25000 करोड़ के मालिक ने की हत्या: भाग 1

आखिरी भाग

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25 नौकाओं के जरिए 200 से अधिक पुलिसकर्मी और 3 गोताखोर उन की तलाश में लग गए. हेलीकौप्टर और खोजी कुत्तों को भी मदद ली जा रही थी. लापता सिद्धार्थ ने आखिरी बार फोन पर किस से बात की थी, इस की भी छानबीन की जा रही थी.

60 वर्षीय वीजी सिद्धार्थ का जन्म कर्नाटक के चिकमंगलुरु में हुआ. उन का परिवार लंबे समय से कौफी उत्पादन से जुड़ा था. सिद्धार्थ ने मंगलुरु यूनिवर्सिटी से इकोनौमिक्स में मास्टर की डिग्री ली थी. वह अपने दम पर कुछ करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने विरासत में मिली खेती से आराम की जिंदगी न गुजार कर अपने सपने पूरा करने की ठानी.

21 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को बताया कि वह मुंबई जाना चाहते हैं. इस पर उन के पिता ने उन्हें 5 लाख रुपए दे कर कहा कि अगर वह असफल हो जाएं तो वापस आ कर परिवार का कारोबार संभाल सकते हैं. 5 लाख रुपए में से सिद्धार्थ ने 3 लाख रुपए की जमीन खरीदी और 2 लाख रुपए बैंक में जमा कर दिए.

इस के बाद मुंबई आ कर उन्होंने जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज (अब जेएम मौर्गन स्टैनली) में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में काम करना शुरू कर दिया. यहां उन्होंने 2 साल तक काम किया. 2 साल की ट्रेनिंंग के बाद सिद्धार्थ ने अपना कारोबार शुरू करने की सोची. नौकरी छोड़ कर वे बंगलुरु वापस आ गए.

उन के पास 2 लाख रुपए बचे थे. उस पैसे से उन्होंने वित्तीय कंपनी खोलने का फैसला किया. सोचविचार कर उन्होंने सिवन सिक्योरिटीज के साथ अपने सपने को साकार किया. यह कंपनी इंटर मार्केटिंग टे्रनिंग के लिए थी. उस दौर में इंटर मार्केटिंग से पैसे बनाना आसान था. इस के लिए वे अपने मुंबई (तब बंबई) के दोस्तों के शुक्रगुजार थे. इसी दौर में उन्होंने स्टौक मार्केट से खूब कमाई की.

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