कोरोना संक्रमण से और कितनी मौतें होंगी यह तो आने बाला वक्त ही बताएगा लेकिन अंदाजों से परे एक रिसर्च की मानें तो इस साल के आखिर और 2021 की शुरुआत में थोक में नन्हें मुन्हे पैदा होंगे खासतौर से उन देशों में जहां लॉक डाउन है. इसमें कोई शक नहीं कि इस लाक डाउन और उसकी सोशल डिस्टेन्सिंग के चलते लाखों जिंदगियां काल के गाल में असमय समाने से बच गईं हैं लेकिन यह भी सच है कि उससे कई गुना ज्यादा जिंदगियां कोखों में अंगड़ाइयां लेने लगी हैं और यह सिलसिला लाक डाउन खत्म होने तक जारी रहने की पूरी उम्मीद है.

हार्ले थेरेपी के क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ शेरी जैकबसन ने अपने एक दिलचस्प शोध में कहा है कि अगले साल की शुरुआत में बेबी बूम आएगा. अपनी रिसर्च में शेरी ने बताया है कि लॉक डाउन के चलते लोग खासतौर से नए जोड़े बोरियत और तनाव दूर करने शारीरिक सम्बन्धों को प्राथमिकता देंगे इससे साल के आखिर तक बेबी बूम आने की पूरी संभावना है. डॉ शेरी का अधध्यन क्षेत्र हालांकि ब्रिटेन है लेकिन उनकी यह रिसर्च सैद्धान्तिक रूप से उन तमाम देशों पर लागू होती है जहां लॉक डाउन है.

भारत इससे अछूता नहीं है जहां हाल-फिलहाल 14 अप्रैल तक लॉक डाउन है, लेकिन यह अगर और बढ़ा जैसी कि संभावना जताई जा रही है तो कोई वजह नहीं कि देश किलकारियों से न गूंजे. डॉ शेरी के मुताबिक लॉक डाउन के चलते गर्भनिरोधक और कंडोम बनाने बाली कंपनियां बंद हैं, जिससे बाजार से इनका स्टाक खत्म हो गया है. ऐसे में जाहिर है युवा जोड़ों की नज़दीकियां आबादी बढ़ाने बाली भी साबित होंगी.

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