्य-मनोहर 

आस्थावान लोग पुजारी और साधुओं पर आंख मूंद कर विश्वास करते हैं. लेकिन दुख तब होता है जब कुछ पाखंडी अपने यजमान की थाली में छेद करने लगते हैं. पुजारी पंडित रविशंकर शुक्ला यशवंत साहू की पत्नी माहेश्वरी के पीछे हाथ धो कर पड़ा था. इसी चक्कर में वह इतना बड़ा अपराध कर बैठा कि...

छत्तीसगढ़ के जिला बलौदा बाजार भाटापारा के पलारी थाने के अंतर्गत एक गांव है छेरकाडीह. यशवंत साहू. इसी गांव में अपनी पत्नी, छोटे भाई जितेंद्र साहू व मातापिता के साथ संयुक्त परिवार में रहता था. यह परिवार धार्मिक आस्थावान था. घर में अकसर पूजापाठ, कथा का आयोजन होता रहता था. यह पूजापाठ के ये कार्यक्रम पंडित रविशंकर शुक्ला संपन्न कराता था.

पंडित रविशंकर पास के ही गांव जारा में रहता था. आसपास के कई गांवों के लोग उसी के यजमान थे. रविशंकर शुक्ला ने होश संभालने के साथ ही पुरोहित का काम करना शुरू कर दिया था.

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एक बार की बात है. सुबह के 10 बजे यशवंत साहू के यहां सत्यनारायण की कथा का आयोजन था. उस दिन 32 वर्षीय रविशंकर शुक्ला यशवंत साहू के घर पहुंचा. यशवंत साहू ने उस का स्वागत किया. रविशंकर शुक्ला ने घर में इधरउधर नजरें दौड़ाने के बाद पूछा, ‘‘यजमान, देवी माहेश्वरी कहां हैं, दिखाई नहीं दे रहीं.’’

‘‘रसोई में है महराज, अभी आ जाएगी. आप बैठिए, मैं पूजा की कुछ सामग्री लाना भूल गया हूं, बाजार से ले कर आता हूं, तब तक आप चाय आदि ग्रहण करें.’’ यशवंत साहू ने कहा.

यशवंत साहू मोटरसाइकिल ले कर बाजार के लिए रवाना हुआ तो पंडित रविशंकर उठ खड़ा हुआ और रसोई की ओर दबे पांव आगे बढ़ा.

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