जब पूरी दुनिया में कोरोना ने कोहराम मचा रखा है, ऐसे में दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज में 67 देशों से आए हजारों लोगों में बहुत से कोरोना संक्रमितों के मिलने से देशभर में हड़कंप मच गया है. इस इलाके के हजारों लोगों की जान पर बन आई है. मरकज में शामिल होने आए हजारों लोगों ने लॉकडाउन की धज्जियाँ उड़ाते हुए इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और फिर देश में.
जमाती बने इंसानियत के दुश्मन
इन लोगों से बड़ी मुश्किल से मरकज को खाली करवाया गया. लेकिन तब तक काफी सारे लोग वहां से निकल कर देश के अन्य हिस्सों में फैल चुके थे और अधिकतर लोगों को कोरोना से संक्रमित कर चुके थे. जब देश में इनकी धरपकड़ शुरू हुई तो कई जगह से ये कोरोना ग्रस्त लोग मिले. दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात ने हजारों की संख्या में इकट्ठा होकर देश भर में कोरोना के मामले बढ़ा कर सरकार को सख्ते में डाल दिया है. इन्होंने देश के कोने कोने में एक बार फिर कोरोना का खौफ बढ़ा दिया है और डॉक्टरों के साथ साथ पुलिस वालों के साथ भी अभद्र व बुरा व्यवहार कर रहे हैं. यहां तक कि ये विकृत मानसिकता के लोग नर्सिंग स्टाफ के सामने ही कपड़े बदलते हैं और उन पर थूकते हैं.
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धर्म बना कोरोना का संवाहक
जमात एक ऐसा संगठन है जो देश दुनिया में लोगों को इस्लाम के बारे में बताता है. इसके करीब 51 करोड़ सदस्य हैं. जमात का अपना एक अमीर यानी अध्यक्ष होता है, जिसके कहे अनुसार सब चलते हैं. दुनिया भर के लोग यहां इक्कट्ठा होते हैं और फिर धर्म के प्रचार प्रसार के लिए निकलते हैं. हर समूह में 10-15 जमाती होते हैं. चिंता कि बात यह है कि मरकज में शामिल लोग उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल सहित देश के कई राज्यों में पहुंच चुके हैं. अब प्रशासन इनकी तलाश में जुटा है और अधिकतर को पुलिस द्वारा छापेमारी के दौरान पकड़ कर क्वारंटीन किया गया है. इतनी बड़ी संख्या में मरकज से संक्रमितों के पाए जाने के बाद ये जानना जरूरी है कि तब्लीगी जमात में शामिल लोग कहां-कहां से दिल्ली पहुंचे थे.
लॉकडाउन की उड़ी धज्जियां
देश में तब्लीगी जमात का हेडक्वार्टर दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन दरगाह के पास मरकज के नाम से जाना जाता है. यहां कुछ समय से तब्लीगी जमात के लोग जुटते रहे और धार्मिक कार्यक्रम (जलसा) भी हुआ. कोरोना वायरस संकट के बीच अब जमात चर्चा में है और सवाल उठ रहे हैं कि कानून की धज्जियां उड़ाते हुए इसने जलसे का आयोजन आखिर किया कैसे? लॉकडाउन और धारा 144 के बीच कैसे यहां इतनी भीड़ जुटी?
दिल्ली पुलिस की ढिलाई
दिल्ली पुलिस ने मरकज के लोगों से बातचीत का 23 तारिख का वीडियो जारी किया है. इसके पहले 21 तारीख को राज्यों को एडवाइजरी भेज कर आगाह किया था.
खुफ़िया विभाग की चूक
निजामुद्दीन मरकज में पर्यटन वीजा पर पहुंचे विदेशियों की केंद्र और राज्यों के खुफिया विभाग ने पुख्ता जानकारी नहीं ली. सरकारों की खुफिया एजेंसी और प्रशासन ने साझा अभियान नहीं चलाया और न ही इन पर कोई कानूनी कार्यवाही की.
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सुस्त प्रतिक्रिया
घोर आपराधिक लापरवाही की जानकारी के बाद भी इनकी बातों पर भरोसा किया गया. इन्होंने उन्होंने हुए कार्यक्रम के बाद हजार से ज्यादा लोगों को क्वारन्टीन किया गया है. जब मामला गम्भीर हुआ तब जाकर सुरक्षा एजेंसियों की नीद खुली और उन्होंने हाथपांव मारने शुरू किए. यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को उन्हें मनाने मरकज जाना पड़ा.
सवाल उठता है कि देश संविधान से चलेगा या फतवों से? गहन संकट के इस दौर में धर्मिक और क्षेत्रीय संकीर्णता भी भारी पड़ रही है.
फिलहाल यह कहना कठिन है कि 2 सप्ताह बाद क्या हालात बनेंगे, लेकिन मानकर चला जाए कि 14 अप्रैल के बाद सब कुछ पहले जैसा ही हो जाएगा.